कार्यक्रम के दौरान हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि हम सबके लिए बड़ा दिन है कि विधान सभा की कार्यवाई से पहले नियमावली और कार्यो को लेकर यहां 2 दिन चर्चा करेंगे. सबसे बड़े राज्य की विधानसभा से पहली बार आप सभी चुनकर आए हैं. हमारा सौभाग्य है कि अभी-अभी चुनाव सम्पन्न हुए हैं और हमें राष्ट्र को समर्पित होने वाले योगी आदित्यनाथ हमारा प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश की विधान सभा में जब हम कुछ दिनों के बाद प्रवेश करेंगे, तब प्रश्नकाल से लेकर विधि बनाने कानून बनाने से लेकर बजट पेश करने से लेकर सभी कार्य करेंगे. इसके पहले कुछ जानकारियों जरूरी हैं. ये कार्यक्रम सीखने का है, जिसके लिए अभिभावक जरूरी हैं, जिसके लिए गणमान्य उपस्थित हैं.
इसके बाद कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि सीएम ने कहा कि हृदय नारायण दीक्षित जी को बधाई क्योंकि पहली क्लास सफल रही. अक्सर जनप्रीतिनिधियो के बारे में धारणा है कि वो एक जगह टिक कर नहीं रह सकते लेकिन ये वैसा ही है जैसे मेढक को तराजू पर तोलना लेकिन मुझे भरोसा है कि उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ जनता ने जो हम पर जो भरोसा जताया है, हम उस पर खरे उतरेंगे. हमारे राज्यपाल महोदय ने कई श्रेष्ठ कार्यो को शुरू किया. मैं उनका अभिनदंन करता हूं. ये पूरे सदन के लिए गौरव की बात है. उत्तर प्रदेश की विधानसभा लोकतंत्र की सबसे बड़ी संस्था है. 22 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में बहुत कुछ करना है. उत्तर प्रदेश में बहुत संभावनाएं हैं लेकिन शायद उसका इतना इस्तेमाल नहीं कर पाए.
लोकतंत्र में विधायिका की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है ये सभी जानते हैं. पूरे लोकतंत्र में अगर किसी संस्था की जनता के प्रति जवाबदेही है तो विधायिका ही है. इस देश में अफसर हों या फिर आर्मी मैन हर कोई सांसद बनना चाहता है लेकिन फिर भी हम पर सवाल खड़ा होता है. आखिर कुछ तो बात है.यहां आपकी कार्यकलाप आपका आचरण अनुशासन और भाषाशैली को लाइब्रेरी में रखा जाएगा जो भविष्य में आने वाले पीढ़ी के लिए आपके व्यक्तित्व का निर्माण करेंगे. एक बात मैंने ध्यान दिया है कि अगर आप बिना शोर मचाये बिना अनुशासन का उल्लंघन किए नियम के तहत कोई बात कहते हैं तो वो ज्यादा प्रभावी होती है. ये मैंने खुद संसद में भी महसूस की है.
सीएम योगी ने कहा कि अगर आपके क्षेत्र में कही आग लग जायेगी, आप जरूर जाएंगे. चाहे कुछ भी हो आपको जाना ही पड़ेगा. यही जवाबदेही है. उस सबके बावजूद आपको जवाबदेह नहीं माना जाता है. इस पर विचार करने की जरूरत है. सदन में अनुपस्थिति इसका कारण है और जनप्रीतिनिधियो पर भ्रष्टाचार के आरोप इसका मुख्य कारण है. आप सभी पर आरोप लगते हैं. किस बात को किस नियम के तहत रख सकते हैं. कब कौन सा प्रश्न पूछ सकते हैं. लेकिन नियमों के तहत ये सब सीखना बहुत जरूरी है. मैंने भी सीखा था.
संसद में कई बार खुद मैंने 200 से ज्यादा प्रश्न बनाए हैं. बस थोड़ा प्रयास करने की जरूरत है. लेकिन पिछले कुछ सालों में उत्तर प्रदेश के विधान सभा का सत्र जितना चलना चाहिए था नहीं चला. जिस विधान सभा को 90 दिन चलना चाहिए था वो सिर्फ 20 या 25 दिन ही चलती थी. मैं मानता हूं कि अगर 90 दिन तक विधानसभा चलती है तो लोगों के बीच विश्वास बनेगा. आप स्वयं एक सरकार हैं. ये भावना लानी होगी. बहुत सारी समस्याएं आपके स्तर पर भी दूर हो जाएंगी. हमारे सामने 90 दिन सत्र चलाना चुनौती है. अगर विधानसभा सत्र 90 दिन चला तो किसी थाने, तहसील में गड़बड़ी नहीं होगी.
संसद में कई बार रात 8 बजे तक कार्रवाई चलती रही है इसलिए मेरी इच्छा है कि उत्तर प्रदेश के विधान सभा की कार्यवाही भी रात-रात भर चले. सभी विधायकों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा. मुझे लगा था कि विधायक बनने के बाद ऐसे कार्यक्रम में विधायकों की संख्या बहुत कम होगी लेकिन आप आए.