लखनऊ।
राजधानी की विकसित कालोनियों के हस्तांतरण की प्रक्रिया नगर निगम और एलडीए के बीच केवल कागजों पर चल रही है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी हस्तांतरण प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। एलडीए ने कालोनियां विकसित कर इनके हस्तांतरण को लेकर नगर निगम से केवल अभी तक पत्राचार ही करता रहा है। वहीं नगर निगम ने इन कालोनियों में सड़क, नाली, सीवर, ड्रेनेज व पानी की सुविधाएं देने के लिए खर्च की मांग की है। ऐसे में कालोनियों के हस्तांतरण की कार्रवाई पूरी होने से पहले ही अटक जाती है। बीते दिनों इस मामले को लेकर हुई बैठक में तय हुआ था कि दोनों विभागों के इंजीनियर संयुक्त रुप से सर्वे करेंगे। जानकारी के मुताबिक नगर निगम के मार्ग प्रकाश विभाग ने इन कालोनियों के हस्तगत करने से पहले यहां पर स्ट्रीट लाइट के लिए 6.22 करोड़ और कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन के लिए करीब 5 करोड़ रुपए की मांग की है। जबकि सड़क, नाली, ड्रेनेज व सीवर और पेयजल को लेकर नगर निगम व जलकल विभाग की भी मांग है। शारदा नगर योजना के रक्षा खंड उद्यान-दो स्थित झील के सौंदर्यीकरण के कार्यों को भी हस्तगत किया जाना है। मेसर्स एल्डिको हाउसिंग एंड कान्सट्रक्शन लिमिटेड ने रक्षा खंड उद्यान दो को विकसित किया था, जिसे नगर निगम को हैंडओवर किया जा चुका है। इसी योजना के बीच में स्थित झील का सौंदर्यीकरण का कार्य एलडीए ने अवस्थापना विकास निधि से कराया है। इसके रख रखाव के लिए इसे नगर निगम को हस्तांतरण किया जाना है।
20 प्रतिशत अवैध कालोनियों को करना था वैध
महायोजना के विपरीत अनियोजित तरीके से विकसित हो रही अवैध कालोनियों पर एलडीए रोक नहीं लगा पा रहा है। साल दर साल लगातार बढ़ रही अवैध कालोनियों से अवस्थापना सुविधाओं पर भी असर पड़ रहा है। इनके विनियमित करने को लेकर मास्टर प्लान के नियम भारी पड़ रहे हैं। हालांकि प्रदेश सरकार ने अवैध कालोनियों के विनियमित करने को लेकर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे। इसके अंतर्गत बीते वर्ष 20 प्रतिशत अवैध कालोनियों के वैध करने का लक्ष्य दिया गया था लेकिन कोई कार्ययोजना नहीं बन सकी है। निर्धारित लक्ष्यों को सौ फीसदी पूरा करने के लिए विस्तृत कार्य योजना मांगी गई थी। लेकिन एलडीए ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की।
विभागों के सहयोग से बस रहीं अवैध कालोनियां
विस्तारित क्षेत्र को छोड़ दें तो नगर निगम सीमा में ही अवैध कालोनियों के विनियमितीकरण की कार्रवाई लंबे वर्षों से लटकी हुई है। पहले चरण में 241 में से सात कालोनियों का विनियमितीकरण किया जाना था। आलम यह है कि यह अवैध कालोनियां शहर में ही मौजूद हैं। इन कालोनियों में नगर निगम व बिजली विभाग सारी सुविधाएं भी मुहैया करा रहा है। लखनऊ महायोजना 2021 में चिन्हित 241 अवैध कालोनियों के विनियमितीकरण के लिए आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने गाईड लाइन निर्धारित की है। इन कालोनियों में मानक के अनुसार सड़क की चौड़ाई, नाली, जन विकास व पार्क आदि न होने से इनके वैध होने में समस्याएं आ रही हैं।
हैंडओवर होनी हैं ये कालोनियां
गोमती नगर के विभूति खंड, विकल्प व विराज खंड, जानकीपुर योजना में सेक्टर जे, एच व विस्तार में समस्त सेक्टर, शारदा नगर योजना रतन खंड, मानसरोवर योजना के समस्त सेक्टर, ट्रांसपोर्ट नगर योजना, कानपुर रोड योजना सेक्टर आई व जे