ऊंची पहुंच से डिवीजनों में वर्षो से जमे बाबुओं का कायम है पूरा दबदबा
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक संजय गोयल ने लेसा में काफी दिनों से एक ही पटल पर जमे बाबुओं का तबादला किये जाने का आदेश दिया था। एमडी के आदेश देने के बावजूद अभी भी लेसा में तमाम बाबू अपनी ऊंची पहुंच के चलते सीट पर काबिज हैं। सूत्रों का कहना है कि इन बाबुओं का पटल बदलने का आदेश भी हो गया था लेकिन उन्हें कोई सीट से हिला नहीं पाया। जिसका नतीजा है कि सालों से एक ही पटल पर जमे बाबू उपभोक्ताओं के बिलों में हेराफेरी कर लाखों का बिल सैकड़ों में तब्दील कर उपभोक्ताओं से उगाही करने में जुटे हुए हैं।
लेसा के सिस गोमती सर्किल के सेस प्रथम डिवीजन में एक बाबू का दबदबा अभी भी कायम है वह इस डिवीजन में पिछले 18 वर्षों से एक ही पटल पर तैनात है। एमडी के आदेश के बाद भी हटाने की बात छोडि़ए पटल तक नहीं बदला जा सका। बीते माह एमडी के कड़े निर्देश के बाद लेसा के अधिकारियों ने उसका तबादला लेसा जोन से बाहर कर दिया लेकिन बाद में मजबूरन उसका तबादला निरस्त करना पड़ा। उक्त बाबू का तबादला करने वाले अधिकारियों की कुर्सी भी बचानी मुश्किल दिख रही है। इसी प्रकार इन्द्रलोक कालोनी स्थित बिजली विभाग में कार्यरत बाबू राजकुमार को पिछले साल एंटी करप्शन की टीम ने काम के बदले घूस मांगने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। वहीं लेसा के अपट्रान, ऐशबाग, चौक, चौपटिया, सेस द्वितीय, आलमबाग, कानपुर रोड, मोहनलालगंज, रेजीडेंसी, मलिहाबाद, सेस द्वितीय, अमीनाबाद, राजभवन डिवीजनों में आज भी दर्जनों बाबू ऐसे हैं जो सालों से एक ही पटल पर जमे हुए हैं। इसी प्रकार लेसा ट्रांसगोमती के महानगर, इन्दिरानगर, मुंशी पुलिया, चिनहट, गोमतीनगर, डालीगंज, सीतापुर रोड, रहीमनगर डिवीजनों में भी कई बाबूओं का स्थानान्तरण दूसरे स्थानों पर होने के बाद भी ऊंची पहुंच के चलते अभी तक डिवीजन में ही जमे हुए हैं। जानकारों का कहना है कि डिवीजनों में सालों से कार्यरत इन बाबूओं को बड़े साहब भी हटने नहीं देते, कारण उनके तमाम काम यह बाबू ही निपटाते हैं। इस तरह की शिकायतों को लेकर ही एमडी मध्यांचल ने कड़ा रुख अपनाते हुए बाबुओं का तबादला करने के आदेश भी दिये थे। लेकिन बाबूओं की सीट हिला पाना किसी के लिए मुमकिन नहीं दिखायी पड़ रहा है।