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नोटबंदी की सालगिरह पर विशेष, काला किया सफेद

शैलेन्द्र यादव

  • उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम के अधिकारियों का कारनामा
  • 500 के पुराने नोट से थी बीज खरीद में छूट, अधिकारियों ने 1000 के 11437 नोटों से दिखाई 1.14 करोड़ की खरीद
  • अधिकारियों का दावा, नोटबंदी के ठीक एक दिन पहले किसानों ने बीज खरीद के लिये जमा कराई एडवांस राशि
  • नोटबंदी में खोज निकाला ‘काले को सफेद’ बनाने का जरिया, साल भर बाद भी जिम्मेदार खामोश

Beej Nigamलखनऊ। देश की अर्थ व्यवस्था से कालेधन को बाहर करने के लिये हुई नोटबंदी में भी उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम के अधिकारियों ने ‘काले को सफेद’ बनाने का फार्मूला इजाद कर लिया। गेंहू बुआई के दौरान हुई नोटबंदी में किसानों को राहत देने के लिये केन्द्र सरकार ने बीज खरीद में चलन से बाहर किये गये 500 रुपये के पुराने नोट स्वीकार करने की व्यवस्था दी। किसानों के पहचान पत्र प्रस्तुत करने की अनिवार्य शर्त पर बनाई गई इस व्यवस्था में पाबंदी के बावजूद बीज निगम के खिलाड़ी अधिकारियों ने 1000 रुपये के 11,437 नोट विभिन्न परियोजना कार्यालयों के बैंक खातों में जमा करा दिये। 1.14 करोड़ रुपये की यह काली धनराशि बीज निगम और बैंक अधिकारियों की सांठ-गांठ से सफेद कर ली गई।

मामला मेरे कार्यकाल के पूर्व का है इसलिये संज्ञान में नहीं है। प्रकरण की जांच कराई जायेगी, जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
सूर्य प्रताप शाही, कृषि मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार

केन्द्र सरकार की इस पाबंदी के बाद 20 नवम्बर 2016 को प्रकाशित भारत के राजपत्र में लिखा है, केन्द्र सरकार या राज्य सरकारों, पब्लिक सेक्टर उपक्रमों, राष्ट्रीय या राज्य बीज निगमों, केन्द्रीय या राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केन्द्रों, इकाइयों या आउटलेटों से बीज क्रय करने के लिये किसानों द्वारा पहचान का सबूत प्रस्तुत करने पर विनिॢदष्ट बैंक नोटों से पांच सौ रुपये अंकित मूल्य के बैंक नोट अभिप्रेत हैं। इसके बावजूद दो जनवरी 2017  को बीज निगम के उप मुख्य विपणन अधिकारी द्वारा केन्द्र सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में लिखा है कि परियोजना कार्यालय मेरठ, अलीगढ़, आगरा, रामपुर, बरेली, कानपुर, इलाहाबाद, उरई, बांदा, लखनऊ, फैजाबाद, गोरखपुर, आजमगढ़ और वाराणसी में किसानों को नौ नवम्बर से 31 दिसम्बर 2016 तक प्रमाणित व आधारीय कुल 13,707 कुन्तल गेंहू बीज वितरित किया गया। इस खरीद में किसानों ने कुल तीन करोड़ 97 लाख 20 हजार रुपये की बीज खरीद की। किसानों ने 2,82,83,000 मूल्य के 500 रुपये के 56,566 पुराने नोट जमा किये, जबकि 1,14,37,000 रुपये मूल्य के 1000 रुपये के 11,437 नोटों से किसानों ने गेंहू बीज खरीदा।

यह प्रकरण संज्ञान में नहीं हैं। जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
संतोष कुमार खरे, प्रबंध निदेशक, उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम

बीज निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक आरआर सिंह द्वारा 22 नवम्बर 2016 को जारी कार्यालय आदेश में स्पष्टï लिखा है, रबी वर्ष 2016-17 में निगम के पास लगभग 1,90,000 कुन्तल प्रमाणित गेंहू बीज वितरण के लिये शेष है। रुपये 500 और 1000 के नोट भारत सरकार द्वारा बंद किये जाने के कारण बीजों का वितरण अत्यधिक प्रभावित हुआ है। भारत सरकार द्वारा किसानों के हित एवं रबी बीजों की बुआई के समय को देखते हुये पुरानी मुद्रा के रुपये 500 पर सरकारी संस्थाओं से बीजों के क्रय करने की छूट दी गई है। प्रबंध निदेशक ने केन्द्र सरकार द्वारा दी गई छूट को देखते हुये किसानहित में निगम के समस्त कर्मचारियों व अधिकारियों के 31 दिसम्बर 2016 तक के अवकाश तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिये। बावजूद इसके निगम के अधिकारियों ने प्रतिबंधित 1000 रुपये के नोट निगम के बैंक खातों में जमा कराये। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर विभिन्न परियोजना कार्यालयों में किसानों के नाम पर 1000 रुपये के 11,437 नोट जमा कराकर अधिकारियों ने किसका कालाधन सफेद किया है।

परियोजना कार्यालय                   जमा हुये 1000 के नोटों की संख्या                         500 के नोटों की संख्या

कानपुर                                                                3995                                                           8730
मेरठ                                                                    2030                                                            9168
गोरखपुर                                                              1798                                                            7396
बरेली                                                                   1072                                                             4463
रामपुर                                                                   960                                                             2167
फैजाबाद                                                                729                                                              8987
लखनऊ                                                                 239                                                               3381

यह रिर्पोट गलती से केन्द्र सरकार के कृषि मंत्रालय को चली गई होगी।
तारिक जमीर, उप मुख्य विपणन अधिकारी, उप्र बीज विकास निगम

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