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पूर्वांचल की धान प्रजातियां बनेंगी ब्रांड

मुख्यमंत्री ने कृषि कालेजों में मौजूद रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया में पारदॢशता बरतने के दिये निर्देश

सरकारी पदों पर योग्यता का हो सम्मान, संचालित कृषि कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता में हो सुधार : मुख्यमंत्री

बिजनेस लिंक ब्यूरो

mahant-yogi-adityanath_141-1लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल में धान की ऐसी कई प्रजातियां हैं जिनकी गुणवत्ता, स्वाद और महक उत्कृष्टï है। परन्तु इन प्रजातियों को और बेहतर बनाने के लिए न ही कोई शोध हुआ और न ही इनके ब्राण्ड को प्रमोट करने की दिशा में कोई कार्य हुआ। धान की ऐसी प्रजातियों को उन्नतशील बनाने की दिशा में कार्य करते हुए इन्हें बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने उच्चाधिकारियों को विभिन्न कृषि कॉलेजों में मौजूद रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया में पारदॢशता बरतने के निर्देश देते हुये कहा, सरकारी पदों पर भर्तियों के दौरान योग्यता का सम्मान किया जाय। साथ ही कृषि विश्वविद्यालयों के तहत संचालित कृषि कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को प्राथमिकता दी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अधिकारियों द्वारा विभाग के अन्तर्गत संचालित चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर के तहत चलने वाले कॉलेजों का विवरण दिया गया। इसके तहत स्थापित शोध केन्द्रों, शोध एवं प्रसार गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए अधिकारियों ने बताया कि फसलों की उन्नतशील प्रजातियों तथा कृषि की नवीन तकनीकों के विकास के लिए 11 शोध एवं उप शोध केन्द्र संचालित हैं। विश्वविद्यालय द्वारा विगत 5 वर्षों में शोध तथा प्रसार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं।

नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय फैजाबाद के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके तहत स्थापित विभिन्न विज्ञान केन्द्रों तथा संचालित कॉलेजों में कराये जा रहे पठन-पाठन में गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने मेरठ, बांदा तथा इलाहाबाद के कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालयों के विषय में भी जानकारी ली तथा इन्हें और प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण देखते हुए इसे और अधिक प्रभावी बनाने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों तक प्रत्येक वर्ष कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालयों के अधिक से अधिक कॉलेज, प्रोग्राम का आईसीएआर से एक्रिडिटेशन कराया जाए जिससे इन्हें आईसीएआर तथा अन्य संस्थाओं से अधिक से अधिक अनुदान प्राप्त हो सके और विश्वविद्यालयों को ब्राण्ड के रूप में पहचान मिले।

मुख्यमंत्री ने कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालयों की क्षमता के अनुरूप प्रत्येक विश्वविद्यालय में एक-एक सेण्टर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दी। उन्होंने भारत सरकार द्वारा प्रदेश के 20 जनपदों में चिन्हित कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना के लिये नि:शुल्क भूमि के चिन्हीकरण एवं इसकी उपयुक्तता के सम्बन्ध में आईसीएआर की निरीक्षण समिति से निरीक्षण कराए जाने के प्रस्ताव पर भी अपनी सहमति दी।

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