Breaking News
Home / Uncategorized / जीरो टॉलरेंस नीति को चुनौती दे रहा भ्रष्टचारी आरएम

जीरो टॉलरेंस नीति को चुनौती दे रहा भ्रष्टचारी आरएम

शिकायत के बाद भी कुर्सी पर काबिज दागी अफसर

सरकार की भ्रष्टचार मुक्त प्रदेश की पहल साबित हो रही जीरो

AllNewsImage11996भ्रष्टचार में निलम्बन, और धनउगाही की शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार पद पर तैनात हैं आरएम
लखनऊ। सूबे की आबोहवा को भ्रष्टïाचार मुक्त बनाने की प्रदेश सरकार की पहल को जिम्मेदार पदों पर बैठे दागी अधिकारी मुंह चिढ़ा रहे हैं। ऐसे अफसरों पर शिकायतों के बाद भी कार्रवाई न होना प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल खड़ा कर रहा है। किसी भी कीमत पर भ्रष्टïाचार बर्दाश्त न करने का दम भरने वाली सरकार और मंत्री दागियों पर कार्रवाई का दमखम ही नहीं दिखा पा रहे हैं। प्रदेश में सरकार तो बदल गयी लेकिन भ्रष्टïाचार अभी भी खुलेआम पैर पसारे हुए है। ज्यादातर विभागों में लूट-खसोट का खेल जारी है। इनमें सबसे अधिक भ्रष्टï विभाग परिवहन निगम साबित हो रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का एक अधिकारी विभाग को दीमक की तरह खोखला कर रहा है। कर्मचारियों को नौकरी से निकालने और बहाली के नाम पर जमकर उगाही कर रहा है। कई बार निलम्बित होने के बाद भी पैसे के बल पर धनपिपासू बना हुआ है। भ्रष्टïाचार में निलम्बन और धनउगाही की शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार पद पर आसीन है। मंत्री से लेकर विभागीय उच्चाधिकारियों तक ऐसे अफसर के काले कारनामों की पूरी खबर भी है, लेकिन फिर भी सभी बेखबर होने का दिखावा कर रहे हैं। अफसर की शिकायतों का पुलिंदा सरकार के पास है लेकिन कार्रवाई के लिए अभी सरकार शिकायतों का इंतजार कर रही है। हाल ही में रोडवेज के इस अफसर का बहाली के नाम पर पैसे मांगने का एक ऑडियो वायरल हुआ और यह ऑडियो निगम के उच्चाधिकारियों से लेकर सरकार के कानों तक भी पहुंचा, मगर कार्रवाई नहीं की गयी।
भ्रष्टïाचार के नाम पर जीरो टॉलरेंस नीति में जीरो साबित हो रही सरकार कार्रवाई के नाम पर भी जीरो ही है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बरेली परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रभाकर मिश्रा परिवहन निगम को बसों के अनुबंधन, संचालन, संविदाकर्मियों की भर्ती और बहाली के नाम पर जमकर चूना लगा रहे हैं। अपने आगे उच्चाधिकारियों और सरकार को कुछ न समझने वाले आरएम पर भ्रष्टïाचार के तमाम आरोप लग चुके हैं। बरेली रीजन के आरएम प्रभाकर मिश्रा ने ३० दिस बर २०१६ को ११५ संविदाकर्मियों की भर्र्ती निकाली। अपने स्तर से परिचालकों की भर्ती भी कर ली। आरोप है कि परिचालकों की भर्ती में आरएम ने जमकर धन उगाही की। हालांकि रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के भर्ती में धांधली होने के विरोध के बाद भर्ती निरस्त कर दी गई। इसके बाद मुख्यालय के प्रधान प्रबंधक आलोक सक्सेना की देखरेख में भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न कराई गई।

चुनाव के दौरान परिचालकों की कर ली भर्ती

आचार संहिता के दौरान किसी भी विभाग में किसी तरह की भर्ती पर प्रतिबंध होता है, लेकिन आरएम के लिए आचार संहिता भी कोई मायने नहीं रखती। उत्तर प्रदेश में आचार संहिता १७ मार्च को समाप्त हुई, लेकिन आरएम ने १२० परिचालकों की नियुक्ति का आदेश १० मार्च को आचार संहिता के दौरान ही जारी कर दिया। यह आचार संहिता का खुला उल्लंघन था। आरएम ने इस भर्ती में नियमों को भी पूरी तरह से दरकिनार रखा। मेरिट को भी कोई महत्व नहीं दिया गया। सूची में स्थान पाए पात्र संविदाकर्मियों को किनारे कर दिया। इस भर्ती में ऑनलाइन आवेदन लिए ही नहीं गए। सीधे एक ही श्रेणी के ११० स्काउट वालों की भर्ती कर ली, जबकि भर्ती के लिए सात श्रेणियां हैं, जिनमें पीआरडी, होमगार्ड, आईटीआई व अन्य शामिल हैं। इनको महत्व ही नहीं दिया गया। लाखों रुपये लेकर भर्ती कर ली गई।

