- बकाये गन्ना मूल्य भुगतान के लिये चीनी मिल प्रबंध तंत्र के साथ हुई समीक्षा बैठक
- डिफाल्टर चीनी मिलों के प्रतिनिधियों को प्रमुख सचिव ने लगाई फटकार, अविलम्ब भुगतान कराने के दिये निर्देश
- अब तक गन्ना किसानों को कुल देय 35,289 करोड़ के सापेक्ष 22,910 करोड़ का हुआ भुगतान
- 50 प्रतिशत से कम भुगतान वाली 28 चीनी मिलों को 15 दिनों में भुगतान करने के निर्देश, न करने पर कड़ी कार्रवाई
लखनऊ। प्रदेश के गन्ना किसानों का 12,379 करोड़ गन्ना मूल्य बकाया है। गन्ना किसानों को चीनी मिलों ने अब तक कुल देय 35,289 करोड़ के सापेक्ष 22,910 करोड़ का भुगतान किया है। बीते दिनों किसानों को बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिये प्रमुख सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग ने डिफाल्टर चीनी मिलों के प्रतिनिधियों को फटकार लगाई है। उन्होंने अविलम्ब शेष गन्ना मूल्य भुगतान शीघ्र कराने के निर्देश दिये हैं।
विभागीय समीक्षा में पाया गया कि गन्ना किसानों को गत पेराई सत्र में इस अवधि तक 22,644 करोड़ का भुगतान कराया गया था, जबकि पेराई सत्र 2017-18 में इस समय तक 22,910 करोड़ रुपये का भुगतान कराया गया है। वर्तमान पेराई सत्र में कुशीनगर जिले की बिरला समूह की हाटा चीनी मिल द्वारा शत-प्रतिशत भुगतान किया गया है। साथ ही बहराइच जिले की पारले गु्रप की परसेण्डी चीनी मिल ने 97 प्रतिशत गन्ना किसानों का भुगतान किया है। इसके अलावा निजी क्षेत्र की 13 चीनी मिलों ने 80 प्रतिशत से अधिक भुगतान किया है।
इन चीनी मिलों में दतौली, तुलसीपुर, हैदरगढ़, मिझौरा, बिसवा, लोनी, रूपापुर, दौराला, बहादुरपुर, बुन्दकी, देवबन्द, खतौली और टिकौला चीनी मिल शामिल हैं। प्रमुख सचिव ने 50 प्रतिशत से कम भुगतान करने वाली 28 चीनी मिलों को 15 दिनों में बकाया गन्ना मूल्य भुगतान करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही इन चीनी मिलों को चेताया है कि बकाया गन्ना मूल्य भुगतान में शीघ्र अपेक्षानुरूप सुधार न आया तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
भुगतान के यह हैं निर्देश
उल्लेखनीय है कि चीनी मिलों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित मासिक कोटे के अनुसार 625 लाख कुन्टल चीनी जून माह में विक्रिय करने एंव उपलब्ध धनराशि से गन्ना किसानों को तत्काल गन्ना मूल्य भुगतान किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।