- वाणिज्य कर विभाग ने लगायी जीएसटी पर कार्यशाला
लखनऊ। फैजाबाद रोड स्थित नीलगिरी चौराहे के निकट होटल बेबीयन में वाणिज्यकर विभाग द्वारा गुड्स एंड सर्विस टैक्स पर कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन ने किया। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश एवं केन्द्र सरकार दोनों प्रतिबद्ध है कि व्यापारियों का कहीं भी शोषण नहीं होगा, उन्होंने राजस्व कैसे बढ़े इस सम्बन्ध में अधिकारियों एवं व्यापारियों में आपसी समन्वय बनाने का सुझाव दिया जिससे राजस्व में वृद्धि हो और व्यापारियों का सम्मान बढ़े। कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर जीएसटी हरीलाल प्रजपति व डिप्टी कमिश्नर शक्ति प्रताप सिंह ने व्यापारियों की समस्याओं का समाधान किया।
लखनऊ व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्र ने बताया कि व्यापारी मुख्य चार भागों से व्यापारियों को गुजरना पड़ता है। जो इस प्रकार है पंजीयन, रिटर्न, टैक्स, रिफंड, पंजीयन से लेकर रिफंड तक बिन्दुवार प्रश्न उत्तर किये गये। व्यापारियों की तरफ से वरिष्ठ महामंत्री ने प्रश्न किया और वाणिज्य कर अधिकारियों ने उसका उत्तर दिया। अधिकारियों से यह भी पूछा गया कि जो वस्तु कर मुक्त है इस समय जीएसटी में यदि टैक्स लगता है तो बचे स्टाक पर क्या टैक्स देना होगा और आईटीसी क्लेम मिलेगा। अधिकारियों ने उत्तर दिया कि जिस वस्तु पर राज्य सरकार को टैक्स देकर आये हैं उसका क्लेम मिलेगा। स्टाक बेचने की समय सीमा निर्धारित रहेगी उसी के अन्दर सारा माल बेचना है। जो शेष बचेगा उस पर निर्धारित टैक्स रेट से टैक्स अदा करना होगा। एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 द्वितीय बी.पी सिंह ने बताया कि राजस्व का सबसे बड़ा योगदान व्यापारियों के माध्यम से होता है जिसमें 60 फीसद वाणिज्य कर के माध्यम से वसूला जाता है।
व्यापारियों के प्रति सरकार प्रतिबद्ध है कि उसको कही से परेशानी न हो। 20 लाख वार्षिक टर्नओवर वाले व्यापारी को जीएसटी से बाहर रखा गया है, फिर भी यदि वह पंजीकरण कराना चाहता है तो उसे विभाग पंजीकृत करेगा। 50 लाख तक कारोबार करने वाले व्यापारी यदि कम्पाउडिंग स्कीम में रहना चाहता है तो उसे काम्पाउडिंग की सुविधा मिलेगी। यह भी बताया कि व्यापारियों की सहूलियत के लिए सुविधा केन्द्र खोले जाएंगे एकाउन्टेन्ट अधिवक्ता ऑथराइज किया जाएगा, जिससे व्यापारी सलाह ले सेकेंगे।
एक व्यापारी ने सवाल किया कि रिर्टन कैसे भरे जायेंगे। जिसमें कहा कि मासिक रिटर्न भरा जायेगा और काम्पाउडिंग वाले व्यापारी त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करेंगे। व्यापारियों की तरफ से किये गये प्रश्नों का संतोष जनक उत्तर अधिकारियों ने दिया। कार्यशाला में मुख्य रूप से वाणिज्य कर विभाग से एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 जोन प्रथम डा. बुद्धेशमणि, डिप्टी कमिश्नर खण्ड-18 शक्ति प्रताप सिंह, डिप्टी कमिश्नर डा. शिव आसरे सिंह, डिप्टी कमिश्नर डी. पी सिंह, राकेश कुमार गौतम, असिस्टेंट कमिश्नर बजरंगी यादव व आर.पी सिंह के साथ ही व्यापार मण्डल के अध्यक्ष राजेन्द्र अग्रवाल, वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्रा, कोषाध्यक्ष देवेन्द्र गुप्ता, किशन चन्द्र बम्बानी, अशोक मोतियानी, अनिल बजाज, श्याम कृष्णानी, विनोद अग्रवाल, अभिषेक खरे, अमिताभ श्रीवास्तव, अनुराग मिश्र, अरूण अवस्थी, राज कुमार यादव, उत्तम कपूर, महेन्द्र पाल सिंह बत्रा, शशि शुक्ला, युवा अध्यक्ष सुहैल हैदर अल्वी, युवा वरिष्ठ महामंत्री अरविन्द पाठक, मनीष गुप्ता सहित सैकड़ो व्यापारी उपस्थिति रहे।