मुंबई। रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि लघु वित्त बैंकों के पहले बैच का प्रयोग सफल रहने के बाद उन्हें ‘ऑन टैप’ लाइसेंस देने की व्यवस्था की जायेगी और इस साल अगस्त तक इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किये जायेंगे।
‘ऑन टैप’ लाइसेंस का मतलब है कि दिशा-निर्देशों में दी गयी अर्हता को पूरा करने वाली इकाइयों को आवेदन करने के बाद किसी अतिरिक्त मंजूरी के बिना लाइसेंस जारी किया जायेगा।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा समिति की बैठक के बाद गुरुवार को जारी ‘विकासशील एवं नियमाक नीति बयान’ में यह बात कही गयी है। केंद्रीय बैंक ने कहा “लघु वित्तीय बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा में यह बात सामने आयी है कि उन्होंने प्राथमिक क्षेत्र का अपना लक्ष्य पूरा किया है और इस प्रकार वित्तीय समावेशन के अपने उद्देश्य को हासिल करने में सफल रहे हैं।
इसलिए, छोटे ऋण की जरूरत वाले लोगों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने और प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र में ज्यादा बैंकों को होना चाहिये। इसके मद्देनजर अगस्त 2019 के अंत तक लघु वित्त बैंकों के लिए ‘ऑन टैप’ लाइसेंस के बारे में दिशा-निर्देश जारी कर दिये जायेंगे।”
केंद्रीय बैंक ने प्रयोग के तौर पर 10 लघु बचत बैंकों को लाइसेंस जारी किये थे जिनमें आठ को आरबीआई एक्ट, 1934 की दूसरी अनुसूचि में शामिल किया जा चुका है। लघु बचत बैंकों और भुगतान बैंकों के लिए 27 नवंबर 2014 को दिशा-निर्देश जारी किये गये थे।
उसी में कहा गया था कि बाद में इनके लिए ‘ऑन टैप’ लाइसेंस व्यवस्था पर भी विचार किया जायेगा। आरबीआई ने कहा है कि भुगतान बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा में अभी और समय लगेगा।
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