- प्रदूषण कम होगा, बढ़ेंगे रोजगार : सतीश महाना
- कृषि अपशिष्टों को बायोमास में परिवर्तित कर किया जा सकता है बिजली का उत्पादन
लखनऊ। प्रदेश सरकार बायोमास ब्रिकेट आधारित उद्योगों को बढ़ावा देगी। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि यह क्षेत्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। राज्य में इस प्रकार की नई इकाई लगाने वाले उद्यमियों को हर सम्भव मदद एवं सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेगी। कृषि अपशिष्ट की समस्या का एकमात्र विकल्प कृषि अपशिष्ट को बायोमास से ब्रिकेटिंग करके ही किया जा सकता है। इससे ना केवल प्रदूषण कम होगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेगे। इसके अतिरिक्त विदेशी मुद्रा भंडार जिसका एक बड़ा भाग कोयला इंपोर्ट में खर्च हो रहा है, उसकी बचत होगी।
उत्तर प्रदेश बायोमास ब्रिकेट एसोसिएशन की बैठक में उद्यमियों को सम्बोधित करते हुये औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां की लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर आधारित है। कृषि अपशिष्टों को किसानों द्वारा नष्ट कर दिया जाता है, इससे ना केवल वायुमंडल प्रदूषित होता है, बल्कि मिट्टी की जैविकता भी कम होती है। उन्होंने कहा कि यह उद्योग कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रण करने वाला बहुमूल्य उद्योग है। उल्लेखनीय है कि बायोमास ब्रिकेट का निर्माण कृषि उत्पाद के अपशिष्टों से होता है इसका उपयोग इर्धन के रूप में कोयले के विकल्प के रूप में किया जा सकता है। औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि इस उद्योग की अत्याधुनिक टेक्नालाजी को अपना कर बायोमास के उत्पादन में एक नई क्रांति लाई जा सकती है। इससे जहां कृषि अपशिष्टों को जलाने की जरूरत नहीं होगी और वायुमंडल को प्रदूषित होने से भी बचाया जा सकेगा। आज पर्यावरण प्रदूषण एक गम्भीर समस्या है, जिसके निदान के लिए राज्य सरकार ने प्रभावी कदम उठाये हैं। सरकार का प्रयास है कि ऐसी टेक्नालाजी को अपना कर इकाइयों का वातावरण प्रदूषित होने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कई नवीन योजनाएं इस इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने के लिए प्रारम्भ की गई हैं। उद्यमियों को इनका लाभ उठाना चाहिए। उद्यमियों का दायित्व है कि सर्वोच्च प्राथमिकता वाले ब्रिकेट उद्योग को लगाएं और अपनी आय में वृद्धि करने के साथ-साथ पर्यावरण मित्र बन सकते हैं।
इस दौरान औद्योगिक विकास मंत्री ने हरियाणा के डासन एनर्जी प्रा लि कम्पनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अजय कुमार मुकुंद, सम्भल के प्रमुख उद्योगपति अमित वाष्र्णेय तथा उत्तर प्रदेश बायोमास ब्रिकेट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राम रतन अग्रवाल सहित कई अन्य उद्यमियों को उत्कृष्ट उद्यमी पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने उद्योगपति मुकुंद द्वारा बायोमास के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि अजय कुमार मुकुंद ने अपने प्रयासों दुनिया के कई देशों में इकाई स्थापित की हैं, जो सफलतापूर्वक व्यवसाय कर रही है। उत्तर प्रदेश बायोमास बिक्रेट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राम रतन अग्रवाल कार्यक्रम का संचालन करते हुए कृषि अपशिष्टों के माध्यम से उर्जा उत्पादन के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में इस प्रकार की इकाइयों की स्थापना की बहुत सम्भावनाएं हैं। उद्यमी बायोमास ब्रिकेट के माध्यम से कम खर्च में अधिक उत्पाद बना सकते हैं।
उद्यमी अमित वाष्र्णेय ने बायोमास ब्रिकेट के संदर्भ में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि कृषि अपशिष्टों को बायोमास में परिवर्तित कर उससे बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। उनकी इकाई बायोमास से विद्युत उत्पादन के लिए 100 गांवों से अपशिष्ट को एकत्र करती है। अपशिष्ट से उत्पादित बिजली के द्वारा राइस मिल और कोल्ड स्टोरेज भी संचालित किये जा रहे हैं। इस कार्य के लिए केन्द्र सरकार द्वारा उन्हें लगभग 40 लाख रुपये कार्बन क्रेडिट के रूप उपलब्ध कराया जाता है।