चालक-परिचालकों को एक दिन पहले भेजा जायेगा एसएमएस
इस व्यवस्था से समय से संचालित होंगी बसें
लखनऊ। अब डिपो में पहुंचने के बाद चालक-परिचालकों को अपनी ड्यूटी के लिए न ही ड्यूटी बाबू की जी हुजूरी करनी पड़ेगी और न ही यह पता करने की आवश्यकता होगी कि उसकी ड्यूटी किस रूट पर, किस बस पर और किस समय पर लगी है। अब चालक-परिचालकों को इसकी जानकारी डिपो पहुंचने पर या फिर एक या दो घंटे पहले नहीं बल्कि एक दिन पहले ही मिल जाएगी। चालक-परिचालकों को रोडवेज की ओर से ड्यूटी एलाटमेंट से संबंधित एक एसएमएस एक दिन पहले ही भेजकर सूचित कर दिया जाएगा। एसएमएस में चालक-परिचालक का नाम, बस का नंबर, बस का समय व रूट संबंधी जानकारी होगी। निगम प्रशासन के इस कदम से परिवहन निगम की बसों के समय से संचालित होने की उम्मीद है। इसके अलावा चालक-परिचालकों को अब ड्यूटी के लिए अधिकारियों के चक्कर भी नहीं लगाने होंगे। रोडवेज के यात्रियों की सबसे पुरानी शिकायत यही थी कि बस स्टेशनों पर परिवहन निगम की बसें घंटों खड़ी रहती हैं, जबकि परिवहन निगम ने रोडवेज की बसों के लिए समय सारिणी तय कर रखी है। जिससे बसें तय समय से चलें और यात्रियों का बस में अपना वक्त जाया न करना पड़े। लेकिन बस स्टेशनों पर आने वाले यात्रियों की हमेशा यही शिकायत रही कि बस में बैठने के बाद घंटों चालक और परिचालक का पता ही नहीं चलता था। इसकी वजह थी कि बस स्टेशन पर पहुंचने वाले चालक-परिचालक को ड्यूटी रूम से डयूटी एलॉट की जाती है तब वह बस लेकर रवाना होता है, लेकिन अब मोबाइल पर डयूटी एलॉट होने से उन्हें इस तरह की बड़ी समस्या से निजात मिल जाएगी। उत्तर पदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने पूर्व में ही एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार कराया था जिससे चालक-परिचालकों की ड्यूटी एलॉटमेंट का मैसेज भेजे जाने की व्यवस्था थी। परिवहन निगम के अधिकारियों के इस व्यवस्था की तरफ ध्यान न देने से यह व्यवस्था चौपट हो गई। अब सरकार बदलते ही फिर से परिवहन निगम के अधिकारी नींद से जागे हैं और इसी सॉफ्टवेयर से ड्यूटी एलॉटमेंट एसएमएस भेजने की तैयारी कर ली है। सॉफ्टवेयर में प्रदेश भर के चालक और परिचालकों के नाम और मोबाइल नंबर डाले गए हैं। अब इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से परिवहन निगम के चालकों और परिचालकों को डयूटी एलॉट कर दी जाएगी। ऐसे में चालक और परिचालक को बस स्टेशन पर केवल हाजिरी लगानी होगी, उसे ड्यूटी एलॉट कराने के लिए साहब की मिन्नतें नहीं करनी होगी और ना ही उन्हें जेब खर्च देना होगा।