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औद्योगिक क्षेत्रों का रख-रखाव उद्यमियों के भरोसे

  • यूपीएसआईडीसी प्रबंध तंत्र बनायेगा एसपीवी
  • औद्योगिक क्षेत्रों के निर्माण, मरम्मत आदि में हो रहे खेल को रोकने की तैयारी
  • बोले उद्यमी, अपना उद्यम चलाये या औद्योगिक क्षेत्रों की कराये मरम्मत

upsidcबिजनेस लिंक ब्यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास निगम प्रबंध तंत्र ने प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, सीवर लाइन की मरम्मत के नाम पर हो रहे घोटालों को रोकने के लिये उद्यमियों के साथ मिलकर स्पेशल परपज व्हीकल एसपीवी के तहत कंपनी का गठन करने की योजना बनाई है। यही एसपीवी मरम्मत के कार्य कराएगी और शुल्क भी वसूलेगी। इसके बाद जो धनराशि प्राप्त होगी उसे एसपीवी को सौंप दिया जाएगा। एसपीवी प्रबंधन के समक्ष मरम्म्त कार्यों की कार्ययोजना प्रस्तुत करेगी और फिर उसकी देखरेख में काम होंगे।

यूपीएसआइडीसी ने राजधानी के सरोजनी नगर, अमौसी, कुर्सी रोड, कानपुर में चकेरी, रूमा, पनकी, रनिया, जैनपुर, फतेहपुर जनपद में मलवा, उन्नाव में बंथरा और हरदोई में संडीला सहित सूबे में लगभग 175 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किये हैं। इन क्षेत्रों में सड़क, सीवर लाइन, फुटपाथ की मरम्मत और सड़कों को नये सिरे से बनाने के नाम पर जमकर खेल किया जाता रहा है। यूपीएसआइडीसी के अभियंता कई बार कागज पर ही मरम्मत करके करोड़ों रुपये डकारते रहे हैं। बीते दिनों भारत के महालेखा परीक्षक एवं नियंत्रक द्वारा 2007-2012 के बीच हुए निर्माण कार्यों, मरम्मत के कार्यों, भूखंडों के आवंटन आदि कार्यो का ऑडिट किया था। इस दौरान रूमा, चकेरी, जगदीशपुर समेत दो दर्जन औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण कार्यो में अनियमितता पकड़ी गई थी। अब भी मरम्मत कार्यो में खेल हो रहा है।

इस खेल को रोकने के लिए ही यूपीएसआइडीसी के प्रबंध निदेशक रणवीर प्रसाद ने अब एसपीवी के माध्यम से मरम्मत कार्य कराने का फैसला लिया है। इस संबंध में प्रबंध निदेशक बोर्ड में प्रस्ताव ले जायेंगे। मंजूरी मिलने के बाद प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र में एसपीवी का गठन किया जाएगा। उद्यमियों से जो शुल्क लिया जाएगा वह उसी औद्योगिक क्षेत्र में सुविधाओं के विकास में खर्च होगा। भ्रष्टïाचार को रोकने के लिये निगम प्रबंध तंत्र का यह प्रयास सार्थक हो सकता है।

यह प्रयास काबिल-ए-तारीफ है। पर, यह जिम्मेदारी यूपीएसआईडीसी की है, जिसमें वह नाकाम होता रहा है। अब इसमें उद्यमियों को शामिल करने की योजना बना दी। उद्यमी अपना उद्यम चलाये या मरम्मत करवाये।
हरदीप सिंह राखरा, उद्यमी

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