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हर दिन अग्निपरीक्षा, कूड़ा कलेक्शन बड़ी चुनौती

लखनऊ। हर दिन नगर निगम के लिए अग्निपरीक्षा है। वजह यह है कि हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश को हर हाल में इस माह पूरा करना है। इसके बाद रिपोर्ट को हाईकोर्ट में रखनी है। वहीं दूसरी तरफ एनजीटी भी लगातार कूड़ा निस्तारण, कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था पर नजर रखे हैं। निगम प्रशासन की ओर से हर व्यवस्था को दुरुस्त करने की कवायद तो शुरू की गई है, लेकिन अभी कई बिंदुओं पर रफ्तार जरूरी है।

बिजनेस लिंक ने कई विषयों की पड़ताल कर जाना कि कोर्ट और एनजीटी की फटकार का आखिर कितना असर नगर निगम के अधिकारियों पर पड़ा। हमारी पड़ताल में हर उस चीज में नगर निगम को सफलता हासिल हुई लेकिन शत- प्रतिशत नहीं।

निगम प्रशासन की ओर से पांच से छह प्रमुख बिंदुओं पर तैयारियां की जा रही हैं। जिनमें पॉलीथिन, नाला सफाई, अतिक्रमण, ऑन द स्पॉट फाइन, आवारा जानवर, वेंडिंग जोन और कूड़ा कलेक्शन को शामिल किया गया है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि निगम प्रशासन की ओर से इस बार पब्लिक फीडबैक पर भी फोकस किया जा रहा है। प्रयास यही है कि हर महीने के अंत में पब्लिक से कूड़ा कलेक्शन की स्थिति को लेकर फीडबैक लिया जाए।

इसके लिए भवन स्वामियों के मोबाइल नंबर तक अपडेट किए जा रहे हैं। सभी जोनल अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जोन में रहने वाले लोगों को फीडबैक व्यवस्था से अवगत कराएं।

हाउस टैक्स में 30 जून तब बढ़ी ओटीएस योजना

लखनऊ। जिन भवन स्वामियों ने अभी भी अपना हाउस टैक्स नहीं जमा किया है, उनके लिए ब्याज से राहत पाने का एक और मौका है। नगर निगम में एक मुश्त समाधान योजना 31 मई को समाप्त हो गई थी। मगर नगर विकास विाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह के निर्देश पर एक महीने के लिए योजना को बढ़ा दिया गया है।

नगर आयुक्त ने बताया नगर निगम में लागू एकमुश्त समाधान योजना का विस्तार 30 जून तक कर दिया गया है। सभी जोनल अधिकारी व कर अधीक्षकों को तद्नुसार गृहकर जमा कराने तथा योजना के प्रचार-प्रसार के लिए निर्देश निर्गत कर दिये गये है।

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सभी बकायेदारावन स्वामियों से अपील की गयी है कि इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2018 के बकाया गृहकर पर 10 प्रतिशत व ब्याज पर पूर्ण छूट का ला उठाये तथा अधिक से अधिक संख्या में गृहकर जमा करें। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह के अनुसार 31 मई तक 2.47 लाख भवनों में से सिर्फ 36 हजार भवन स्वामियों ने ही टैक्स जमा किया है। करीब 43 करोड़ पए ही ओटीएस में जमा हुए जबकि नगर निगम ने 350 करोड़ पए ओटीएस के तहत टैक्स जमा होने का आंकलन किया है। दो सौ वर्ग फीट तक की दुकानें शहर में करीब 15 हजार हैं। इनमें से महज ढाई हजार ने ही ओटीएस का ला लिया है। एक महीने के लिए योजना बढ़ाए जाने से अफसरों को राहत महसूस हुई है।

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