Breaking News
Home / Breaking News / उम्मीदों में गुजरा साल, विकास का रहा इंतजार

उम्मीदों में गुजरा साल, विकास का रहा इंतजार

  • nagar-nigam-lucknowनिगम की आय बढऩे पर ही विकास की उम्मीद की जा सकती है
  • आय बढ़ाने को लेकर योजनाएं तो बनीं, क्रियान्वित एक भी नहीं हुई

लखनऊ। नगर निगम ने अपनी आय बढ़ाने और जनता सुविधा की कई योजनाओं का खाका तो खींचा लेकिन साल खत्म होने को है और एक भी योजना धरातल पर क्रियांवित नहीं हो सकी। महत्वपूर्ण बात यह है कि जब तक निगम की आय में इजाफा नहीं होगा, तब तक वार्ड विकास की कल्पना करना मात्र सपना भर ही रहेगा। जबकि पिछले सदन में विपक्ष ने पूछा था कि आखिर निगम की आय में इजाफा क्यों नहीं हो सका है? जिसका जिम्मेदारों ने सटीक जवाब भी नहीं दिया। जिस पर काफी हंगामा भी हुआ था।
गौरतलब है कि निगम सिर्फ हाउस टैक्स वसूली से आय बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। इस वसूली से विकास कार्य कराना संभव ही नहीं है। वजह यह है कि निगम पर पहले से ही 350 करोड़ के आसपास की देनदारी है। एसटीपी को लेकर कटौती की जा रही है, जो वसूली हो रही है, उससे सिर्फ अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन ही दिया जा रहा है। सदन में एक प्रस्ताव पीएम आवास को लेकर भी लाया गया था। जिसमें निगम को पीएम आवास निर्माण के लिए जमीन आवास विकास को देनी है। यह प्रस्ताव पास तो हो गया लेकिन पार्षदों ने सवाल उठाया दिया कि इसमें निगम को क्या फायदा होगा? आवास विकास तो मकान की लागत निकाल लेगा लेकिन निगम के कोष में एक रुपया भी जमा नहीं होगा। निगम को अपनी आय बढ़ाने के स्रोत पर ध्यान देना चाहिए। पार्षदों ने यह भी मांग रखी थी कि एसटीपी को लेकर हो रही करोड़ों की कटौती को भी बंद किया जाना चाहिए, जिससे निगम के कोष में वृद्धि हो। निगम उपाध्यक्ष अरुण तिवारी के अनुसार अभी तक करीब 254 करोड़ रुपये की कटौती की गई है, अगर यह कटौती न हो तो इससे निगम की देनदारी करीब 350 करोड़ रुपये क हद तक अदा की जा सकती है। अब ऐसे ही आय के इंतजार में विकास की उम्मीद रखना तो अब नगर निगम की आदत में शुमार हो चुका है। मेयर व शहर के पार्षर्दों का एक साल का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है, लेकिन पूरे साल में एक भी कार्ययोजना जमीं पर दिखाई देना तो दूर, उस पर चर्चा तक नहीं हुई।

दशहरे की सौगात पर भी पानी
करीब डेढ़ माह पहले मेयर ने अपने जन्मदिन व दशहरा के मौके पर शहर को विकास से जुड़ी कई सौगातें दी थी। इनमें वार्डो में विकास से जुड़े कार्य शामिल थे। वार्डों में छोटे-छोटे विकास कार्य तो शुरू हुए लेकिन जनता को अभी विकास की रफ्तार नजर नहीं आ रही है। वजह यह है कि वार्डांे में होने वाले बड़े विकास कार्य नगर निगम की आय के साथ- साथ वार्ड विकास निधि पर आकर टिक गए हैं। आलम यह है कि अभी तक कई वार्डो में दूसरी वार्ड विकास निधि से जुड़े विकास कार्य शुरू भी नहीं हुए हैं।

वित्तीय स्थिति की मार
इन सभी योजनाओं को बदहाल वित्तीय स्थिति के कारण क्रियांवित नहीं किया जा सका। पूरा साल देनदारी निपटाने में निकल गया। अगर ये योजनाएं क्रियांवित हो जाती हैं, तो इनमें से कई से निगम की आय बढऩा तय था। हालांकि अब निगम प्रशासन आश्वासन दे रहा है कि इस दिशा में प्रयास शुरू किए जाएंगे।

  • ये योजनाएं धरातल पर नहीं दिखीं
    योजना प्रस्तावित धनराशि (लाख में)
    आंचल आश्रय गृह निर्माण 100.00
    सिटी म्यूजियम 70.00
    शिशु संरक्षण गृह 60.00
    नए कल्याण मंडपों का निर्माण 150.00
    मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट का निर्माण 100.00
    आधुनिक औषधालय का निर्माण 50.00
    नए विद्युत शवदाह गृह का निर्माण 50.00
    इस्माइलगंज डिग्री कॉलेज में मल्टीमीडिया सेंटर 60.00
    टैंपो शेल्टर होम 20.00
    सड़क निर्माण को स्थल पर नमूना जांच लैब 50.00
    अमीनाबाद इंटर कॉलेज में स्मार्ट क्लासेस 50.00
    पार्को में ओपेन एयर जिम का निर्माण 35.00
    मिनी स्पोट्र्स कॉम्प्लैक्स का निर्माण 30.00
    अस्थाई रैन बसेरों का निर्माण 50.00

निगम की आय बढ़ाने को लेकर कई बिंदुओं पर फोकस किया जा रहा है। जनता की सुविधा से जुड़ी जो भी योजनाएं बनाई गई थीं, उन्हें हर हालत में क्रियान्वित किया जाएगा।
संयुक्ता भाटिया, महापौर

About Editor

Check Also

vinay

सपा के प्रदेश सचिव बनें विनय श्रीवास्तव

बिजनेस लिंक ब्यूरो लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <strike> <strong>