जांच में पाए गए दोषी, तत्कालीन एमडी ने रोक दी भर्ती

आरएम की भर्तियों में धांधली की शिकायत जब परिवहन निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक आशीष गोयल को मिली तो उन्होंने तत्काल मुख्यालय से दो सदस्यीय अधिकारी आशुतोष गौड़ और संजीव सिन्हा को जांच के लिए बरेली भेजा। दोनों अधिकारियों ने जांच में आरएम को दोषी पाया और इसकी रिपोर्ट प्रबंध निदेशक को सौंपी। इसके बाद पूर्व एमडी आशीष गोयल ने ५५ भर्तियों पर रोक जरूर लगा दी, लेकिन आरएम पर कार्रवाई की बजाय अभयदान दे दिया।

बर्खास्तगी और बहाली के नाम पर पैसे का खुला खेल

आरएम के खेल का अंदाजा इस बात से भी लग जाता है कि पहले वे परिचालकों को नौकरी से निकालते हैं और बाद में संविदा बहाली के लिए पैसे की मांग करते हैं। अगर पैसा दे दिया तो बहाल नहीं तो बर्खास्त। एक बर्खास्त परिचालक से पैसे के लेन-देन को लेकर आरएम का एक ऑडियो वायरल भी हुआ और उस आडियो में आरएम की आवाज की बात की पुष्टिï भी हुई। ऑडियो में आरएम साफ-साफ बर्खास्त परिचालक से उसकी बहाली का सौदा कर रहे हैं, साथ ही उसके अन्य साथियों की बहाली के एवज में खुलेआम पैसा मांग रहे हैं।

ट्रिब्युनल से बहाल परिचालकों से मांगे पैसे

सात बर्र्खास्त रोडवेज परिचालकों ने बर्खास्तगी पर सर्विस ट्रिब्युनल में मुकदमा दायर कर दिया। इसमें रामरतन, अशोक तोमर, केएम चौहान, मो. खालिद, मो. फहीम मुकेश कुमार सिंह, नागेंद्र सिंह व अनूप सक्सेना शामिल थे। पांच को ट्रिब्युनल ने जीत दे दी। इसके बाद आरएम को निलम्बन अवस्था में बहाल किए जाने के बाद सेवा परिणामिक लाभों पर निर्णय लेने का आदेश दिया। मो. फहीम का आरोप है कि इसके बाद भी आरएम ने सभी से दो से पांच लाख रुपये तक की घूस की मांग कर दी।

निगम मुख्यालय पहुंच विधायक ने आरएम की शिकायत की

आरएम बरेली के अकाउंट में प्रदीप यादव नाम के एक परिचालक ने साढ़े छह लाख रुपये ट्रांसफर किए। इसके पक्के सबूत भी प्रदीप के पास हैं। प्रदीप ने जब आरएम से अपने पैसे मांगने शुरू किए तो वे गोलमोल जवाब देने लगे। इसके बाद कुछ दिन पहले बरेली के विधायक के साथ प्रदीप निगम के प्रबंध निदेशक पी. गुरु प्रसाद के पास पहुंचे और आरएम की शिकायत की। इसके बाद एमडी ने आरएम की जमकर क्लास लगाई और पैसा वापस करने को कहा।

चार बार हो चुके हैं निलम्बित

बरेली परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रभाकर मिश्रा का चार बार निलम्बन हो चुका है। बस्ती के एआरएम पद पर निलम्बन, एआरएम लखनऊ के रूप में निलम्बन, सिटी ट्रांसपोर्ट में अधिकारी रहते निलम्बन और झांसी के प्रभारी आरएम रहते प्राइवेट मोटर मालिकों के लेन-देन में निलम्बन। चार बार निलम्बन के बावजूद ऊपर तक साठ-गांठ कर अभी भी कुर्सी पर काबिज हैं। हालांकि परिवहन निगम के अधिकारियों की मानें तो इस सरकार में उनकी बर्खास्तगी तय है।

बरेली रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रभाकर मिश्रा की कई शिकायतें मिली हैं। मामले की जांच कराई जा रही है। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी भ्रष्टïाचारी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।

स्वतंत्र देव सिंह, परिवहन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार

बरेली के क्षेत्रीय प्रबंधक की कई शिकायतें मिली हैं। जांच टीम का गठन कर दिया गया है। मामले की तह तक जाकर गंभीरता से जांच कराई जाएगी। अगर आरएम दोषी साबित होते हैं तो कार्रवाई तय है।

पी. गुरु प्रसाद, प्रबंध निदेशक, परिवहन निगम

About Editor

Check Also

WhatsApp Image 2020-05-12 at 3.17.20 AM

सत्यमेव जयते के अनुरूप हुई सत्य की जीत : योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <strike> <strong>