- खुलेआम चल रहा गैस कटिंग का काला कारोबार
- सिलेंडरों से निकाली जाती है एक से दो किलो गैस
- छापेमारी में हो चुका है खुलासा
धीरेन्द्र अस्थाना
लखनऊ। पेट्रोल पंपों पर चोरी की बात अभी जहन से निकली भी नहीं थी कि अब लोगों को गैस में घटतौली की चिंता सताने लगी है। जो वाजिब भी है। ये समस्या केवल राजधानी के गैस उपभोक्ता की नहीं है बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में गैस कटिंग का काला कारोबार सालों से चलाया जा रहा है। हम आप लंबे समय से ठगे जा रहे हैं। यहां भी बड़े पैमाने पर घटतौली का खेल चल रहा है। रोजाना सैकड़ो किलो गैस की चोरी कर गैस एजेंसियां उपभोक्ताओं की जेब पर डाका डाल रही हैं। इसी चोरी की ही दम पर ही राजधानी में छोटे गैस सिलेंडर भरने का धंधा फलफूल चुका है। आपको जानकार हैरानी होगी कुछ दिन पहले अधिकारियों ने राजधानी की चार गैस एजेंसियों पर छापेमारी की और अपनी रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपी। लेकिन विभागीय जांच में कुछ खुलासा नहीं हो सका। हालांकि पेट्रोल पंपों में भी सालों से चोरी का धंधा चल रहा था, जो इन सरकारी मुलाजिमों को नहीं दिखता था उसका पर्दाफाश एसटीएफ ने किया। लोगों का मानना है कि गैस एजेंसियों पर घर- घर सिलेंडर सप्लाई करने वालों को रास्तें में रोककर एसटीएफ को जांच करनी चाहिए। तब जाकर इनकी चोरी सामने आयेगी। गोमतीनगर की गृहणी ओमलता श्रीवास्तव का मानना है कि चोरी पकडऩे के लिए बने विभाग खुद चोर है इसलिए चोरी पकडऩे के लिए एसटीएफ से बेहतर कोई नहीं। पिछले दिनों एसटीएफ की टीम ने जिस लगन से पेट्रोल पंप चोरों को जेल पहुंचाया और मशीनों बंद करवायी वो बहुत सराहनीय कदम है।
कई बार कार्रवाई का दावा
जिला आपूर्ति अधिकारियों के अनुसार घटतौली के मामले में कई बार गैस एजेंसी संचालकों पर एक्शन लिया गया है। इसके लिए समय- समय पर सघन अभियान भी चलता है। कुछ दिन पहले ही चारबाग, निशातगंज और आलमबाग में अवैध रिफिलिंग करने वालों की दुकानें हटाई गई थी। ये डिलिवरी मैन की मदद से घरेलू सिलेंडर से गैस निकालकर छोटे सिलेंडरों को फुल कर रहे थे।
रोज 45 हजार की सप्लाई
राजधानी में रोजाना 45 हजार से अधिक घरेलू गैस सिलेंडर की सप्लाई की जाती है। इन सिलेंडरों से ही गैस चोरी की जाती है। गैस की सर्वाधिक चोरी पुराने लखनऊ और गोमती नगर में होती है। निशातगंज और आलमबाग में भी कई लोग गैस कटिंग कारोबार से जुड़े हैं।
चोरी का रेट फिक्स
गैस एजेंसियों के मालिकों और डिलिवरी मैन की मिली भगत से यह पूरा काला धंधा चल रहा है। मार्केट में बड़े सिलेंडर से निकलने वाली गैस का दाम 30 रुपए प्रति किलो के अनुसार डिलिवरी मैन को दिया जाता है। वहीं दुकानदार छोटे सिलेंडर भरवाने वालों से 100 से 120 रुपए किलो तक की वसूली लेते हैं। ऐसे में रोजाना 35 हजार किलो तक गैस बेची जा रही है, जिसकी अनुमानित कीमत 35 लाख रुपए तक आंकी जा रही है।
शहर में कुल एजेंसियां
आईओसी- 56 – छह लाख
बीपीसी- 25 – दो लाख छह हजार
एचपीसी- 21 – एक लाख 99 हजार
फाइल फैक्ट
– तीनों कंपनियों से शहर में लगभग प्रतिदिन 45 हजार सिलेंडर सप्लाई किए जाते हैं।
– गैस चोरी से बचने के लिए उपभोक्ताओं का जागरुक होना जरूरी।
– सिलेंडर लेने से पहले उसका वेट जरूर कराएं
– हर सिलेंडर पर उसका वेट लिखा रहता है जो अलग- अलग होता है जबकि सिलेंडर के अंदर 14.200 किलो गैस होती है।
– उपभोक्ता गैस कम होने पर सिलेंडर लेने से इंकार कर सकते हैं।
– टोल फ्री नम्बर 1800224344 पर भी इसकी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
घटतौली के मामले में गैस एजेंसियों पर भी एक्शन लिया गया है। कुछ दिन पूर्व ही गोमती नगर में छापेमारी हुई थी तो लोग सिलेंडर छोड़कर भाग खड़े हुए थे। पेट्रोल पंपों में जिस तरह से घटतौली का खेल सामने आया है, उसी तरह से गैस में भी मिला है। जल्द ही उसके लिए भी बड़े लेवल पर एक्शन लिया जाएगा।
- अलका वर्मा, एडीएम आपूर्ति
गैस एजेंसियां नहीं डिलिवरी मैन ही मोटी कमाई के चक्कर में यह काम कर रहे हैं। जब- जब उनके खिलाफ शिकायत आई है तो उन्हें फौरन एजेंसी से हटाया जाता है।
- डीपी सिंह, अध्यक्ष, यूपी एलपीजी वितरण संघ