सड़क हादसों पर लगाम के लिए चालकों की पत्नियों को बनाया गया अभियान का हिस्सा
पत्नियां पतियों से करेंगी यातायात नियमों का पालन करने की अपील
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में पिछले कुछ महीनों से बढ़ते सड़क हादसों से चिंतित रोडवेज अधिकारी सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए नित नए-नए जतन कर रहे हैं। चालकों को बस संचालन के दौरान मोबाइल पर बात न करने से लेकर शराब पीकर वाहन संचालन न करने व कम स्पीड में बस भगाने की शपथ दिलाई जा रही है। इसके अलावा उनके जेहन में यह बात हमेशा रहे कि उनका अपना भी प्यारा सा भरा पूरा परिवार है, ऐसे में वे बस संचालन के दौरान बिल्कुल भी लापरवाही न करें, इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अब इन सबसे ऊपर रोडवेज अधिकारी एक अनूठी पहल शुरू करने वाले हैं। रोडवेज की बसों से आए दिन होने वाले हादसों को रोकने के लिए परिवहन निगम अब चालकों की पत्नी को भी अपने अभियान का हिस्सा बनाएगा। निगम के अधिकारी चालकों की पत्नियों को इस अभियान मेंं शामिल करने के लिए उन्हें ईनाम देगा। रोडवेज अधिकारियों की इस योजना के तहत ड्राइवर की पत्नी अपने पति से यातायात नियमों का पालन करने का अनुरोध करेंगी। वे अपने साथ ही अपने परिवार की भी दुहाई अपने पतियों को देंगी।
पत्नियां देंगी ऐसी सलाह
बीते जून महीने में बरेली में बस हादसे के दौरान बस में लगी आग में २४ मौतें, जौनपुर के सिकरारा नामक स्थान पर सई नदी के पुल के ऊपर से गिरी बस में आठ लोगों की मौत, गोसाईगंज के पास शताब्दी बस का लगेज बॉक्स खुल जाने से एक युवक की मौत व दर्जन भर लोग घायल समेत कई अन्य घटनाओं से रोडवेज हिल गया है। बस हादसों से चिंतित रोडवेज अधिकारी तो बसों से सुरक्षित सफर का संदेश दे ही रहे हैं, अब इसमें ड्राइवरों की पत्नियां निगम अधिकारियों की मदद करेंगी। ड्राइवरों की पत्नियां सुरक्षित सफर के लिए चालकों को प्रोत्साहित करेंगी। घर वाली बस चालकों से यह अपील करेंगी कि ड्राइविंग के दौरान अल्कोहल का सेवन न करें। बस संचालन के दौरान किसी भी तरह की टेंशन अपने ऊपर बिल्कुल हावी न होने दें। इस दौरान मोबाइल फोन का बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें। कॉल आने पर परिचालक से बात कराएं। जब बात करना जरूरी हो तो बस को साइड में लगाकर बात करें। साथ ही चालकों की पत्नियां खुद भी इस बात का खास खयाल रखेंगी कि बस संचालन के दौरान वे अपने पतियों को फोन नहीं करेंगी।
बिखर जाता है पूरा परिवार
बस हादसे का शिकार होती है तो इसमें कोई एक व्यक्ति नहीं मरता है उसका पूरा परिवार बिखर जाता है। अगर वही व्यक्ति परिवार का पोषक हो तो उसकी मौत से घर में रहने वाले सभी अपनों की जिंदगी भी मौत में तब्दील हो जाती है। ऐसे में बस संचालन के दौरान घर के प्रति संवेदनशील रहने वाले चालक अपनी पत्नी की बातों पर विशेष तौर से अमल करेंगे और ड्राइविंग करते समय विशेष सावधानी बरतेंगे। उन्हें भी इस बात का एहसास होगा कि सफर में अगर दुर्घटना होती है और चालक को कुछ हो जाता है तो उसके परिवार वालों पर क्या बीतेगी।
कैसरबाग से होगी शुरुआत
इस योजना की शुरुआत कैसरबाग डिपो से होगी। कैसरबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक की ओर से यह नई तरकीब निकाली गयी है। उन्होंने चालकों को शपथ दिलाने और यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने के अलावा उनकी पत्नियों का भावनात्मक पक्ष भी साथ रखने का मन बनाया है। डिपो के एआरएम अमर नाथ सहाय ने बताया कि चालकों की पत्नियों को इस योजना से जोडऩे की कोशिश की जाएगी। इसका शुभारंभ कैसरबाग डिपो में तैनात चालकों के चहेते परिजनों के साथ होगा। असुरक्षित ड्राइविंग से केवल बस में मौजूद यात्रियों को ही नहीं बल्कि चालक की जान को भी खतरा बना रहता है। ऐसे में उनकी पत्नियां उन्हें यातायात नियमों का पाठ भावनात्मकता के साथ बेहतर तरीके से पढ़ा सकेंगी।
-बस चालकों को सुरक्षित सफर का संदेश देने के लिए उनकी पत्नियों को रोडवेज अधिकारी घर जाकर उपहार देंगे। यह उपहार बच्चों के खिलौनों से लेकर लंच बॉक्स, एनसीईआरटी की पुस्तक, पेंसिल बॉक्स, स्कूल बैग हो सकते हैं। एआरएम के साथ एक महिला परिचालक व यातायात निरीक्षक चालकों की पत्नियों को उपहार देने साथ जाएंगे।
अमर नाथ सहाय, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, कैसरबाग डिपो
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