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21 हाइटेक बस स्टेशनों के निर्माण को सशर्त निवेशक हुए तैयार

ट्रिपल पी मॉडल पर प्रदेश में बनेंगे हाईटेक बस स्टेशन

यूपी रोडवेज डेवलपर्स कानक्लेव-2018 में दो दर्जन निवेशकों ने की शिरकत

परिवहन मंत्री की मौजूदगी में परिवहन निगम के अफसरों ने बस स्टेशनों के निर्माण खींचा खाका

DSC_9829लखनऊ। राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश में पीपीपी मॉडल पर बनने वाले 21 बस अड्डों के निर्माण के लिए इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन गुरुवार को किया गया। उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम की ओर से आयोजित उक्त समिट में देश के विभिन्न शहरों के दो दर्जन से अधिक निवेशकर्ताओं ने शिरकत की। समिट के जरिये परिवहन निगम प्रबंध तंत्र ने पीपीपी मॉडल पर बनने वाले 21 मॉडल बस स्टेशनों के निर्माण के प्रस्ताव का एक प्रारूप निवेशकर्ताओं के सामने रखा। समिट के माध्यम से उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रबंध तंत्र को ऐसे निवेशकों की तलाश है जो उसके इस अत्याधुनिक सपने को मूर्तरूप दे सकें। हाईटेक आलमबाग बस टर्मिनल की तर्ज पर देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 21 माडर्न बस स्टेशनों का निर्माण ट्रिपल पी मॉडल पर किया जाएगा। डेवलपर्स कानक्लेव-2018 में दो दर्जन निवेशकों के साथ ही कई राज्यों के परिवहन निगम अफसरों ने भाग लिया। ट्रिपल पी मॉडल पर सूबे में बनने वाले हाईटेक बस स्टेशनों को लेकर गहन मंथन हुआ। साथ ही अन्य राज्यों के परिवहन निगम के अफसरों ने अपने राज्यों में ट्रिपल पी पर बनाये गये बस स्टेशनों के बारे में जानकारियों को साझा किया। निवेशकों ने सूबे में बस स्टेशनों के निर्माण के लिए सशर्त अपनी सहमति जतायी। परिवहन मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, परिवहन निगम के अध्यक्ष संजीव सरन, प्रमुख सचिव (परिवहन) आराधना शुक्ला, परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक पी. गुरु प्रसाद समेत कई अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में डेवलपर्स कानक्लेव-2018 का आयोजन हुआ। परिवहन मंत्री ने कानक्लेव में आये निवेशकों को आधुनिक बस स्टेशनों को विकसित करने के लिए बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए उत्साहित किया और पूरी पारदर्शिता के साथ ही प्रदेश में सिंगल विण्डो क्लियरेंस का आश्वासन दिया। देश भर के निवेशकों ने बस स्टेशनों के निर्माण के लिए खुले तौर पर एक मंच पर चर्चा किया। कानक्लेव में चर्चा के बाद निवेशकों ने सूबे में 21 बस स्टेशनों को हाईटेक बनाने के लिए अपनी रुचि दिखायी। कुछ निवेशक सशर्त तैयार भी नजर आये। निवेशकों को बताया गया कि प्रत्येक बस स्टेशन को 60 साल तक के लीज पर दिया जाएगा। मुसाफिरों को इन बस स्टेशनों पर जहां आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी, वहीं कामर्शियल काम्पलेक्स का भी निर्माण होगा। परियोजना के सुगम क्रियान्वयन के लिए निवेशकों को पूर्ण पारदर्शिता के लिए ई-बिडिंग व्यवस्था की सुविधा दी जाएगी। राजधानी के चारबाग, गोमतीनगर समेत प्रदेश में 21 बस स्टेशनों का निर्माण होना है। बस स्टेशन 60 साल तक लीज पर दिया जाएगा। निवेशक सम्मेलन में रामके कंस्ट्रक्शन, हैदराबाद, शालीमार माल्स, ओमेक्स, लखनऊ, टेक्नो इलेक्ट्रक, कोलकाता, एसेल इंफ्रास्टक्चर, मुंबई समेत कई नामचीन कंपनियों ने भाग लिया। साथ ही आसाम व गुजरात रोडवेज के अफसरों के साथ ही विकास प्राधिकरण के अफसर भी शामिल हुए।

बोर्ड बैठक में आएगा प्रस्ताव

डेवलपर्स कानक्लेव-2018 में निवेशकों ने कई बिन्दुओं को रखा जिस पर 27 दिसम्बर को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के निदेशक मंडल की बैठक के एजेंडा में रखा जाएगा। 21 बस स्टेशनों को ट्रिपल पी पर विकसित करने से जुड़े प्रस्ताव पर बोर्ड से मंजूरी लेने के बाद नये साल में टेण्डर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। खासकर 60 साल तक लीज पर दिये जाने वाले बस अड्डों के मेंटीनेंस को लेकर पेच फंसा हुआ है। दरअसल डेवलपर्स बस अड्डे के निर्माण को लेकर आश्वस्त हैं लेकिन निर्माण के बाद मेंटीनेंस की जिम्मेदारी किसकी होगी, यह बड़ा सवाल सबके सामने है। अधिकतर बिल्डरों का कहना था कि लीज पर बस स्टेशन इतने ज्यादा साल तक लेने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन मेंटीनेंस भी इतने साल तक डेवलपर्स को करना पड़ेगा, यह संभव नहीं है।

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