- कंपनी के निदेशक के खिलाफ अधिशाषी अभियंता ने लिखाया मुकदमा
- सरोजनीनगर थाने में दर्ज हुआ मुकदमा
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के अधिशासी अभियंता टीएन मिश्र ने अहलूवालिया कंस्ट्रक्शन कंपनी के डायरेक्टर के खिलाफ जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। कंपनी पर लगभग 125 करोड़ का टेण्डर हासिल करने के लिए फर्जीवाड़ा करने का आपोप है। सरोजनीनगर पुलिस एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
यूपीएसआईडीसी के अधिशाषी अभियंता टीएन मिश्र के मुताबिक मेसर्स अहलुवालिया कंस्ट्रक्शन ग्रुप, नई दिल्ली औद्योगिक क्षेत्र अमौसी में कार्यालय व प्रदर्शनी भवन का निर्माण कार्य करा रहा है। आरोप है कि निर्माण से संबंधित टेण्डर एवं भुगतान पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर निगम की गठित समिति ने पाया कि ठेकेदार ने हेराफेरी कर टेण्डर हासिल किया है। मामले में अधिशासी अभियंता मुख्यालय एमएल सोनकर का स्पष्टीकरण भी जालसाजी की तस्दीक करता है।
प्रबंध निदेशक ने 31 जुलाई को आरोपित कंपनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिये थे। अधिशासी अभियंता ने बीती 16 अगस्त को राजधानी के एसएसपी दीपक कुमार को प्रार्थना पत्र देकर एफआईआर कराने की मांग की थी। पड़ताल के दौरान सरोजनीनगर पुलिस ने मेसर्स अहलुवालिया कंस्ट्रक्शन ग्रुप साकेत, नई दिल्ली के निदेशक मोहन अहलुवालिया के खिलाफ जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास निगम प्रबंध तंत्र ने हालही में बालाजी और गणपति पर जालसाजी की धाराओं में कानपुर के थाना कल्याणपुर में मुकदमा दर्ज कराया है। इसी फेहरिस्त में अब मेसर्स अहलूवालिया भी शामिल हो गया है। टेण्डर लेने में की गई हेरा-फेरी पर निगम तंत्र और ठेकेदारों के अपने-अपने दावे हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर वो शख्स कौन है जो अरबों की इन निविदाओं की जालसाजी का मास्टर माइंड है। निगम प्रबंध तंत्र आखिर उस पर सख्ती कब करेगा?