बोली के माध्यम से वीवीआईपी नंबरों की बुकिंग में परिवहन विभाग लागू कर रहा नई व्यवस्था
मौजूदा समय में 343 वीवीआईपी नंबरों की बुकिंग के लिए देनी होती है 3000 से लेकर 15000 रुपए तक रजिस्ट्रेशन फीस
नीलामी में इन नंबरों की बुकिंग के लिए खर्च करनी पड़ेगी अधिक धनराशि
3000, 6000, 7500 और 15000 रुपए में बुक होते हैं वीवीआईपी नंबर
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। परिवहन विभाग के वीवीआईपी नंबरों की सीरीज के कई खास नंबर आम और आम नंबर खास होंगे। परिवहन विभाग बोली के जरिए वीवीआईपी नंबरों की बुकिंग की नई व्यवस्था के तहत इसको लागू करेगा। ऐसे में लखनऊ आरटीओ समेत कई जनपदों में वीवीआईपी नंबरों की सीरीज में शामिल बहुत सारे वीवीआईपी नंबर हट जाएंगे। वीवीआईपी नम्बरों की जगह बहुत से ऐसे नंबर जोडऩे की भी तैयारी चल रही है जिनकी मांग सबसे अधिक होती है और अधिकारियों को इन नंबरों को अलाट करने में पसीने छूट जाते हैं। वीवीआईपी न होते हुए भी प्रत्येक सीरीज़ में इन नंबरों को लेने की होड़ लग जाती है। किसी भी वाहन स्वामी को बिना किसी अतिरिक्त भुगतान के ऐसे आकर्षक नंबर सिफारिश से ही मिल जाते हैं। वहीं वीवीआईपी सीरीज में कई नंबर तो हर बार बुक हो रहे हैं, लेकिन कई ऐसे नंबर हैं जो अब तक एक या दो बार ही हर सीरीज में बुक हो पाए हैं। ऐसे में इन नंबरों को खोज कर वीवीआईपी सीरीज से हटा दिया जाएगा। वहीं कुछ ऐसे नंबर जो आम होते हुए भी खास हैं, उन्हें वीवीआईपी सीरीज में जोड़ दिया जाएगा। गौरतलब है कि परिवहन विभाग के पसंदीदा नंबरों की बुकिंग के लिए अब बोली लगेगी। अभी तक आकर्षक नंबरों के लिए 15 हजार देकर बुकिंग करानी होती थी, लेकिन अब बुकिंग कराने के बाद बोली लगानी होगी। नंबरों की बोली लगने से परिवहन विभाग को ऑनलाइन बुकिंग से ज्यादा फायदा होगा। अभी तक कुल 343 वीवीआईपी नंबरों के लिए 3000 से लेकर 15000 रुपये तक रजिस्ट्रेशन फीस देनी पड़ती है। वीवीआईपी नंबर तीन हजार, छह हजार, साढ़े सात हजार और 15 हजार चार श्रेणियों में लखनऊ आरटीओ से ऑनलाइन बुक होते हैं। परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक 0001 से 0009 नंब अभी 15000 में मिल जाते हैं। लेकिन नीलामी में इस सीरीज के नंबरों की कई गुना अधिक बोली लगेगी। अधिकारियों का कहना है कि वाहन खरीदने के सात दिन के अंदर वाहन स्वामी को अपने नंबर की सीरीज खुलते ही बोली लगानी होगी।
राजधानी में 343 वीवीआईपी नंबरों की सीरीज
आरटीओ लखनऊ की बात की जाए तो वीवीआईपी सीरीज में कुल 343 नंबर दर्ज हैं। हर सीरीज में सभी नंबरों की बुकिंग भी नहीं होती है। चार श्रेणियों के इन आकर्षक नंबरों में से 3000, 6000, 7500 और 15000 रुपए के नंबरों में से 0001 से 0009, 786 हर बार बुक होते हैं। एक समान चार और तीन अंक वाले नंबर भी बुक हो जाते हैं, लेकिन दो समान नंबरों की बुकिंग कम होती है, ऐसे में दर्जनों नंबर बुक ही नहीं होते। अधिकारियों का कहना है कि 343 वीवीआईपी नंबर में से कई दर्जन नंबर बुक न होने के चलते ब्लॉक हो जाते हैं। अब इन नंबरों को सीरीज से हटाकर सामान्य श्रेणी में दे दिया जाएगा, जबकि सामान्य श्रेणी के कई नंबरों को वीवीआईपी में लिया जाएगा।
