- यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने भूमि क्रय एवं पुनर्ग्रहण कार्य में अधिकारियों ने की सुस्ती पर व्यक्त किया असंतोष
- क्रय की गयी भूमि के भुगतान में पारदॢशता तथा विक्रेता के खाते में धन भेजे जाने के दिये निर्देश
- सभी जिलाधिकारियों को कार्यों के त्वरित निष्पादन के लिये उपलब्ध कराये गये संसाधन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे परियोजना के लिये भूमि क्रय करने के निर्धारित लक्ष्य से कम भूमि क्रय किये जाने पर असंतोष व्यक्त किया है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा परियोजना से जुड़े नौ जनपदों में भूमि क्रय के निर्धारित लक्ष्य 4724 हेक्टेयर के सापेक्ष भूमि क्रय द्वारा 1793 हेक्टेयर एवं पुर्नग्रहण द्वारा 33 हेक्टेयर कुल 1827 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है, जो निर्धारित लक्ष्य का 38.67 प्रतिशत है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने लखनऊ, गाजीपुर, आजमगढ़ तथा बाराबंकी के जिलाधिकारियों को कार्य में तेजी लाने को कहा है।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बीते सप्ताह पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से जुड़े जनपदों में भूमि की आवश्यकता तथा भूमि क्रय व पुर्नग्रहण के आधार पर भूमि उपलब्धता की समीक्षा की। श्री अवस्थी ने बताया कि यूपीडा के 09 वरिष्ठ अधिकारियों को भूमि क्रय व अधिग्रहण की स्थिति से अवगत कराने के लिये भेजा गया था, जिसके आधार पर भूमि क्रय के लिये दैनिक लक्ष्यों का निर्धारण किया गया है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे परियोजना के लिये आगामी दो माह में आवश्यक भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करा लें। उन्होंने कहा कि वे स्वयं 15 दिन के अन्तराल पर भूमि उपलब्धता की स्थिति की समीक्षा करेंगे। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि भू-स्वामियों को उनकी भूमि का प्रतिफल, मूल्य समय से उपलब्ध कराने के लिये संबंधित जिलाधिकारियों को पर्याप्त मात्रा में धनराशि आवंटित कर दी गयी है। इसके अतिरिक्त सभी जनपदों में वाहन तथा कम्प्यूटर आपरेटर इस कार्य से जुड़े अधिकारियों को उपलब्ध कराये गये हैं।
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि भूमि क्रय के भुगतान में पूर्ण पारदॢशत बरती जाय। बैनामा प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात भूमि का मूल्य व प्रतिफल संबंधित विक्रेता के खातों में भेजा जाय। ग्राम समाज व सहकारी भूमि के अधिग्रहण कार्यों में तेजी लायी जाय। मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए भूमि अर्जन हेतु प्रारूप 18 पर प्रस्ताव उपलब्ध कराये जाने की स्थिति की समीक्षा की गयी। उन्होंने परियोजना के संरेखण में आने वाली भूमियों के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू किये जाने के संबंध में परियोजना हेतु प्रारूप 18 में अंकित भूमि में से यूपीडा के पक्ष में क्रय की गयी भूमि को घटाकर संषोधित प्रारूप उपलब्ध कराये जाने के संबंध में निर्देश संबंधित जिलाधिकारियों को दिये।
आठ पैकेजों में बनेगा एक्सप्रेस-वे
पूर्वांचल एक्सप्रेस- वे परियोजना का निर्माण कार्य 8 पैकेजों में विभाजित किया गया है, प्रत्येक पैकेज में लगभग 40 या 45 किमी सड़क का निर्माण निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराया जायेगा। संरेखण के अंतर्गत आने वाले राजकीय भवनों जैसे विद्यालय, स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत भवन या अन्य शासकीय संपत्ति हैंडपाइप, विद्युत लाइन का निस्तारण या स्थान परिवर्तन कराने के लिए भूमि उपलब्ध करानी होगी। इस कार्य पर व्यय होने वाली धनराशि यूपीडा द्वारा वहन की जायेगी। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के लिए आवश्यक जमीन का अधिग्रहण रिकार्ड टाइम में पूर्ण कराते हुए संबंधित किसानों को उचित मूल्य का भुगतान कराया गया है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लगभग 348 किमी लम्बा होगा, जो लगभग 120 मीटर चौड़ा होगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे मार्ग सर्विस रोड भी प्रस्तावित है। लखनऊ से बलिया की यात्रा लगभग साढ़े चार घंटे में पूरी की जा सकेगी।