पांच केवी से अधिक के कनेक्शन वालों को करें टारगेट
लखनऊ। बिजली चोरी रोकने के लिए उप्र पावर कॉरपोरेशन ने कड़े निर्देश जारी किये हैं। ऐसे मुहल्ले, नगर कस्बे और गांवों को चिन्हित कर अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है जहां पर लाइन हानियां अधिक हैं। पावर कॉरपोरेशन प्रबंध तंत्र का मानना है कि जिन स्थानों पर लाइन हानियां ज्यादा हैं वहां पर अभी तक विद्युत चोरी रोकने के लिए ठोस प्रयास नही किये गये। ऐसी जगहों पर प्राथमिकता के आधार पर प्रभावी सामूहिक छापेमारी की कार्रवाई की जाए। विद्युत चोरी करने वालों के खिलाफ बिना भेदभाव के प्राथमिकी दर्ज करायी जाए। यह निर्देश प्रदेश स्तरीय प्रवर्तन दल के पुलिस अधिकारियों की बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं उप्र पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष आलोक कुमार ने दिये। शक्ति भवन में आयोजित बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा ने कहा कि मुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि प्रदेश में लाइन हानियों को 20 प्रतिशत से कम पर लाया जाये। इसके लिए मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों से कहा था कि बेहतर विद्युत व्यवस्था के लिए जरूरी है कि चोरी रोककर लाइन हानियों को कम किया जाए। उन्होंने कहा कि यह संतोषजनक बात है कि पिछले सात महीनों में ग्रामीण क्षेत्रों सहित पूरे प्रदेश में लाखों नये विद्युत कनेक्शन देने व सबसे अधिक घंटे विद्युत आपूर्ति करने के बावजूद विद्युत खपत में 1.59 प्रतिशत की कमी आयी है। यह तभी सम्भव हुआ है जब विद्युत चोरी में कमी आयी, गांवों में मीटर लगे और जो बिजली चोरी से जला रहे थे उनके कनेक्शन वैध किये गये। प्रमुख सचिव ने कहा कि जहां लाइन हानियां ज्यादा है वहां सबसे पहले छापा डाला जाए। इसके लिए अगर प्रवर्तन दल काम नहीं कर रहा है तो जोनल चीफ की जिम्मेदारी तय होगी। ऐसी योजना बनायी जाये जिसमें हफ्ते में कम से कम एक रेड, 25 संदिग्ध उपभोक्ताओं की जांच और 30 बड़े डिफाल्टर के कनेक्शन काटे जाये। पावर कॉरपोरेशन की प्रबंध निदेशक अपर्णा यू ने कहा कि राजस्व की दृष्टिï से आगामी तीन महीने बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे में योजना बनाकर पांच किलोवाट से ऊपर के उपभोक्ताओं को फोकस किया जाये ताकि बेहतर परिणाम आ सके।