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केबिल फॉल्ट की पहले मिलेगी जानकारी, गुल नहीं होगी बिजली

भूमिगत केबिल को मशीन के जरिए आसानी से किया जा सकेगा स्कैन

मशीन में लगे सेंसर के जरिए पहले ही मिल जाएगी फॉल्ट की जानकारी

green urja copyहाईटेक मशीन की कीमत है ढ़ाई करोड़ रुपये

लखनऊ। बस कुछ दिनों बाद उपभोक्ताओं को केबिल फॉल्ट के चलते होने वाली बिजली की समस्या से छुटकारा मिलने वाला है। उपभोक्ताओं को अंडरग्राउंड केबिल फॉल्ट से घंटो बाधित रहने वाले विद्युत आपूर्ति की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। इसकी खास वजह यह है कि एक मशीन की मदद से आसान तरीके से केबिल में होने वाले फॉल्ट के बारे में पहले से ही जानकारी हासिल की जा सकेगी। जिसके बाद विद्युत विभाग की टीम मौके पर जाकर केबिल को ठीक कर विद्युत आपूर्ति बहाल कर देगी। इस नई व्यवस्था से फॉल्ट नहीं होगा और लोगों को घंटों बिजली गुल रहने के संकट से भी नहीं जूझना होगा। अंडरग्राउंड केबिल फॉल्ट को पता करना ही मौजूदा समय में बड़ी समस्या है। खासकर 33 केवी भूमिगत पारेषण लाइनों का फॉल्ट पता करने में ही कई घंटे का समय लग जाता है। फॉल्ट मिलने के बाद उसे ठीक किया जाता है। जब तक फॉल्ट ठीक नहीं होता, तब तक बिजली संकट का सामना उपभोक्ताओं को करना पड़ता है। वहीं अगर देर रात में अंडरग्राउंड फॉल्ट होता है तो हालात और भी खराब हो जाते हैं। कई बार तो उपभोक्ताओं को रात भर बिजली आने का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में अब इस नई मशीन से उपभोक्ताओं को इस तरह की होने वाली समस्या से निजात मिल जाएगी। जहां इस मशीन की मदद से फॉल्ट होने के पहले ही जानकारी मिलेगी, तो वहीं दूसरी तरफ अगर कहीं अंडरग्राउंड फॉल्ट होता है, तो भी इस मशीन की मदद से फॉल्ट वाले स्थान को आसानी से चिन्हित किया जा सकेगा। जिसके बाद बहुत कम समय में फॉल्ट को ठीक कर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बहाल कर दी जाएगी।

भूमिगत केबिल होगी स्कैन

मध्यांचल डिस्कॉम की ओर से जर्मन टेक्नोलॉजी बेस्ड मशीन (वैन) लाने का प्रस्ताव तैयार कराया गया है। इस मशीन की मदद से जहां अधिक फॉल्ट होने की समस्या आती है, उस स्थान की सभी अंडरग्राउंड केबिल को आसानी से स्कैन किया जा सकेगा। इसके बाद अगर भविष्य में उस स्थान पर कहीं भी केबिल में फॉल्ट होने वाला होगा, तो इसकी जानकारी संबंधित सबस्टेशन में इस मशीन की मदद से पहुंच जाएगी। जिसके बाद विभाग की मेंटीनेंस टीम मौके पर जाकर मेजर फॉल्ट होने से पहले ही उसे ठीक कर देगी।

सेंसर के जरिए मिलेगा मैसेज

मशीन में हाईटेक सेंसर लगे होंगे, जिनकी मदद से केबिल में होने वाले फॉल्ट के बारे में पहले ही जानकारी मिल सकेगी। साथ ही जब किसी सबस्टेशन की ओर से केबिल को स्कैन किए जाने की मांग की जाएगी तो उसके आधार पर ही मशीन को उस इलाके में भेजा जाएगा। इस हाईटेक मशीन की कीमत करीब ढाई करोड़ रुपए है। इसकी वजह से इसको लेकर पहले हर बिंदु पर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसके बाद इस प्रस्ताव को उच्चाधिकारियों के पास भेजा जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा।

