बलात्कारी बाबा राम रहीम को 20 साल की सजा। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को साध्वी यौनशोषण मामले में दस साल की सजा सुनाई गई है। उस पर तीन अलग-अलग धाराओं को लेकर 30 lakh का जुर्माना भी लगाया गया है। साध्वी यौनशोषण मामले में राम रहीम को 25 अगस्त को दोषी करार दिया गया था। सजा सुनाए जाने के बाद राम रहीम का कैदी नंबर चेंज होगा। अभी तक वह कैदी नंबर 1997 था। उसे अब कैदियों वाले कपड़े पहनने होंगे। उसे जेल मैनुअल के हिसाब से काम भी करना होगा। अभी उसका मेडिकल किया जा रहा है।
राम रहीम के पास अब सजा के खिलाफ अपील करने के लिए हाईकोर्ट जाने का विकल्प है। आज समय कम होने के कारण वह एेसा नहीं कर पाएगा, लेकिन बहुत संभव है कल वह हाई कोर्ट में अपील दायर करे। इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंत्रियों, मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक की बैठक बुलाई है। इसमें कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा होगी।
सजा सुनाने के लिए रोहतक की सुनारिया जेल में विशेष कोर्ट लगाई गई। इससे पूर्व दोनों पक्षों को दलील देने के लिए 10-10 मिनट का समय दिया गया। इस दौरान गुरमीत राम रहीम भी कोर्ट में मौजूद रहा और उसकी आंखों से आंसू टपकते रहे। वह रहम की अपील करता रहा। सजा सुनाए जाने के दौरान डेरा प्रेमियों ने सिरसा के फुल्का गांव में दो गाड़ियों में आग लगाई। इसकी सूचना भी कोर्ट को दी गई।
सुरक्षा का मोर्चा संभाले जवानों को संदिग्ध गतिविधि पर असामाजिक तत्वों को गोली मारने के निर्देश दिए गए हैं। सुबह से ही रोहतक और सिरसा सेना की निगरानी में है। सजा के मद्देनजर सुबह से ही पूरा रोहतक और सिरसा सेना की निगरानी में रहा। राम रहीम को 25 अगस्त को दोषी करार दिया गया था। सजा सुनाने के लिए सीबीआइ के विशेष जज जगदीप सिंह पंचकूला से हेलीकॉप्टर से पहुंचे। यह पहली बार हुआ जब हरियाणा के किसी जेल परिसर में अदालत लगाकर सजा सुनाई गई।
सीबीआइ जज को जेड प्लस सिक्योरिटी दी गई है। उन दो साध्वियों को भी कड़ी सुरक्षा दी गई है, जिन्होंने गुरमीत द्वारा यौन शोषण की बात कही थी। सजा के बाद होने वाली प्रतिक्रिया से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने कड़े बंदोबस्त किए हैं। पुलिस महानिदेशक बीएस संधू के अनुसार अर्धसैनिक बलों की 26 कंपनियां तथा पुलिस तैनात की गई हैं। सेना की कई कंपनियों को विकल्प के तौर पर रखा गया है। उपद्रवियों पर देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं।
जज के सामने रोते रहे गुरमीत
लाखों श्रद्धालुओं से ‘पिताजी’ कहलाने वाले गुरमीत सिंह आंखों में आंसू भरकर सीबीआई के स्पेशल जज जगदीप सिंह के साथ खड़े थे। रोते हुए गुरमीत सिंह बार-बार 7 साल-7 साल बोलते रहे यानी रेप केस में उन्हें अधिकतम 10 साल की सजा की बजाय 7 साल की दी जाए। रिपोर्ट्स के मुताबिक बेहद भावुक नजर आ रहे गुरमीत सिंह और उसके वकीलों ने जज से सजा में राहत की मांग की। रोहतक की जेल में लगी अदालत में मौजूद गुरमीत सिंह के तीन वकीलों ने रहम की अपील करते हुए कहा, ‘राम रहीम सिंह सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह लोगों के कल्याण के लिए काम करते रहे हैं। इसलिए उनके प्रति सजा में नरमी बरती जानी चाहिए।’ बता दें कि स्पेशल जज जगदीप सिंह ने सीबीआई और गुरमीत सिंह के वकीलों को अपना-अपना पक्ष रखने के लिए 10-10 मिनट का वक्त दिया था।