- चारबाग से मुंशी पुलिया तक हुआ लखनऊ मेट्रो का सफल ट्रॉयल

- एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन तक बिना बाधा के पहुंची मेट्रो
- फरवरी से शुरू होगा कॉमर्शियल रन
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। एलएमआरसी ने ट्रांसपोर्ट नगर और चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशनों के बीच सफलतापूर्वक सिग्नलिंग और इंट्रीग्रेटड टेसिं्टग ट्रायल्स की शुरुआत कर दी है। इस उपलब्धि के साथ ही, लखनऊ मेट्रो ने सीसीएस एयरपोर्ट और मुंशीपुलिया के बीच 22.878 लंबे संपूर्ण उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के परिचलान की दिशा में एक और मील का पत्थर पार कर लिया है। 
आपको जानकर हैरानी होगी कि लखनऊ मेट्रो की ट्रैक और ट्रैक्शन टीम पहले ही रेकॉर्ड समय में अपना कार्य पूरा कर चुकी है। एलएमआरसी के भूमिगत और टनल सेक्शन्स में ट्रेनों के परिचालन हेतु आवश्यक करंट की सप्लाई के लिए रिजिट ओवरहेड उपकरण लगाए गए हैं। डायमंड क्रासिंग पर इस अत्याधुनिक रिजिट ओएचई का प्रयोग लखनऊ मेट्रो में पहली बार सीसीएस एयरपोर्ट स्टेशन के नजदीक हुआ है, जिसके माध्यम से ट्रेन एक लाइन से दूसरी लाइन पर जाएगी। यह सिस्टम दुनिया में चुनिंदा मेट्रो परियोजनाओं में ही मौजूद है। बीते शनिवार की सुबह 8.30 बजे एलएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने ट्रांसपोर्ट नगर मेट्रो स्टेशन पर पूजा की, जिसके बाद ट्रायल्स
का शुभारंभ हुआ। एलएमआरसी के सभी निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस मौके पर मौजूद रहे। इस खास मौके पर उन्होंने कहा मैं इस उपलब्धि और जीत के लिए सभी कर्मचारियों को बधाई देता हूं। बता दे कि हाल ही में, 9 जनवरी को एलएमआरसी ने मुंशीपुलिया तक बैलेंस सेक्शन में सिग्नलिंग और इंटीग्रेटेड टेसिं्टग ट्रायल्स की शुरुआत की थी। सिग्नलिंग और इंटीग्रेटेड टेसिं्टग ट्रायल्स के पूरे होने लगभग 4-5 सप्ताह का समय लगेगा। इन सबके पूरे होने के बाद संरक्षा आयुक्त की अनुमति मिल जाएगी। फिर फरवरी अंत तक लोगों को मेट्रो की सवारी करने का मौका मिलेगा। लेकिन ये मौका केवल ट्रांसपोर्टनगर से चारबाग तक नहीं होगा, बल्कि इस बार एयरपोर्ट से लेकर मुंशी पुलिया तक का सफर शहरवासियों को करने को मिलेगा। गौरतलब है कि
मेट्रो ने बीते गुरुवार को भूमिगत रूट पर 3.5 किमी लंबाई में ट्रायल रन भी कराया। मजे की बात ये है कि दूसरे दिन चली ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ाकर। मेट्रो ने 30 किमी प्रतिघंटा तक स्पीड पहुंचा दी। भूमिगत रूट में ट्रायल के बाद अब हजरतगंज से आगे मुंशीपुलिया तक एलीवेटेड सेक्शन पर तेजी के साथ ट्रेनों को दौड़ाया जा रहा है। लखनऊ मेट्रो के अधिकारियों ने बताया कि ट्रायल रन के बाद देर शाम ट्रेनों को भूमिगत सेक्शन में वापस ले जाया गया था। इसके बाद ट्रायल रन सुरंगों के अंदर ही शुरू करा दिए गए। यहां हुसैनगंज के अलावा सचिवालय और हजरतगंज स्टेशनों पर ट्रेनों को रोका भी गया। इस बीच देखा गया कि पूरे संचालन के समय ट्रैक्शन और सिग्नल सिस्टम किस तरह काम कर रहा है। दरअसल, नॉर्थ साउथ कॉरिडोर पर मेट्रो का कॉमर्शियल रन फरवरी से शुरू होना है। जिसके लिए जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। इसके पहले गोमती नदी और निशातगंज रेलवे लाइन के ऊपर बनाए गए विशेष पुल पर लोड टेस्ट का काम 31 दिसंबर को ही पूरा कर लिया गया था।
ट्रांसपोर्टनगर से एयरपोर्ट स्टेशन के बीच पांच सप्ताह तक होगा ट्रायल
चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट स्टेशन से ट्रांसपोर्टनगर के बीच शनिवार की तड़के मेट्रो का ट्रायल शुरू हुआ। ट्रांसपोर्ट नगर से एयरपोर्ट तक ट्रायल होने के बाद मुंशीपुलिया तक मेट्रो दौडऩे लगेगी। स्टेशनों पर अभी करीब पांच सप्ताह तक ट्रायल चलेगा। हालांकि ट्रायल के लिए एलएमआरसी के इंजीनियर देर रात तक लगे हुए थे। ओएचई चार्ज कर कई बार अधिकारियों ने ट्रायल का प्रयास किया लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से ट्रायल नहीं शुरू हो पाया। लेकिन शनिवार की सुबह ट्रांसपोर्टनगर से एयरपोर्ट तक मेट्रो का ट्रायल पूरा हुआ। ४ सप्ताह के सफल ट्रायल के बाद इसे जनता के लिए शुरू किया जाएगा।
तीन मिनट में पहुंच गई सचिवालय से हजरतगंज
30 किमी प्रतिघंटा के आसपास की गति से जब ट्रेनों का संचालन किया गया तो सचिवालय से हजरतगंज के बीच की दूरी केवल तीन मिनट में पूरी हो गई। दोनों स्टेशनों के बीच करीब 1.20 किमी की दूरी है। वहीं हुसैनगंज से सचिवालय की 850 मीटर की दूरी केवल दो मिनट में ट्रेन ने पूरी की। कॉमर्शियल रन के समय भी यही गति ट्रेनों की होना प्रस्तावित है।
अंधेरे में हुआ भूमिगत सेक्शन में ट्रायल
अभी स्टेशनों के ऑक्जीलरी सबस्टेशन से नहीं जुड़ पाने के चलते यहां बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसकी वजह से बीते गुरुवार को अंधेरे में ही ट्रेनों का संचालन कर ट्रायल भूमिगत मेट्रो स्टेशनों पर कराए गए। अधिकारियों का कहना है कि अगले चंद दिनों में स्टेशनों को ऑक्जीलरी सबस्टेशन से बिजली आपूर्ति कर रौशन कर लिया जाएगा।
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