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उद्यमियों से नहीं होगी अवैध वसूली : महाना

  • बोले औद्योगिक मंत्री, औद्योगिक नीति के शासनादेश शीघ्र होंगे जारी
  • सूबे में उद्योगों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिये उद्योग बन्धु का सुदृढ़ होना आवश्यक : सुनील वैश्य
  • मेक इन यूपी की सफलता के लिये प्रदेश की औद्योगिक इकाईयों के उत्पादन को सरकारी खरीद में मिले वरीयता

IIA 2बिजनेस लिंक ब्यूरो

लखनऊ। सूबे के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि विगत 6 महीनों में प्रदेश में बीजेपी सरकार एवं मेरे मंत्रालय ने उद्यमियों के मन में एक विश्वास जगाया है। प्रदेश में औद्योगिक विकास में आ रही बाधायें शीघ्र दूर होंगी। उद्यमियों का सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा है। वर्तमान सरकार को विरासत में बहुत खराब औद्योगिक वातावरण मिला है। इसे वर्तमान सरकार स्वच्छ करेगी जिससे न केवल प्रदेश में स्थित उद्योग पनपेंगे अपितु प्रदेश के बाहर से भी निवेश में वृद्वि होगी।

उन्होंने कहा मैं प्रदेश के उद्यमियों को सलाम करता हूं जिन्होनें विषम परिस्थितियों में भी अपने उद्योग जीवित रखे है। मुझे ज्ञात है कि कुछ असमाजिक तत्व प्रदेश के उद्यमियों से अवैध वसूली में लिप्त हैं। इन आसामाजिक तत्वों सख्त कार्यवाही की जाएग, जिससे प्रदेश में उद्यमी किसी भी भय के बिना अपनी एवं प्रदेश की प्रगति में योगदान दे सके। उद्योग मंत्री ने उद्यमियों को आश्वस्त किया कि उनकी प्राथमिकता उद्योगो से सम्बन्धित समस्याओं के समाधान की है और उसके लिये वे हर सम्भव प्रयास कर रहे है। उन्होंने कहा नई औद्योगिक नीति से सम्बन्धित शासनादेश लगभग तैयार है और उन्हे शीघ्र ही जारी किये जायेगे जिससे औद्योगिक नीति में सरकार की घोषणाओं पर अनुपालन सुनिश्चित होगा।

इस दौरान आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील वैश्य ने प्रदेश में औद्योगिक विकास की स्थिति, लघु उद्योगो की स्थिति एवं औद्योगिक विकास से सम्बन्धित मुख्य मुद्दों पर प्रस्तुतिकरण देते हुये अपने सुझाव रखे। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश देश में महाराष्ट्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा आॢथक सम्पदा वाला प्रदेश है। पर, विगत 30 वर्षों से सूबे में औद्योगिक विकास की वृद्वि दर संतोषजनक नहीं रही है। हमेे वर्तमान सरकार से बहुत आशायें हैं। आने वाले वर्षों में प्रदेश का न केवल औद्योगिक विकास तीव्र होगा अपितु उत्तर प्रदेश देश के सभी प्रदेशो की तुलना में सबसे बड़ी इकोनॉमी के रूप में अपना स्थान ग्रहण करेगा। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश में लगभग 35 प्रतिशत जनसंख्या का भरण पोषण सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग सेक्टर द्वारा किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण सेक्टर के विकास पर अधिक ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है।

हमें वर्तमान सरकार से बहुत आशायें हैं। आने वाले वर्षों में प्रदेश का न केवल औद्योगिक विकास तीव्र होगा अपितु देश के सभी प्रदेशो की तुलना में उत्तर प्रदेश सबसे बड़ी इकोनॉमी के रूप में अपना स्थान ग्रहण करेगा।
सुनील वैश्य, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आईआईए

प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने के लिये आईआईए अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि उद्यमियों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिये उद्योग बन्धु फोरम को सुदृढ़ किया जाये, उद्योगो को स्थापित करने के लिये प्रर्याप्त भूमि उपलब्ध करायी जाये और मेक इन यूपी को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश में उत्पादित वस्तुओं को सरकारी खरीद में वरीयता प्रदान की जाये। साथ ही मेड इन यूपी प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाये तथा बन्द या बीमार उद्योगो को पुनर्जीवित किया जाये।

पश्चिमी यूपी की समस्याओं का प्रस्तुतीकरण
इस दौरान उद्यमियों ने औद्योगिक मंत्री के समक्ष अपनी समस्यायें व सुझाव रखे। खासतौर पर पश्चिमी, मध्य एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में उद्योगों की स्थिति एवं इन क्षेत्रो में औद्योगिक विकास पर क्रमश: केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य संजीव गुप्ता, आईआईए के पूर्व अध्यक्ष तरुण खेत्रपाल एवं वाराणसी के मण्डलाध्यक्ष आरके चौधरी ने प्रस्तुतिकरण दिये।

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