लखनऊ। केबल और डायरेक्ट टु होम या डीटीएच की सेवा लेने वालों को अपने पसंद का चैनल चुनने का अंतिम मौका है। फरवरी माह के पहले या दूसरे हफ्ते से बिना चुने चैनल देखने को नहीं मिलेगा। टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथारिटी यानी ट्राई के निर्देश हैं कि उपभोक्ता अपना चैनल खुद चुनें। केबल ऑपरेटर उपभोक्ताओं पर अपने पैकेज थोप नहीं पाएंगे।
गौरतलब है कि ट्राई ने ऑपरेटरों को 21 जनवरी तक का समय दिया था। इसके बाद कुछ राहत फिर से दी गई है। अब केबल ऑपरेटरों और एमएसओ से कहा गया है कि तैयारी पूरी कर लें। ऐसे में उपभोक्ताओं को अपने पसंद के चैनल की सूची ऑपरेटर को उपलब्ध करानी होगी। इसमें कई चैनल फ्री टू एयर यानी मुफ्त हैं। उनके अलावा जो चैनल देखना चाहते हैं सिर्फ वही दिखाए जाएंगे। उनका ही भुगतान करना होगा।
टीवी देखने पर भी लगेगा जीएसटी
अब टीवी देखना भी टैक्स भरने का कारण बनेगा। सभी टीवी चैनल नेटवर्क ने प्रत्येक चैनल और पैकेज के रेट का ऐलान कर दिया है और इन रेट पर जीएसटी भी लागू होगा। टीवी देखने के लिए आपको ऑपरेटर और टीवी चैनल द्वारा लिए जा रहे चार्ज पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी देना होगा। दरअसल दूरसंचार नियामक ट्राई ने ऐसी व्यवस्था को तैयार किया है जिसमें नई टैरिफ व्यवस्था लागू होने के बाद उपभोक्ताओं के पास चैनल चुनने का विकल्प होगा। वे केवल उन्हीं टीवी चैनलों के लिए भुगतान करेंगे, जिन्हें देखना चाहते हैं। ट्राई के नए नियमों के मुताबिक 100 फ्री-टू-एयर चैनल के लिए आपको 130 रुपये देने होंगे। हालांकि ये राशि 130 रुपये नहीं होगी, क्योंकि इस पर 18 फीसद जीएसटी देना होगा। जीएसटी मिलाकर ये राशि होती है करीब 153 रुपये। इसके अलावा चैनल जिस रेट की पेशकश कर रहे हैं, उस पर भी आपको जीएसटी चुकाना होगा।
टैरिफ प्लान पर कोर्ट जाएंगे ऑपरेटर
लखनऊ। केबल आपरेटर ट्राई के नए टैरिफ प्लान के विरोध में खड़े हो गए हैं। उनका आरोप है कि नया टैरिफ प्लान न तो उपभोक्ताओं के और न ही ऑपरेटरों के हित में। राजधानी के केबल ऑपरेटर अब कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
ट्राई (टेलीकॉम एथॉरिटी ऑफ इंडिया) का नया टैरिफ प्लान एक फरवरी से लागू होने जा रहा है। केबल आपरेटर्स हितैषी एसोसिएशन के सचिव विनय सिंह बताते हैं कि ट्राई का दावा है कि नए प्लान से उपभोक्ताओं का टीवी देखना सस्ता हो जाएगा, लेकिन सच्चाई इसके उलट है। वह बताते हैं कि अभी केबल ऑपरेटर 200 से 250 रुपए में लगभग सभी मनोरंजक, न्यूज, स्पोट्र्स, कार्टून, धार्मिक, विज्ञान, फैशन व फ्री टू एयर चैनल देख लेते हैं। लेकिन अब नई व्यवस्था में कम से कम 400 रुपए देने होंगे। 250 से 300 रुपए में उपभोक्ता अब केवल चुनिंद चैनलों को ही देख सकेंगे। वह बताते हैं कि नए नियम से उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ पड़ेगा। वहीं केबल ऑपरेटर की मार्जिन भी बहुत कम हो जाएगी। वह बताते हैं ट्राई ने उनकी कोई बात नहीं सुनी है। अब उपभोक्ताओं और केबल ऑपरेटरों का हित देखते हुए अदालत में जाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं उपभोक्ताओं में भी काफी निराशा है कि पहले वे कम दाम में ज्यादा लाभ ले पाते थे, लेकिन अब उनको केवल चुने हुए चैनल ही देखने को मिल पायेगे।