- शाखा स्तर पर एवं मण्डल स्तर के बड़े बकायेदारों की सूची बनाते हुये ऋण वसूली की कार्यवाही की जाय
- बैंक की कुल मांग 2519. 25 करोड़ रुपये के सापेक्ष 565. 27 करोड़ रुपये की वसूली हुई : मुकुट बिहारी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक की कुल मांग 2519.25 करोड़ रुपये के सापेक्ष 565.27 करोड़ रुपये की वसूली हुई है, जो गतवर्ष के सापेक्ष 329.51 करोड़ रुपये अधिक है। मुरादाबाद, बरेली, मेरठ, आगरा, सहारनपुर, अलीगढ़ एवं लखनऊ मंडल की वसूली संतोषजनक पायी गयी है। वहीं मिर्जापुर, बस्ती, चित्रकूट, देवीपाटन, आजगढ़, झांसी एवं वाराणसी मंडल में ऋण वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिये गये हैं। प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक के उच्चाधिकारियों एवं मंडल पर्यवेक्षकों के साथ बैंक में ओटीएस योजना-2018 व अन्य व्यवसायिक कार्यों की समीक्षा की। एकमुश्त समाधान योजना-2018 पांच अप्रैल २018 को लागू की गयी थी, इस योजना के अन्तर्गत 2,44,598 बैंक के बकायेदार आच्छादित हैं, जिनमें से 12,588 बकायेदार सदस्यों से समझौते हुये। इन समझौतों से 7513.50 लाख की वसूली हुई और 8620.58 लाख रुपये की छूट प्रदान की गयी।
इस दौरान सहकारिता मंत्री ने बैंक प्रबंध तंत्र को निर्देश दिये कि बैंक की निरंतर वसूली कार्यवाही एवं व्यवसाय वृद्धि के लिए मंडल स्तर पर क्षेत्रीय कार्यालय खोलकर वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती की जाय, जिससे पूर्ण रूप से नियमित मानीटिरिंग हो सके। शाखा एवं मंडल स्तर के बड़े बकायेदारों की सूची बनाकर वसूली की जाय। ऐसी शाखायें जो हानि में हैं, उन्हें लाभ की श्रेणी में लाने के प्रयास किये जाय। सहकारिता मंत्री ने प्रदेश के सबसे बड़े बकायेदारों की वसूली ओटीएस योजना के तहत होने पर काॢमकों की प्रशंसा करते हुये अधिकारियों को निर्देशित किया कि बैंक की 13 शाखायें जिनकी आउटस्टैडिंग दो करोड़ रुपये से कम है, ऐसी शाखाओं को योजनाबद्ध तरीके से बैंक मुख्यालय से व्यवसाय के लिये धनराशि प्रेषित की जाय और लाभ अॢजत करने के लिये सम्बन्धित शाखा प्रबंधक एवं अधिकारी की परफारमेंस के आधार पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। उन्होंने बैंक से सेवानिवृत्त, मृतक, त्यागपत्रित कॢमयों के लम्बित भुगतानों के त्वरित गति से निस्तारित करने के निर्देश दिये। इसी प्रकार अनुशासनात्मक कार्यवाही के अन्तर्गत लम्बित अपीलों का समयबद्ध तरीके से नियमानुसार निस्तारण करने के निर्देश दिये, जिससे सेवानिवृत्त काॢमको को अनावश्यक भाग-दौड़ न करना पड़े। सहकारिता मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ऋणमोचन योजना लागू की गयी है, जो मुख्यत: लघु व सीमान्त कृषको के लिए है, यह बैंक भी अपने व्यवसाय का लगभग 95 प्रतिशत ऋण प्रदेश के लघु व सीमान्त कृषकों को ही देती है।
उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक के प्रबंध निदेशक केपी सिंह ने कहा, वर्ष 2017-18 में 123 शाखायें लाभ की श्रेणी में है, जबकि गतवर्ष मात्र 10 शाखायें लाभ में थी। उन्होंने बताया कि बैंक अधिकारियों द्वारा ग्रेड-पे, वेतनमान एवं एसीपी का शीघ्र से शीघ्र लागू करने के लिये अनुरोध किया गया, जिस पर सहकारिता मंत्री ने आश्वासन दिया कि निबंधक कार्यालय से जानकारी प्राप्त कर शीघ्र नियमानुसार कार्यवाही करायी जायेगी। केपी सिंह ने बताया कि बैठक में सहकारिता मंत्री ने निर्देशित किया है कि आगामी बैठक में जिन मंडलों का कार्य अच्छा होगा, उन मण्डलो के काॢमकों की प्रशंसा की जायेगी तथा जिन मण्डलो का कार्य अपेक्षानुरूप ठीक नहीं होगा, उन मंडलों के काॢमकों पर कार्यवाही की जायेगी।
सहायक महाप्रबंधक से महाप्रबंधक स्तर के अधिकारियों को मंडल आवंटित करते हुये शाखाओं के व्यवसायिक कार्यों का नियमित पर्यवेक्षण किया जा रहा है। शाखाओं के व्यवसाय में वृद्धि के लिये मंडल स्तर पर शाखा प्रबंधको की बैठक कर निर्देशित किया गया है।
केपी सिंह, एमडी, एलडीबी