फैक्ट फाइल

– 125 सबस्टेशन 33/11 केवी
– 500 किमी के करीब अंडरग्राउंड केबिल
– 2.50 करोड़ बताई जा रही मशीन की कीमत
– 4 से 5 इलाके में अधिक आते हैं अंडरग्राउंड फॉल्ट
बिजली संकट न पैदा हो, इसको ध्यान में रखते हुए इस दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। हाईटेक मशीन से अंडरग्राउंड केबिल में होने वाले फॉल्ट के बारे में पहले ही जानकारी मिल जाएगी। इस संबंध में प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है।
संजय गोयल, प्रबंध निदेशक मध्यांचल डिस्कॉम

4.5 लाख बकायेदारों से वसूले 580 करोड़

सरचार्ज के रूप में 250 करोड़ की धनराशि की गयी माफ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन द्वारा दो किलोवाट तक घरेलू व कामर्शियल व ग्रामीण क्षेत्र के दो किलोवाट के सभी श्रेणी के बिजली बकायेदारों के लिए चलायी गयी एक मुश्त सरचार्ज समाधान (ओटीएस) योजना के तहत मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने करीब साढ़े चार लाख से अधिक बकायेदारों से लगभग 580 करोड़ रुपये का बकाया राजस्व वसूल किया है। इस योजना के तहत सरचार्ज के रूप में बकायेदारों का लगभग 250 करोड़ रुपये माफ किया गया है। इस योजना में लेसा के 30 हजार से अधिक बकायेदार उपभोक्ता शामिल हैं। इनसे करीब 250 करोड़ रुपये वसूला गया है। कुल मिलाकर मध्यांचल के खाते में लगभग 580 करोड़ राजस्व मिला है। एमडी मध्यांचल संजय गोयल के मुताबिक लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, बाराबंकी, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, सुलतानपुर, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, शाहजहांपुर, बरेली, पीलीभीत, बदायूं के बकायेदारों ने जनवरी में शुरू हुई एक मुश्त समाधान (ओटीएस) योजना के तहत 31 मार्च तक बकाया बिल का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि अभी तक करीब 15 फीसदी बकायेदार उपभोक्ता ऐसे हैं जो योजना में पंजीकरण नहीं करा सके। वहीं एक मुश्त समाधान योजना में मध्यांचल के करीब चार लाख तीस हजार ग्रामीण व 27480 शहरी बकायेदार उपभोक्ता ने ब्याज की छूट लेकर बिल भरा है। ग्रामीण बकायेदारों से 350.30 करोड़, शहर में करीब 60 करोड़ की धनराशि और 200 करोड़ रुपये पंजीकरण के रूप में वसूले गये हैं।

संशोधित बिल का 30 अप्रैल तक करें भुगतान

एक मुश्त सरचार्ज समाधान योजना ओटीएस में 25 मार्च तक पंजीकरण करा चुके उपभोक्ताओं को 30 अप्रैल तक संशोधित बिजली बिल जमा करने की छूट पावर कॉरपोरेशन ने दी है। इस सुविधा का लाभ ऐसे उपभोक्ता उठा सकेंगे जिन्होंने 25 मार्च तक पंजीकरण करा लिया था और उन्हें 31 मार्च तक संशोधित बिल नहीं प्राप्त हो सका था। ऐसे उपभोक्ताओं को सहूलियत प्रदान करने के लिए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन को निर्देशित किया। जिसके बाद उपभोक्ताओं की सुविधाओं के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया। जिसके बाद ओटीएस में पंजीकृत उपभोक्ता अपने लंबित बिजली बिलों का भुगतान 30 अप्रैल तक कर सकेंगे।

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