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औद्योगिक भूमि से हटेगी ‘आस्था की फैक्ट्री’

  • उच्च न्यायालय ने दिया जमीन से अवैध कब्जा हटाने का निर्देश
  • हाईकोर्ट ने कहा, डेरा सच्चा सौदा की घटना से सबक लेते हुए करें सुरक्षा इंतजाम
  • मथुरा में यूपीएसआइडीसी की जमीन पर जयगुरुदेव धर्म प्रचार संस्थान के कब्जे का मामला

upबिजनेस लिंक ब्यूरो

लखनऊ। जनपद मथुरा में बाबा जय गुरुदेव धर्म प्रचार संस्थान के कब्जे से उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम की औद्योगिक भूमि मुक्त होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने औद्योगिक भूमि से अवैध कब्जे को हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि कार्रवाई के दौरान पुख्ता सुरक्षा इंतजाम रखे जाये, ताकि डेरा सच्चा सौदा जैसी घटना की पुनरावृत्ति न हो सके।

उच्च न्यायालय ने साथ ही यूपीएसआइडीसी के क्षेत्रीय निदेशक को आदेश दिया है कि रिहाइशी कालोनी स्थित औद्योगिक क्षेत्र में स्वीकृत पांच पार्क व खाली जमीन पर उद्योगों का आवंटन रद कर पार्क बहाल करें। उच्च न्यायालय ने कहा उद्योगों को अन्य स्थान पर जमीन दें या ब्याज सहित पैसा वापस करें। कोर्ट ने मुख्य सचिव व क्षेत्रीय निदेशक से अनुपालन रिपोर्ट मांगी है।

याचिका की अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी। न्यायमूर्ति अरुण टंडन तथा न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा की खंडपीठ ने राजेन्द्र सिंह की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव से कहा है कि एक सप्ताह में संस्थान को कारण बताओ नोटिस दें और एक सप्ताह में ही जितनी भी जमीन पर अवैध कब्जा पाया जाय उसे हटाकर निगम को जमीन का कब्जा दिलायें। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास निगम ने पन्नापुर महौली गांव की जमीन औद्योगिक क्षेत्र के विकसित करने के लिए अधिग्रहित की थी, जिसमें योजना के तहत पांच पार्क छोड़े गये थे जो रिहाइशी कालोनी में थे।

बाद में यूपीएसआइडीसी ने पार्क को उद्योग के लिए आवंटित कर दिया और पार्क को शिफ्ट करने का फैसला लिया। पार्क उसी जमीन पर शिफ्ट किया जा रहा है जिस पर बाबा जयगुरुदेव के अनुयायियों ने कब्जा कर रखा है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुये कहा, घनी आबादी में ताजी हवा जरूरी है। ताजी हवा अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार में शामिल है। कानूनन, पार्क की जमीन को उद्योग के लिए नहीं दिया जा सकता, पार्क के स्वरूप से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। कोर्ट ने अवैध कब्जे वाली जमीन को खाली कराकर यूपीएसआइडीसी को सौंपकर मुख्य सचिव को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

रूमा में कब्जामुक्त हुआ औद्योगिक भूखण्ड
कानपुर के रूमा औद्योगिक क्षेत्र में भूखंड संख्या सी-35 पर अवैध कब्जे के कारण आवंटी औद्योगिक इकाई की स्थापना नहीं कर पा रहे थे। यूपीएसआइडीसी की टीम ने मौके पर पहुंचकर पुलिस बल की मौजूदगी में कब्जा खाली कराकर निर्माण कार्य शुरू कराया। उद्योग बंधु की बैठक में भूखंड के मालिक बद्री प्रसाद गुप्ता ने भूमि पर अवैध कब्जे का मुद्दा उठाया था। डीएम सुरेंद्र सिंह ने कब्जा हटवाने के लिए यूपीएसआइडीसी के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखा था। प्रबंध निदेशक के आदेश पर क्षेत्रीय प्रबंधक राकेश झा महाराजपुर थाने की पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और निर्माण कार्य शुरू कराया।

पतंजलि का मामला पहुंचा हाईकोर्ट
वहीं इसके अलावा बाबा रामदेव के पतंजलि योग संस्थान का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है। संस्थान पर आरोप है कि उद्योग लगाने के लिए आवंटित साढ़े चार हजार एकड़ जमीन पर खड़े छह हजार पेड़ों को काट दिया गया। यही जमीन याची को पेड़ लगाने के लिए 30 साल के पट्टे पर दी गई थी, जिसका विवाद सिविल कोर्ट में चल रहा है। याचिका की सुनवाई करते हुये 29 अगस्त को कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण, यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण और जिलाधिकारी से जानकारी मांगी है। गौतमबुद्ध नगर के औसाफ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुनवाई न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल और न्यायमूर्ति अशोक कुमार की खंडपीठ कर रही है।

चर्चो का ब्यौरा हुआ तलब
एक अन्य मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने धार्मिक स्थलों की होने के बावजूद कामर्शियल लिहाज से इस्तेमाल की जा रही संपत्तियों का ब्यौरा मांगा हैं। यह आदेश जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस डीएस त्रिपाठी की बेंच ने स्वराज्य पार्टी ऑफ इंडिया की ओर से दाखिल याचिका पर दिया।

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