लखनऊ। सरकारी गाड़ी में अधिकारियों को वीआईपी ट्रीटमेंट मिल जाता है लेकिन प्राइवेट गाडि़य़ों पर चलने पर उनको शान नजर नहीं आती है। ऐसे में अधिकांश अधिकारियों ने वीआईपी बनने की चाहत में अपनी प्राइवेट गाडि़य़ों पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखवा दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार लिखा होने से अधिकारियों का वीआईपी बनने का ख्वाब पूरा हो रहा था लेकिन अब इस पर भी रोक लगा दी गई है।
उल्लेखनीय है कि बीती एक मई से प्रदेश में वीआईपी कल्चर खत्म करने के लिए लाल और नीली बत्ती को हटाने का आदेश दिया गया था। आदेश आते ही सभी गाडि़य़ों से लाल और नीली बत्ती उतार दी गयी। वहीं केवल आपातकालीन सेवा वाले वाहनों के लिए ही लाल बत्ती प्रयोग की छूट दी गयी है। लेकिन सरकारी तंत्र से जुड़े अधिकारियों को वीआईपी कल्चर का मोह नहीं छूटा। सरकारी गाडिय़ों के साथ ही उन्होंने वीआईपी बनने के लिए अपनी प्राइवेट गाडिय़ों पर भी उत्तर प्रदेश सरकार लिखवा दिया।
अधिकारियों ने पत्र लिखकर मांगी थी छूट
कई अधिकारियों ने सीएम कार्यालय को पत्र लिखकर निजी गाडिय़ों पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखने की छूट भी मांगी थी। मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचे इन पत्रों को नियमों की जांच के लिए परिवहन विभाग को भेजा गया था। जहां पर नियमों को देखने के बाद तय किया गया कि निजी गाडिय़ों पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखना वीआईपी कल्चर को बढ़ावा देना है। जिसके बाद सीएम कार्यालय की ओर से इसकी अनुमति नहीं दी गयी।
नहीं कर सकते प्रयोग
पत्रों के जरिए मांगी गयी छूट को लेकर नियमों के तहत परिवहन विभाग ने स्पष्ट कर दिया कि शासन और प्रशासन के अधिकारी अपनी निजी गाडिय़ों पर उत्तर प्रदेश सरकार न तो लिखवा सकेंगे और न ही इसके लोगो का भी उपयोग कर सकेंगे। चार पहिया वाहन ही नहीं बल्कि कई दो पहिया वाहनों पर भी उत्तर प्रदेश सरकार और उसका लोगो लगा हुआ है।
कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अपनी गाड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार नहीं लिखवा सकता है। वीआईपी कल्चर को रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है। यदि कोई गाड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार लिखवाता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
रविशंकर वर्मा, आरटीओ, आईजीआरएस (इंटीग्रेटेड सिस्टम फॉर ग्रिवांस रीडरसेल)