प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी पुलिस में शीर्ष स्तर पर किए गए बड़े फेरबदल में 12 आईपीएस अफसरों का तबादला कर दिया. इन तबादलों के बाद सुलखान सिंह को उत्तर प्रदेश का नया डीजीपी बनाया गया. इससे पहले वह पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) के पद पर तैनात थे. उनकी छवि एक ईमानदार और सख्त अधिकारी की है.
उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुलखान सिंह ने कहा कि कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा और पुलिस को काम करने की पूरी आजादी होगी. उन्होंने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं पर काम होगा. सिंह ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि पुलिस बगैर किसी दबाव के अपना काम करेगी और कानून के साथ खिलवाड़ करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएग . अपराधियों के खिलाफ निष्पक्षता से कार्रवाई की जाएगी. पुलिस की प्राथमिकताओं में जनता की सुरक्षा के साथ-साथ कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों को किसी भी हालत में नहीं छोड़ा जाएगा. पुलिस जनता के हितों और अधिकारों का पूरा ख्याल रखेगी.
उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता होगी कि 100 प्रतिशत प्राथमिकी दर्ज की जाए. अधिकारियों का काम आंकडों से नहीं आंका जाएगा. जनता के प्रति पुलिस के आचरण और कार्यशैली में सुधार जरुरी है. गोरक्षा के नाम पर किसी को भी गुण्डागर्दी करने छूट की नहीं दी जाएगी. एंटी रोर्मियों स्क्वायड का काम किसी की जांच करना नहीं बल्कि छेड़छाड़ करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करना है. पुलिस अपने दायरे में रहकर काम करेगी.
पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश के सवाल पर कहा कि लगातार डयूटी करने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और इस बात को ध्यान रखते ही डयूटी लगाई जाएगी. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी को काम के बाद आराम मिलेगा तो उससे उसकी कार्यक्षमता बढ़ेगी और उसका आचरण भी ठीक रहेगा. डयूटी के जो मानक तय हैं उसी अनुसार काम होगा. पुलिस को अपनी मनोवृति और व्यवहार में सुधारकर जनता का विश्वास प्राप्त करना होगा.