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मानकों पर खरे नहीं मोटर ट्रेनिंग स्कूल

अधिकतर ट्रेनिंग स्कूलों के पास अपने वाहन तक नहीं

बहुत सारे ऐसे ट्रेनिंग स्कूल जिनके वाहनों की सालों से नहीं हुई फिटनेस

मोटर ट्रेनिंग स्कूलों की धांधली की शिकायत पर आरटीओ कार्यालय ने लिया संज्ञान

दस्तावेज व रजिस्टर के साथ कार्यालय आने का भेजा नोटिस

imagesलखनऊ। शहर में संचालित व्यावसायिक व निजी मोटर ट्रेनिंग स्कूलों के लिए परिवहन विभाग ने जो मानक तय किए हैं, उन पर बहुत कम ही स्कूल खरे उतर रहे हैं। अधिकतर स्कूलों के पास ड्राइविंग सिखाने के लिए वाहन तक नहीं हैं, फिर भी वे स्कूल इधर-उधर के वाहनों पर मोटर ट्रेनिंग स्कूल लिखाकर ड्राइविंग के गुर सिखा रहे हैं। बहुत से ऐसे ट्रेनिंग स्कूल हैं जिनके वाहन चलने की हालत में नहीं हैं, वर्षों से फिटनेस नहीं हुई फिर भी उनसे नए लोगों को ड्राइविंग सिखाई जा रही है। परिवहन विभाग के नियम-कानून तो कुछ हद तक व्यावसायिक स्कूलों पर तो लागू भी हो रहे हैं, लेकिन निजी ट्रेनिंग स्कूलों के लिए परिवहन विभाग के कोई नियम-कानून भी नहीं हैं। ट्रेनिंग स्कूल ड्राइवरों को महज ३० घंटे की ट्रेनिंग देकर परफेक्ट ड्राइविंग का सर्टिफिकेट दे देते हैं। यही ड्राइवर जब सड़क पर ड्राइविंग करने निकलते हैं तो हादसे की वजह बनते हैं। अगर किसी नए व्यक्ति को वाहन चलाना सीखना है और इसकी ट्रेनिंग लेनी है तो सबसे पहले वह मोटर ट्रेनिंग स्कूल की तरफ रुख करता है। यहां पर स्कूल संचालक मुंहमांगी फीस वाहन सीखने वालों से वसूल करते हैं। शहर में चल रहे मोटर ट्रेनिंग स्कूलों में से किसी की भी फीस एक समान नहीं है। निजी मोटर ट्रेनिंग स्कूल अपनी मनमानी फीस वसूल रहे हैं। यही स्कूल निजी से कॉमर्शियल लाइसेंस बनवाने के लिए जरूरी मोटर ट्रेनिंग स्कूल के सर्टिफिकेट भी बिना वाहन चलवाए ही मुंहमांगी रकम लेकर जारी कर रहे हैं। इसके बाद आसानी से इस सर्टिफिकेट पर आरटीओ में कॉमर्शियल लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं। बताते चलें कि एक दिन पहले शहर में संचालित मोटर ट्रेनिंग स्कूलों की धांधली की शिकायतें मिलने पर आरटीओ कार्यालय की ओर से ४२ मोटर ट्रेनिंग स्कूलों को नोटिस जारी किया गया। नोटिस में सभी स्कूलों को तीन दिन के अंदर फॉर्म ५ समेत सभी दस्तावेज व रजिस्टर लेकर कार्यालय में उपस्थित होने का अल्टीमेटम दिया गया। परिवहन विभाग के सूत्रों की मानें तो एआरटीओ प्रशासन की ओर से जारी नोटिस के बाद मोटर ट्रेनिंग स्कूल संचालकों में खलबली मची हुई है। इसकी वजह यह है कि ४२ में से २२ स्कूल ऐसे हैं जो परिवहन विभाग के नियमों का खुला उल्लंघन कर रहे हैं। इन स्कूलों के पास अपने वाहन तक नहीं हैं। सूत्रों की मानें तो इनकी कागजी कार्रवाई भी पूरी नहीं है।

महीने में जारी कर सकते हैं २४ सर्टिफिकेट

परिवहन विभाग से जुड़े कर्मचारियों ने बताया कि परिवहन विभाग में व्यावसायिक मोटर ट्रेनिंग स्कूलों के लिए महीने भर में ड्राइवरों की ट्रेनिंग सर्टिफिकेट के लिए २४ फॉर्म जारी किए जाते हैं। यानी महीने में एक मोटर ट्रेनिंग स्कूल केवल २४ ड्राइवर सर्टिफिकेट ही जारी कर सकते हैं। मोटर ट्रेनिंग स्कूल से जारी सर्टिफिकेट पर आरटीओ में हैवी लाइसेंस के लिए आवेदन किया जा सकता है।

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