- उत्तर भारत के मुख्य सचिवों के सम्मेलन में निवेशकों से रू-ब-रू हुई सरकार
- अधिकारियों ने साझा किये राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति के फायदे
- प्रदेश में होने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट पर रहा खास फोकस
लखनऊ। राज्य सरकार सूबे में औद्योगिक विकास को गति देकर निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये संकल्पित है। इस दिशा में गंभीरता से प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों से प्रदेश में रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे तथा उच्चस्तरीय बुनियादी सुविधायें निवेशको को मिलने से अनुकूल कारोबारी माहौल बनेगा जिससे प्रदेश के औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी। यह कहना है सूबे के मुख्य सचिव राजीव कुमार का।
पीएचडी चैंबर्स की ओर से आयोजित मुख्य सचिव कॉन्क्लेव में मुख्य सचिव ने कहा, प्रदेश में पर्यटन और औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये जेवर एवं कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा परियोजनाओं के विकास की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है, जिसके निकट भविष्य में बेहतर परिणाम मिलेगे। इसके अलावा भारत सरकार की दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरीडोर परियोजना में भी उत्तर प्रदेश को भी लाभ मिलेगा।
इस परियोजना के तहत प्रदेश के आने वाले स्थानों पर भी प्रदेश सरकार द्वारा औद्योगिक विकास को तेज किया गया है। यह गलियारे राज्यों के लिये परिवहन लागत और समय की बचत में अहम भूमिका निभायेंगे। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश के लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या कामकाजी है। प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है कि इस विशाल जनसंख्या को प्रदेश के औद्योगिक विकास में सहयोग के लिये लगाया जाये जिससे रोजगार के साथ-साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नोएडा को एक बड़े आईटी हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रदेश में औद्योगिक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश सरकार आईटी सिटी, आईटी पार्क बनाने के साथ-साथ स्पेशल इकोनॉमिक जोन की सुविधा उपलब्ध कराकर प्रदेश के तीव्र औद्योगिक विकास की दिशा में गंभीरता से आगे बढ़ रही है। आईटी क्षेत्र में स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये इन्क्यूबेटर को विभिन्न प्रोत्साहन दिये जायेंगे और उनके विकास के लिये स्टार्टअप फण्ड बनाये जायेंगे।
स्थानीय उद्यमों के लिए विशेष व्यापारिक क्लस्टर
मुख्य सचिव ने कहा उत्तर प्रदेश कई क्षेत्रों में प्रचुर मात्रा में निवेश के अवसर प्रदान करता है इसमें सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्यमों की सबसे बड़ी संख्या है। स्थानीय उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए विशेष व्यापारिक क्लस्टर हैं जैसे खेल के लिए मेरठ, पीतल के लिए मुरादाबाद, इत्र के लिए कन्नौज, चमड़े के लिए कानपुर, जूते के लिए आगरा, चिकनकारियों के लिए लखनऊ इत्यादि।
सरकार सभी निवेशकों का करेगी स्वागत
मुख्य सचिव ने कहा औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए चिन्हित प्राधिकरणों द्वारा भूमि बैंक बनाने का प्रयास होगा। इस कार्य के लिए उपयुक्त एवं सार्वजनिक भूमि प्राप्त की जायेगी, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। प्रदेश सरकार की नई औद्योगिक नीति निजी क्षेत्र के औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करेगी तथा प्रदेश सरकार सभी संभावित निवेशकों का स्वागत करेगी।
मार्च में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट कराने की योजना
अगले साल मार्च में सरकार की योजना ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट कराने की है। यह समिट आगरा या लखनऊ में आयोजित होने की संभावना है। अभी यह तय होना बाकी है कि एनआरआई दिवस आयोजन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के हिसाब से जनवरी में कराया जायगा या फिर इसे ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के साथ कराया जायगा।