- विदेश और मेट्रो में नौकरी का झांसा देकर बेरोजगारों को ठगा
- इंदिरा नगर पुलिस सीमा विवाद में उलझी, सरोजनी नगर इंस्पेक्टर बोले जालसाज को खुद तलाशो
- डीजीपी, एसएसपी के निर्देशों के बावजूद मातहत दर्ज नहीं कर रहे एफआईआर
प्रकरण – एक
फेसबुक और वाट्सएप पर विदेश में नौकरी का फर्जी विज्ञापन भेजकर जालसाजों ने सैकड़ों बेरोजगारों को अपने जाल में फंसा लिया। लाखों रुपये वसूलने के बाद जालसाज खुर्रमनगर स्थित कंपनी में ताला लगाकर फरार हो गए। पीडि़तों ने कार्यालय पर प्रदर्शन किया। पुसिल से फरियाद की। पर, पुलिस सीमा विवाद में उलझी रही।
प्रकरण – दो
सरोजनी नगर में जालसाजों ने लखनऊ मेट्रो में नौकरी दिलाने के नाम पर एक दर्जन से अधिक बेरोजगारों से २२ लाख रुपये ठग लिये। पीडि़तों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी, लेकिन पुलिस ने उन्हें थाने से टरका दिया। पीडि़तों ने एसएसपी से गुहार लगाई है।
लखनऊ। बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर ठगी का करोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। बेरोजगार युवक खुलेआम ठगे जा रहे हैं। पीडि़त जब न्याय की उम्मीद में पुलिस के पास पहुंचते हैं तो कभी उन्हें सीमा विवाद में उलझाया जाता है। तो कभी थाने से उन्हें बैरंग लौटाया जा रहा है। राजधानी पुलिस का यह हाल तब है जब सूबे के पुलिस महानिदेशक ने सभी फरियादियों की एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दे रखे हैं। इतना ही नहीं शहर के नवनियुक्त एसएसपी दीपक कुमार ने भी हर हाल में मातहतों को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये हैं। डीजीपी और एसएसपी के निर्देशों के बावजूद मातहतों पर कोई असर होता दिखाई नहीं दे रहा है।
बीते दिनों लखनऊ मेट्रो में नौकरी दिलाने के नाम पर 13 बेरोजगार युवकों से लाखों रुपये ठग लिये गये। ठगी की शिकायत लेकर पीडि़त जब सरोजनीनगर थाने पहुंचे तो रिपोर्ट दर्ज करने के बजाय पीडि़तों को टरका दिया गया। इंस्पेक्टर ने कहा जालसाज को तलाश कर लाओ तो एफआईआर दर्ज कर लेंगे। सरोजनीनगर गौरी विहार निवासी अंजन कुमार ने बताया कि लखनऊ मेट्रो मे नौकरी लगवाने के लिये किश्तों में रुपये दिये। मगर, तय समय पर नौकरी नहीं मिली तो रुपये देने वालों का सब्र जवाब दे गया। सभी लोग सरोजनीनगर थाने पहुंचे। इंस्पेक्टर सरोजनीनगर सुधाकर पांडेय से मुलाकात कर मामले की शिकायत की मगर इंस्पेक्टर ने कोई कारवाई नहीं की। इतना ही नहीं उन्होंने तहरीर लेना भी मुनासिब नहीं समझा। वहीं, इंस्पेक्टर सरोजीनगर ने बताया कि जालसाज युवक को रुपए दिए जाने का कोई भी सबूत अंजन व उनके साथी पेश नहीं कर सके हैं। अगर पीडि़त कोई दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे तो कार्रवाई की जायेगी।
राजधानी में मित्र पुलिस की कुछ ऐसी ही संजीदगी इंदिरा नगर थाने में भी देखने को मिली। विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगे गये सैकड़ों बेरोजगार ठगी के मास्टरमाइंड जावेद के खिलाफ इंदिरा नगर पुलिस से मदद लेने पहुंचे, तो पुलिस सीमा विवाद में उलझ गई और उन्हें विकासनगर थाने की राह दिखा दी। विकासनगर थाने पहुंचे सिवान निवासी ठगी का शिकार मोहित, रमेश, अंजुम, पुलकित व आनंद समेत अन्य लोगों ने बताया कि जब हंगामा करने पर तहरीर लेकर कार्रवाई शुरू हुई। पीडि़तों की तहरीर पर विकासनगर थाने में ठगी के मास्टरमाइंड जावेद समेत अन्य जालसाजों के खिलाफ 420 आइपीसी समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज हुई है। एसओ जुबेर अहमद के मुताबिक पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। कंपनी के दो कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है। मास्टरमाइंड की तलाश जारी है।
फर्जी विज्ञापन से बेरोजगारों को फंसाया
खुर्रमनगर स्थित जालसाजों के ‘जेएंडके’ नाम से कंपनी कार्यालय पर बीते सप्ताह सीवान समेत अन्य जिलों से आये सैकड़ों युवकों ने जमकर हंगामा किया। हंगामा कर रहे लोगों का आरोप है कि व्हाट्सएप व फेसबुक पर फर्जी कंपनी द्वारा इलेक्ट्रीशियन, कारपेंटर, प्लम्बर व अन्य पदों के लिये विदेश भेजने के नाम पर फर्जी विज्ञापन दिया गया। इस पर सैकड़ों बेरोजगारों ने कंपनी से संपर्क किया था। कुछ दिन पहले लोगों को मेडिकल के लिए लखनऊ बुलाया गया। जिसके नाम पर सभी से चार-चार हजार रुपये वसूले गये। कुछ से तो धनराशि लेकर सिवान में ही मेडिकल करा दिया गया। बेरोजगारों को कंपनी के जालसाजों ने नौकरी का झांसा देकर तीस से 70 हजार रुपये तक कंपनी ने खाते में डलवा लिये थे। 28 अप्रैल को बेरोजगारों को बताया गया कि एक मई को दिल्ली आना है, जहां से कुवैत के लिये फ्लाइट मिलेगी। सभी का पासपोर्ट और वीजा वही दिया जायेगा। जब एक मई को सैकड़ों लोग दिल्ली पहुंचे तो वहां फर्जी कंपनी के मालिक जावेद और इरफान मिले, जिन्होंने कुछ को पासपोर्ट दिया और थोड़ी देर बाद आने की बात कहकर दोनों फरार हो गये। ठगी का एहसास होने पर सभी पीडि़त लखनऊ के विकासनगर स्थित कंपनी के कार्यालय पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया।