जांच की पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी कराना होगा अनिवार्य
एसआईबी की तरफ से की जाने वाली जांच की प्रक्रिया होगी और पारदर्शी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाराजगी के बाद वाणिज्यकर मुख्यालय ने व्यापारियों के उत्पीडऩ की शिकायतों को दूर करने की कवायद शुरू कर दी है। अब व्यापारिक प्रतिष्ठïानों की जांच प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य कर दिया गया है।
पिछले दिनों विभागीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने व्यापारियों के उत्पीडऩ के मुद्दे पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी। मुख्यालय को विशेष अनुसंधान शाखा द्वारा नियमों के पालन नहीं करने की शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद व्यापारिक प्रतिष्ठïानों की जांच प्रक्रिया में कई प्रावधानों को शामिल किया गया है। वाणिज्य कर मुख्यालय ने सभी जोन के एडिशनल, ज्वाइंट, डिप्टी व असिस्टेंट कमिश्नर सहित वाणिज्य कर अधिकारियों को संशोधित आदेश जारी कर दिए हैं।
ज्वाइंट कमिश्नर स्तर से होगा जांच का फैसला
किसी भी व्यापारिक प्रतिष्ठïान के खिलाफ कर चोरी की शिकायत मिलने पर जांच का फैसला ज्वाइंट कमिश्नर स्तर का अधिकारी ही करेगा। उससे नीचेेे के अधिकारी द्वारा इसके निर्देश नहीं दिए जाएंगे। जांच भी वहीं अधिकारी करेगा, जिसे ज्वाइंट कमिश्नर द्वारा नामित किया जाएगा। जांच से पहले एसआईबी के डिप्टी कमिश्नर पूरी सूचना प्रमाणिकता के साथ एकत्र करेंगे। इसमें असिस्टेंट कमिश्नर व वाणिज्य कर अधिकारी सहयोग करेंगे।
इनका पालन होगा अनिवार्य
सभी संबंधित विभागों से प्राप्त सूचना के आधार पर संबंधित व्यापारी की प्रोफाइल तैयार होगी।
जांच से पहले यह तय करना होगा कि जांच कागज पर आधारित है या वस्तु पर।
जांच में शामिल सभी अधिकारियों को जांच से संबंधित कार्य पहले आवंटित होंगे।
जांच की पूरी कार्यवाही की बॉडी बार्न कैमरे से वीडियोग्राफी की जाएगी।