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१२ लाख ग्रामीण उपभोक्ताओं के यहां लगेगा मीटर

मध्यांचल प्रबंधन ने तैयार करायी लिस्ट

औसत बिलिंग से बनाये जा रहे थे बिल, विभाग को राजस्व का हो रहा था नुकसान

लखनऊ। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की सीमा में आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में अब उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगेगा। ग्रामीण क्षेत्र के अनमीटर्ड करीब 12 लाख उपभोक्ताओं की लिस्ट मध्यांचल प्रबंधन ने तैयार करायी है। वर्तमान समय में लाखों उपभोक्ताओं के यहां बिना मीटर बिजली का उपयोग किया जा रहा है। बिना मीटर बिजली का उपयोग किये जाने से विभाग को राजस्व का नुकसान हो रहा है। कंपनी की ओर से ऐसे उपभोक्ताओं की औसत बिलिंग तो की जा रही है जिसकी वजह से कंपनी को राजस्व का नुकसान हो रहा है। राजस्व के नुकसान को देखते हुए कंपनी के अधिकारियों ने नए सिरे से इन सभी उपभोक्ताओं के घरों में मीटर लगाने की योजना तैयार की है। इस योजना को शुरू करने के लिए अधिकारी कई बार मंथन भी कर चुके हैं। कंपनी के अधिकारियों ने हाल में ही ऐसे उपभोक्ताओं की लिस्ट तैयार कराई है, जिनके यहां बिजली मीटर नहीं लगे हैं। यह पूरी लिस्ट मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत 19 जिलों में आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी हुई है। लिस्ट में करीब 12 से साढ़े बारह लाख उपभोक्ताओं को शामिल किया गया है। विभाग के इस कदम से उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी। दरअसल जिन उपभोक्ताओं के यहां मीटर नहीं लगे हैं, वे अक्सर अधिक बिल आने की शिकायतें करते रहते हैं। उन्हें लगता है कि विद्युत खपत से अधिक बिल आया है। जब मीटर लग जाएंगे तो उपभोक्ता खुद भी आसानी से जान सकेंगे कि हर माह उन्होंने कितनी बिजली खर्च की। जिसकी वजह से उनकी शिकायतें दूर हो जाएंगी। वहीं मीटर लग जाने के बाद उपभोक्ताओं द्वारा की जाने वाली बिजली की बर्बादी पर भी रोक लग सकेगी। ऐसे ग्रामीण इलाके जहां पर बिना मीटर के बिजली आपूर्ति की जा रही है वहां पर उपभोक्ता बिजली बचत को लेकर जागरुक नहीं हैं। ऐसे इलाकों में दिन में भी बल्ब जलते रहते हैं। साथ ही बिना जरुरत के भी पंखे समेत अन्य विद्युत उपकरण चलते रहते हैं। जिससे अनावश्यक रुप से बिजली की बर्बादी होती है। मीटर लगने के बाद बिजली की बर्बादी पर भी काफी हद तक लगाम लग जाएगी।

औसत बिलिंग से राजस्व को नुकसान

शहरी क्षेत्र में मीटर लगे होने से विद्युत खपत की जानकारी आसानी से हो जाती है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में मामला इसके बिलकुल उलट है। ग्रामीण इलाकों में भले ही इन उपभोक्ताओं की अनुमानित विद्युत खपत के हिसाब से हर महीने औसत बिलिंग की जाती हो, लेकिन मीटर न होने के कारण यह पता लगा पाना बहुत मुश्किल होता है कि उपभोक्ताओं के यहां हकीकत में कितनी विद्युत खपत हुई है। मीटर लगने के बाद इस बात का आसानी से आंकलन किया जा सकेगा कि उपभोक्ता हर माह कितनी बिजली जला रहे हैं। फिर मीटर की खपत के हिसाब से बिलिंग की जाएगी।

इन जनपदों में लगेंगे मीटर

बदायूं, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बाराबंकी, रायबरेली, फैजाबाद, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर के ग्रामीण क्षेत्रों के विद्युत उपभोक्ताओं के घर पर बिना मीटर के बिजली जल रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अभी करीब 12 से साढ़े बारह लाख उपभोक्ता ऐसे चिन्हित किए गए हैं, जिनके यहां बिजली मीटर नहीं लगे हैं। अब इन सभी उपभोक्ताओं के यहां बिजली मीटर लगाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
downloadअजीत सिंह, निदेशक तकनीकी, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम

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