- औद्योगिक क्षेत्रों में सडक़, नाली और जलनिकासी की समस्या से उद्यमी पीडि़त
- उद्यमियों से लिया जा रहा मेंटिनेंस शुल्क, पर रख-रखाव राम भरोसे
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। सूबे में औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये राज्य सरकार ने नई औद्योगिक नीति के तहत तमाम सुविधायें देने का ऐलान किया है। पर, सूबे के औद्योगिक क्षेत्रों की स्थिति आज भी बदहाल है। उद्यमियों को सडक़, नाली और जलनिकासी आदि जैसी मूलभूत सुविधायें नसीब नहीं हैं। यह कहना है औद्योगिक संगठन एसोचैम लखनऊ चैप्टर के महासचिव शैलेन्द्र श्रीवास्तव का।
उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुये कहा समय-समय पर औद्योगिक क्षेत्रों में तमाम सुविधाओं का ऐलान किया जाता रहा है। पर, हकीकत यह है कि औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों को आज भी मूलभूत सुविधाओं का इन्तजार है। इस समस्याओं को लेकर उद्यमयों में नाराजगी है। यह समस्यायें संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में हैं, पर समस्या का निदान करवाने में वह असमर्थ हैं।
उन्होंने कहा सूबे के कई औद्योगिक क्षेत्र तो ऐसे हैं जहां लैंड लाइन फोन और इंटरनेट की सुविधा नहीं है। बैंङ्क्षकग सुविधा भी नहीं है। औद्योगिक क्षेत्र तक जाने के लिए उचित मार्ग की व्यवस्था नहीं है। सडक़ जर्जर हालत में है। गंदे पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। सरकार-ए-सरजमीं लखनऊ के औद्योगिक क्षेत्रों की स्थिति भी बदहाल है।
विडंबना है कि औद्योगिक विकास की तमाम योजनायें प्रारम्भ होने के बावजूद आज भी उद्यमियों को सडक़, नाली और जलनिकासी की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। राजधानी के औद्योगिक क्षेत्र भी इससे अछूते नहीं हैं। सरकार को इस ओर ध्यान देने की सख्त आवश्यकता है।
शैलेन्द्र श्रीवास्तव, महासचिव, एसोचैम लखनऊ चैप्टर