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राज्य सरकार ने 38 जिलों में शुरू किया अभियान

  • मुख्यमंत्री ने कुशीनगर के मैनपुर गांव में की जेई टीकाकरण अभियान की शुरुआत
  • जेई की रोकथाम के लिए जारी हुआ टॉल फ्री नंबर 1800-180-55-44

बिजनेस लिंक ब्यूरो

cmलखनऊ। दिमागी बुखार के कहर से कराह रहे पूर्वांचल को इस अभिशाप से मुक्ति दिलाने के लिये योगी आदित्यनाथ ने कुशीनगर में इंसेफेलाइटिस उन्मूलन टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। जनपद कुशीनगर के मैनपुर गांव में पांच बच्चों को टीका लगाकर अभियान की शुरुआत की गई। इस दौरान सीएम ने इंसेफेलाइटिस से प्रभावित 38 जिलों के सरकारी डॉक्टरों के अवकाश पर चार महीने की रोक लगाने के निर्देश दिये। सीएम ने कहा कि जेई से बचाव के लिए वैक्सीन तो उपलब्ध है, लेकिन एई की रोकथाम के लिए अभी कोई टीका नहीं बन सका है। ऐसे में जागरूकता से ही लोगों को इस बीमारी से बचाया जा सकता है। सीएम ने इस दौरान कालाजार और जेई उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टॉल फ्री नंबर 1800-180-55-44 भी जारी किया।

गौरतलब है कि बीते ११ वर्षों के दौरान नवजातों की कब्रगाह बन चुके गोरखपुर में दिमागी बुखार ने ६,२८३ बच्चों की जानें ली हैं। यह सरकारी आंकड़े हैं, हकीकत इससे भी भयावहहै। असमय काल के गाल में समाने वाले नौनिहालों की सही संख्या अधिक है। त्रासदी के इन आंकड़ों में उन बच्चों की संख्या दर्ज नहीं हैं जो इलाज के लिये अस्पताल तक पहुंच ही नहीं पाये। मौत का यह सिलसिला अनवरत जारी है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद स्थानीय निवासियों को उम्मीद थी कि यह सिलसिला अब और आगे नहीं बढ़ेगा। पूर्वांचल के लिये नासूर बन चुके दिमागी बुखार से निजात दिलाने के लिये योगी सरकार ने भी संजीदगी दिखाई है। पूर्वांचल के सात जनपदों गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, सिद्धार्थ नगर, संतकबीर नगर और बस्ती में सबसे ज्यादा दिमागी बुखार का प्रकोप है। जानकारों की मानें तो वर्ष 1978 में पहली बार पूर्वांचल में जापानी इंसेफेलाइटिस ने दस्तक दी। तब से सूबे में छह सियासी दलों ने हुकूमत की, लेकिन इस बीमारी का कहर जारी रहा। जापानी इन्सेफलाइटिस से पीडि़त रोगी एक-दो दिन में ही अत्यधिक गभीर हो जाते हैं। मरीजों की मरणासन्न हालत हो जाती है।

सूत्रों की मानें तो साल 2012 में 1,527 मामलों में से ५२५ की मौत हो गई। वहीं 2011 में दर्ज 6,297 मामलों में से करीब ६५5 की मौत सामने आई। जबकि वर्ष 2010 में दर्ज 5,149 मामलों में ५४३ बच्चों ने दम तोड़ दिया। योगी सरकार ने कार्यभार संभालते ही दिमागी बुखार से पार पाने के प्रति संजीदगी दिखाने हुये विशेष तैयारियों के निर्देश दिये थे। चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बीते दिनों जेई के रोगियों को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने के निर्देश देकर सरकार की संजीदगी का प्रमाण दिया था। बीते ३१ वर्षों में दिमागी बुखार से हजारों बच्चों की जीवनलीला समाप्त हो चुकी है। इसके कई गुना बच्चे जीवन भर के लिए अपाहिज हो गये हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस स्थिति की गंभीरता का बखूबी अंदाजा है। इसलिये वह दिमागी बुखार के प्रकोप से पूर्वांचल को निजात दिलाने के लिये संजीदगी से आगे बढ़ रहे हैं।

11 जून तक चलेगा अभियान
सीएम योगी के अलावा विभिन्न जिलों में प्रभारी मंत्रियों ने अस्पतालों में जापानी इंसेफेलाइटिस टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत की। फैजाबाद में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, इलाहाबाद में चिकित्सा एवं शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, सुलतानपुर में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, सीतापुर में महिला कल्याण, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी और अंबेडकरनगर में एसपी सिंह बघेल ने टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। यह अभियान 11 जून तक 38 जिलों में चलाया जायेगा।

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