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2022 तक सभी आवासहीनों को मिलेगी छत

  • प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ऑनलाइन पंजीयन को सम्मिलित करते हुए करीब 29 लाख 22 हजार लोगों को आवास की जरूरत

kakaबिजनेस लिंक ब्यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष में 06 लाख से अधिक लाभार्थियों के प्रस्ताव केन्द्र सरकार को प्रेषित करेगी। शेष लाभार्थियों के आवेदनों का सत्यापन करके अगले वर्ष भेजेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप वर्ष 2022 तक राज्य के सभी आवासहीनों को छत मुहैया करा दी जाएगी। इस योजना के तहत केन्द्र सरकार द्वारा जिन 11,286 आवास यूनिटों की मंजूरी मिल चुकी है उनके निर्माण कार्य शीघ्र शुरू कराने के निर्देश दिए गए हैं।

बीते दिनों मुख्यमंत्री केन्द्रीय शहरी विकास आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन तथा सूचना और प्रसारण मंत्री एम वैंकेया नायडू ने केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के तहत मुख्यमंत्री को 1263 करोड़ रुपये के रिलीज ऑर्डर की प्रति भेंट की। इसमें 442 करोड़ रुपये स्मार्ट सिटी, 375 करोड़ रुपये अमृत अभियान तथा 446 करोड़ रुपये लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के लिये हैं। इस मौके पर केन्द्र सरकार के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ऑनलाइन पंजीयन को सम्मिलित करते हुए करीब 29 लाख 22 हजार लोगों को आवास की जरूरत है। राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक आवेदन का सत्यापन कराने के बाद लगभग 20 लाख आवास के निर्माण की आवश्यकता होगी। इसको देखते हुए इस योजना के तहत तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार की मंशा के अनुरूप योजना के तहत आवास के लिए अगले दो वर्षों में सभी आवेदनों का सत्यापन कराकर प्रस्ताव प्रेषित कर दिया जाएगा। इस योजना से प्रदेश के 628 शहरी आबादी को लाभ मिलेगा। उन्होंने नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना एवं मुख्य सचिव को निर्देशित किया कि इस मामले में समयबद्ध रूप से समीक्षा कर प्रदेश की जनता को लाभ दिलाया जाए। आवश्यकतानुसार बैंकर्स की बैठक भी बुलाई जाय, जिससे इस योजना के तहत निजी भूमि पर आवास बनाकर योजना का लाभ लेने वालों को भी सुविधा मिल सके। इसके अलावा सीमेण्ट की दर कम करने के लिए सीमेण्ट की विभिन्न कम्पनियों एवं हुडको से भी मदद ली जाय।
गौरतलब है प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत केन्द्र सरकार कई सहूलियत दे रही है।

इस योजना के लाभार्थियों का बैंक खाता आधार नम्बर से जुड़ा होगा तथा आवास यूनिट की जीओ टैगिंग की जाएगी ताकि तकनीक के माध्यम से निर्माण की स्थिति पर नजर रखी जा सके। रीयल स्टेट नियमन एवं विकास अधिनियम-2016 की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार अगले एक माह में केन्द्र सरकार की मंशा के अनुरूप अधिनियम में संशोधन कर देगी, जिससे उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हो सके। इसी प्रकार अधिनियम को लागू करने के लिए प्राधिकरण के गठन की कार्रवाई भी तेज की जाएगी। प्रदेश के एनसीआर क्षेत्र में मकान उपभोक्ताओं की कठिनाइयों के निवारण के लिए अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा गया है कि किसी भी कीमत पर रीयल एस्टेट कम्पनियों द्वारा उपभोक्ताओं का शोषण न होने दिया जाय।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार दीनदयाल अन्त्योदय योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन को पूरी गम्भीरता से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। निर्माणाधीन नगरीय शेल्टर होम को शीघ्र पूरा करने तथा स्वयं सहायता समूहों को बैंकों से लिंक कराने का प्रयास किया जा रहा है। योजना के तहत गरीबों के लिए संचालित कौशल विकास के प्रशिक्षण के साथ-साथ उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए भी काम किया जाएगा। इसी प्रकार शहरी पथ विक्रेताओं के लिए नियमावली बनाने के लिए भी कहा गया है।

अटल अमृत अभियान के तहत लगेंगे १३ लाख टेप
अटल अमृत अभियान के तहत केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए समयबद्ध ढंग से काम करने का आश्वासन देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के तहत जिस पैमाने पर काम किया जाना चाहिए था, वैसी गम्भीरता पिछली राज्य सरकार में नहीं दिखायी गयी। वर्ष 2015-16 तथा 2016-17 के लिए सीवरेज एवं जल आपूर्ति के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया गया था, उसकी प्रति सप्ताह समीक्षा की जायेगी। मिशन के तहत वर्ष 2020 तक टेप द्वारा प्रत्येक घर को जल आपूर्ति के लिए 13 लाख टेप लगाए जाएंगे। इसके अलावा 15 लाख अतिरिक्त नलों की स्थापना का लक्ष्य भी प्राप्त किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अगले तीन वर्षों के लिए एक साथ केन्द्र सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किए जाये, जिससे प्रदेश के सभी 61 नगरों में नल द्वारा जल आपूर्ति एवं नगरों में सीवर की व्यवस्था भी हो सके। पहले, अटल अमृत अभियान के तहत राज्य सरकार के 60 नगर सम्मिलित किये थे। मुख्यमंत्री के आग्रह पर अयोध्या को अलग से योजना के तहत सम्मिलित किया गया है।

योजना बनाकर चलेगा स्वच्छता अभियान
स्वच्छ भारत मिशन की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले इस मिशन के तहत प्रदेश के सुचारु रूप से कार्य नहीं किया गया, जिसके कारण केन्द्र सरकार द्वारा जारी स्वच्छता सूची में एक मात्र शहर वाराणसी ही आ पाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार योजना बनाकर इस कार्य को तेजी से आगे बढ़ा रही है। इसके लिए उद्योगों, स्वैच्छिक एवं धार्मिक संस्थाओं आदि की भी मदद ली जाएगी। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए जनपदों में जिलाधिकारी एवं प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव को नोडल अधिकारी नामित करते हुए समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार स्वच्छता मिशन को अभियान के रूप में चलाने जा रही है। प्रदेश के नगर विकास मंत्री 06 मई 2017 से, इस अभियान की शुरुआत करेंगे। मुख्यमंत्री स्वयं आगरा में अभियान की शुरुआत करेंगे।

अक्टूबर 2018 तक प्रदेश होगा खुले में शौच मुक्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसम्बर 2017 तक प्रदेश के 30 शहरों को खुले में शौच मुक्त करा दिया जायेगा। साथ ही, पूरे प्रदेश को अक्टूबर 2018 तक खुले में शौच मुक्त घोषित करा दिया जायेगा।

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