लखनऊ। राजधानी के डिग्री कॉलेजों में यूजी और पीजी की करीब 5200 सीटें गरीब स्वर्णों के लिए आरक्षित की गई हैं। कॉलेजों में छात्रों को इसका फायदा देने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बस एलयू की हरी झंडी का इंतजार है।
राजधानी में एलयू से सहायक कॉलेजों की संख्या करीब 170 है। एडमिशन कोऑर्डिनेटर प्रो. अनिल मिश्रा ने बताया कि पिछले सत्र में कॉलेजों में कुल करीब 51 हजार एडमिशन हुए। चूंकि इस बार कुछ और कॉलेज शुरू हुए हैं। ऐसे में इस सीटों की संख्या में कुछ इजाफा होने की उम्मीद है।
केन्द्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था लागू की है। प्रदेश सरकार के शासनादेश के बाद बीते दिनों एलयू प्रशासन ने यूनिवर्सिटी में चल रही एडमिशन प्रक्रिया में इसका फायदा देने का फैसला लिया। ऐसे में करीब 52 सौ अतिरिक्त सीट बढऩे की उम्मीद जताई जा रही है।
राजधानी के सभी कॉलेजों में एडमिशन के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन, अभी तक यूनिवर्सिटी प्रशासन ने डिग्री कॉलेजों को हरी झंड़ी नहीं दिखाई है। प्राचार्य परिषद के अध्यक्ष और श्री जयनारायण पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसडी शर्मा ने बताया कि शासनादेश जारी हो चुका है। ऐसे में इसे लागू किया जाना है। यूनिवर्सिटी से जल्द हरी झंड़ी न मिलने पर इसे लागू करके सूचना दे दी जाएगी।
पीजी में 400 सीट रिजर्व
एलयू के पीजी कोर्सेस में करीब 400 सीट आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं। इसका लाभ उठाने के लिए कैंडीडेंट्स को प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने होंगे। एडमिशन कोऑर्डिनेटर प्रो. अनिल मिश्रा ने बताया कि आगामी आठ जून से प्रमाण पत्र अपलोड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। वहीं, 24 जून से एडमिशन के लिए काउंसिलिंग शुरू होगी जोकि 29 मई तक चलेगी।
दो प्रपत्र किए जाएंगे प्रस्तुत
10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ पाने के लिए सवर्ण छात्रों को दो प्रपत्र प्रस्तुत करने होंगे। इसमें पहला आय प्रमाण पत्र होगा। जोकि, तहसीलदार और उसके ऊपर के अधिकारी परगना मजिस्ट्रेट, सिटी मजिस्ट्रेट के स्तर पर जारी किया जा जाएगा। इसके अलावा लाभार्थी के द्वारा एक स्वंय घोषणा पत्र भी देना होगा।
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