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ऋण माफी एहसान नहीं, किसानों का हक : सीएम

  • सरकार ने प्रदेश के किसानों का फसली ऋण माफ करने का फैसला लिया, जिससे 86 लाख किसानों को राहत मिली : मुख्यमंत्री
  • राज्य सरकार किसानों के उत्थान के लिए प्रयास कर रही है, ताकि वर्ष 2022 तक उनकी आय दोगुनी की जा सके
  • लखनऊ जनपद के 7,574 किसानों को मिला ऋण माफी योजना का लाभ

kisanबिजनेस लिंक ब्यूरो

लखनऊ। जनपद के किसानों के लिये आयोजित ऋण मोचन प्रमाण-पत्र वितरण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा ऋण माफी किसानों के ऊपर कोई एहसान नहीं है, बल्कि ये उनका हक है। सत्ता में आते ही राज्य सरकार ने अपनी पहली बैठक में प्रदेश के किसानों के फसली ऋण माफी का फैसला लिया, जिससे 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों को राहत मिली। इसके लिए उत्तर प्रदेश फसल ऋण मोचन योजना लागू की गयी। राज्य सरकार किसानों के उत्थान के लिए हर प्रकार के प्रयास करेगी, ताकि प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसे पूरा किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा, ऋण माफी योजना के तहत लखनऊ जनपद के 7,574 किसानों को लाभान्वित किया गया। पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर इस योजना के तहत पात्र किसानों को लाभान्वित किया जाएगा। राज्य सरकार किसानों के हक में ऐसी व्यवस्था करने जा रही है, जिसमें किसानों के राजस्व खाते-खतौनी इत्यादि आवश्यक विवरण उनके आधार नम्बर से जोड़े जाएंगे, जिसके चलते अब उनकी जमीनों को हड़प पाना मुश्किल होगा। साथ ही सरकार किसानों को हर प्रकार की सुरक्षा प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री पिछली राज्य सरकारों पर किसानों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुये कहा किसानों को खाद, बीज लेने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता था और अकसर लाठियां भी खानी पढ़ती थीं, लेकिन अब किसानों को ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा था क्योंकि पिछली सरकारों का फोकस किसान पर नहीं था। उन्हें किसानों की समस्याओं के समाधान से कोई मतलब नहीं था, परन्तु अब स्थिति बदल गयी है और केन्द्र और राज्य सरकार के केन्द्र में किसानों का उत्थान है।

मुख्यमंत्री ने फसल ऋण मोचन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इसके तहत राज्य सरकार द्वारा लघु एवं सीमान्त किसानों द्वारा 31 मार्च 2016 तक लिए गये फसली ऋण में 2016-17 में जमा की गयी धनराशि को घटाते हुए 31 मार्च 2017 तक बकाया धनराशि का एक लाख रुपये की सीमा तक ऋण मोचन करने का फैसला लिया गया है। इससे प्रदेश सरकार पर 36 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय भार आया है, जिसकी भरपाई राज्य सरकार द्वारा वित्तीय अनुशासन कायम रखते हुए की गयी है।

सरकार के इस फैसले से किसानों की आॢथक स्थ्ति में सुधार होगा और उनके क्रय शक्ति में बढ़ोत्तरी होने से पूरे प्रदेश की आॢथक स्थिति में सुधार होगा। इस योजना के तहत प्रथम चरण में ऐसे किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है, जिनके ऋण खाते आधार कार्ड से जुड़ चुके हैं। इसके बाद जो पात्र किसान शेष बचेंगे उनको दूसरे व तीसरे चरण में लाभान्वित किया जाएगा।

उपज का मिलेगा लाभकारी मूल्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की हर सम्भव मदद कर रही है। उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिलना भी सुनिश्चित किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा स्थापित किये गये गेहूं खरीद केन्द्रों के माध्यम से इस वर्ष किसानों से गेहूं की रिकॉर्ड 37 लाख मीट्रिक टन खरीद हुई। इसी प्रकार, बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत किसानों का एक लाख मीट्रिक टन आलू खरीदने की व्यवस्था की गयी, जबकि गन्ना किसानों को 23,500 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करवाया गया। बाकी बचे 2000 करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भी शीघ्र भुगतान करवाया जाएगा।

किसानों के लिये उत्सव का दिन : राजनाथ सिंह
इस दौरान केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे में किसानों के लिए फसली ऋण माफी योजना लागू करके किसानों को लाभान्वित किया है। यह कार्य उन्होंने 100 दिन के अन्दर किया, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। आज प्रदेश के छोटे किसानों के लिए उत्सव का दिन है। यह एक करिश्माई काम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा अब तक किसानों के हित में कई काम किये जा चुके हैं, जिनमें गेहूं खरीद, आलू खरीद इत्यादि शामिल हैं।

किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य हर हाल में मिलना चाहिए। केन्द सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की उपज दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे किसानों की खेती में लगने वाली लागत को कम करके हासिल किया जा सकता है, जिसके लिए मोदी सरकार ने खाद की कीमत में कमी की है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित हो रहे हैं। कम प्रीमियम देकर अधिक बीमा हो रहा है। सभी प्रमुख मण्डियां इण्टरनेट से जोड़ी गयी हैं और किसान अपनी फसल प्रदेश की किस मण्डी में बेचना चाहता है, इसकी सूचना उसे इण्टरनेट के माध्यम से मिल रही है। अभी हमें किसानों की प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाने की दिशा में काम करना है।

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