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जिमखाना पर मेहरबान डिप्टी रजिस्ट्रार

‘जिमखाना’ के काले कारनामे-2

  • डिप्टी रजिस्ट्रार एसके मौर्य अपनी ही रिपोर्ट की जांच करने में असहाय, षडय़ंत्रकारियों को दे रहे अभयदान
  • दिसम्बर 2016 के फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज हुआ मई 2018 में, अब कैसरबाग पुलिस कर रही जांच का दावा
  • बॉयलाज के मुताबिक हाल ही में संपन्न हुआ क्लब का चुनाव फर्जी!
  • दो वित्तीय वर्षों के लिये चुनी जाती है क्लब की कार्यकारिणी, ऐसे में 31 मार्च 2018 तक संपन्न हो जाने चाहिये थे चुनाव
  • कालातीत कार्यकारिणी ने चुनाव जीतने के लिये बनाये 30 से 40 फर्जी सदस्य

Page 1 copyबिजनेस लिंक ब्यूरो

लखनऊ। राजधानी के अवध जिमखाना क्लब तंत्र पर डिप्टी रजिस्ट्रार, फम्र्स सोसायटीज ऐंड चिट्स की मेहरबानी बरकरार है। क्लब कार्यकारिणी के काले कारनामों की जांच के लिये डिप्टी रजिस्ट्रार अपने ही आदेशों को नजरअंदाज कर रहे हैं। उनकी इस मेहरबानी से क्लब कार्यकारिणी दिन-पर-दिन मनमाने काले कारनामों की नई पटकथा लिखने में व्यस्त है। इतना ही नहीं अवध जिमखाना क्लब के कोषाध्यक्ष रहे नवीन अरोड़ा की शिकायत पर जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने 25 अप्रैल 2018 को डिप्टी रजिस्ट्रार चिट फण्ड लखनऊ को एक पत्र लिखा। पत्र में लिखा है कि अवध जिमखाना क्लक के बॉयलाज का फर्जी तरीके से संशोधन करना, क्लब में दी गई स्थायी सदस्यता शुल्क में घपला, क्लब के कोषाध्यक्ष को फर्जी तरीके से पद से हटाकर उनके प्रवेश पर रोक लगाना और क्लब में होने वाले चुनाव रोकने आदि से संबंधित प्रकरणों पर जांचोपरांत आवश्यक कार्यवाही कराकर, उससे अवगत कराये। पर, जिलाधिकारी के इन निर्देशों पर डिप्टी रजिस्ट्रार एसके मौर्य अब तक खामोश हैं।

गौरतलब है कि पूर्व में डिप्टी रजिस्ट्रार एसके मौर्य ने जिमखाना क्लब की वित्तीय अनियमितताओं व संस्था में पंजीकृत नियमावली के प्राविधानों के तहत कार्य न करने के संबंध में संस्था के मूल अभिलेख तलब किये थे, जो संस्था ने उपलब्ध ही नहीं कराये। इतना ही नहीं रजिस्ट्रार फम्र्स सोसाइटीज एवं चिट्स को जिमखाना क्लब की वित्तीय अनियमितताओं एवं क्रिया कलापों से संबंधित कई शिकायती पत्र मिले। इस पर डिप्टी रजिस्ट्रार एसके मौर्य ने माना जिमखाना क्लब द्वारा कार्यालय आदेशों की अवहेलना तथा संस्था अपने क्रियाकलापों में शिथिलता बराबर बरत रही है। ऐसी स्थिति में संस्था की स्थलीय जांच आवश्यक हो गई है।

जिमखाना क्लब की स्थलीय जांच करने के लिये लिये डिप्टी रजिस्ट्रार ने तीन सदस्यीय कमेटी भी बनाई। सोमेश मिश्रा, संजय राय और संजीव कुमार की इस कमेटी को संस्था संबंधी समस्त मूल अभिलेख आदि का निरीक्षण कर हकीकत का पता लगाना था। स्थलीय जांच में सहयोग के लिये क्लब तंत्र को निर्देशित भी किया गया। विभागीय कमेटी छह अप्रैल 2017 को क्लब का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंची। कमेटी ने क्लब के कोषाध्यक्ष रहे नवीन अरोड़ा का निष्कासन नियम विरुद्ध पाया। लेकिन अन्य बिन्दुओं पर यह कमेटी किसी ठोस निर्णय पर नहीं पहुंच सकी या पहुंचने नहीं दिया गया, यह भी जांच का विषय है। फिलहाल, अब तक डिप्टी रजिस्ट्रार के आदेश के बावजूद कई संगीन आरोपों की जांच अधर में है। क्लब तंत्र पर आरोपों की इस फेहरिस्त में अब कुछ नये कारनामें भी जुड़ गये हैं। बावजूद इसके डिप्टी रजिस्ट्रार एसके मौर्य खामोश क्यों हैं…

जिमखाना क्लब से संबंधित मामला 420 का है। ऐसे प्रकरणों की जांच में समय तो लगता ही है। जांच की जा रही है, कुछ लोगों से इस संबंध में पूछताछ भी की गई है।
डीके उपाध्याय, प्रभारी निरीक्षक, कैसरबाग कोतवाली

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