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चुनावी साल में बिजली की दरें नहीं देंगी झटका

राज्य विद्युत नियामक आयोग ने 2018-19 के लिए जारी किया टैरिफ, किसी भी श्रेणी में नहीं बढ़ायी गयी बिजली दरें 

ग्रामीणों को बिजली बिल का समय से या उसके पहले भुगतान करने पर मिलेगी 5 प्रतिशत की विशेष छूट

light copyबिना मीटर वाले ग्रामीण उपभोक्ताओं के मीटर लगवाने पर बिजली दर में मिलेगी 10 प्रतिशत की छूट

लखनऊ। सूबे की जनता को चुनावी वर्ष में बिजली की दरें झटका नहीं देंगी। इसकी वजह है कि राज्य विद्युत नियामक आयोग ने किसी भी श्रेणी में बिजली दरें न बढ़ाने का फैसला लिया है। आयोग ने बीते मंगलवार को 2018-19 के लिए बिजली का नया टैरिफ जारी कर दिया और विद्युत वितरण की सभी कम्पनियों दक्षिणांचल, पश्चिमांचल, पूर्वान्चल, मध्यांचल, केस्को और एनपीसीएल की बिजली दरों पर अपनी मुहर लगा दी है। आयोग ने अपने टैरिफ आदेश में कहा है कि ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बिजली बिल का समय से या उसके पहले भुगतान करने पर 5 प्रतिशत की विशेष छूट दी जाएगी। इसके अलावा बिना मीटर वाले ग्रामीण उपभोक्ताओं के मीटर लगवाने पर उन्हें भी बिजली दर में 10 प्रतिशत छूट मिलेगी। नये टैरिफ के आने के बाद साफ हो गया है कि बिजली की वर्तमान दरें आगे भी प्रभावी रहेंगी।
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष राज प्रताप सिंह ने सदस्यों एसके अग्रवाल व केके शर्मा के साथ मिलकर नये टैरिफ आदेश को पारित किया। विद्युत उपभोक्ताओं पर बोझ न डालने के आयोग के आदेश का राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने स्वागत किया है। बिजली कम्पनियों द्वारा 2018-19 के लिए कुल राजस्व आवश्यकता (एआरआर) 79632.45 करोड़ मल्टी ईयर टैरिफ में अनुमोदित करायी गयी थी, लेकिन आयोग ने उसमें व्यापक कटौती कर 70203.32 करोड़ अनुमोदित किया है। इसके चलते जो बिजली खरीद 59659.01 करोड़ की आकलित थी, वह 53575.33 करोड़ रह गयी है। इसके चलते इस साल 130575 मिलियन यूनिट बिजली खरीदी जायेगी। औसत बिजली आपूर्ति लागत 6.73 प्रति यूनिट अनुमोदित की गयी है। इसके अलावा उपभोक्ता परिषद के लगातार हस्तक्षेप के बाद आयोग ने रेगूलेटरी सरचार्ज के लिए मात्र 40541 करोड़ मंजूर किया है। रेगूलेटरी सरचार्ज का लाभ उपभोक्ताओं को देने के मामले में जल्द सुनवाई होगी। नियामक आयोग के मुताबिक नये टैरिफ में धार्मिक स्थलों पर घरेलू बत्ती के पांच किलोवाट के कनेक्शन को भी शामिल किया गया है, लेकिन अगर धार्मिक स्थल कामर्शियल स्थल पर बनाये गये हैं तो उसकी दर देनी होगी। इसके लिए उसका पंजीकरण जरूरी होगा।

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