परिवहन विभाग मुख्यालय को भेजा पत्र
ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ लखनऊ में तैनात एआरटीओ प्रशासन राघवेंद्र सिंह के मुताबिक उन्होंने सामान्य श्रेणी के कुछ बेहद मांग वाले नंबरों को वीवीआईपी सीरीज में शामिल करने के लिए परिवहन आयुक्त कार्यालय को पत्र भेजा है। इन नंबरों में 1008, 8055, 214 की सीरीज को शामिल करने को लिखा गया है। बता दें कि इन नंबरों को हासिल करने के लिए हर बार बड़े स्तर से अफसरों पर दबाव पड़ता है। ऐसे में कई बार समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। अगर इन नंबरों की सीरीज को वीवीआईपी में शामिल कर लिया जाए तो यह बुक भी होंगे और किसी तरह का दबाव भी इन नंबरों के लिए अधिकारियों पर नहीं पड़ेगा।
नंबरों की बढ़ जाएगी कीमत
नीलामी में परिवहन विभाग वाहन स्वामी से हर हाल में फायदा ही उठायेगा। ऑनलाइन बुकिंग में अभी जो आकर्षक नंबर अधिकतम 15000 रुपए में मिल जाता है, अगर नीलामी में वही नंबर नहीं बिकता है तो उसे ऑनलाइन बुकिंग के लिए डाल दिया जाएगा। ऑनलाइन बुकिंग में भी यह नंबर किसी को 15000 रुपए में न मिल कर 20000 में मिलेगा। इसमें नीलामी में हिस्सेदारी के लिए रजिस्ट्रेशन के तौर पर जरूरी 5000 रुपए ऑनलाइन बुकिंग के लिए डाले गए नंबर में जोड़ दिए जाएंगे। ऐसे में विभाग को 5000 रुपए का तो फायदा होना तय है, चाहे नीलामी में नंबर बिके या रह जाए।
कई नंबरों की नहीं होती बुकिंग
बीते 2 साल पूर्व शुरू हुई वीवीआईपी नंबरों की ऑनलाइन बुकिंग में कई नंबर तो हर बार बुक हुए, लेकिन कई नंबर दो से तीन बार ही बुक हो सके। वहीं कुछ नंबर एक बार ही बुक हुए और कुछ नंबर तो एक बार भी बुक नहीं हो सके। ऐसे में 2 बार से कम बुक होने वाले नंबरों को परिवहन विभाग वीवीआईपी लिस्ट से बाहर करने पर मंथन कर रहा है। परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बुक न हो पाने पर नंबर ब्लॉक हो जाते हैं, ऐसे में विभाग को नुकसान ही होता है। ऐसे में ये नंबर सामान्य श्रेणी में आसानी से कोई भी वाहन स्वामी ले सकेगा।
ऐसे मिलेंगे वीवीआईपी नंबर
सात दिनों में शुरुआत के चार दिन नंबर के रजिस्ट्रेशन के लिए होंगे। इसमें आवेदक 5000 रुपए जमा कर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। चार दिन में जितने भी लोग रजिस्ट्रेशन करेंगे, वे अगले तीन दिनों तक ऑनलाइन बोली लगाएंगे। उनमें से सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले आवेदक को कीमत चुकाकर नंबर लेने का मौका दिया जाएगा। अगर पहला आवेदक नंबर लेने का इच्छुक नहीं होता है और इसकी जानकारी विभाग को देता है तो आवेदन के तौर पर जमा कराए गए 5000 रुपए वापस कर दिये जाएंगे। अगर सात दिन के अंदर पहला आवेदक नंबर नहीं लेता है और जानकारी भी नहीं देता है तो 5000 की राशि जब्त हो जाएगी। इसके बाद दूसरे नंबर पर रहने वाले आवेदक के पास नंबर लेने का मैसेज आएगा। अगर वह नंबर लेता है तो यह नंबर उसे दे दिया जाएगा नहीं तो उसके 5000 रुपए वापस कर तीसरे आवेदक को मौका दिया जाएगा। आवेदन के तौर पर 5000 रुपए पहले ही जमा करने होंगे। परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक नीलामी में सबसे महंगा नंबर पंजाब में 200000 में बिक चुका है।