- कैसरबाग पुलिस का दावा हो रही है जांच, कुछ लोगों से की गई है पूछताछ
- क्लब की लगभग साढ़े चार करोड़ की एफडी फर्जी तरह से तुड़वाने का है आरोप
- लगभग डेढ़ वर्ष बाद न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने लिखी एफआईआर
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। राजधानी के बड़े बिजनेस मैन और प्रतिष्ठिïत अवध जिमखाना क्लब के अध्यक्ष सुरेश कुमार अग्रवाल पर ४२० का आरोप लगा है। कैसरबाग कोतवाली में दर्ज एफआईआर में सुरेश कुमार अग्रवाल के साथ ही क्लब के मंत्री अशोक कुमार अग्रवाल, क्लब सदस्य सीपी कक्कड़ और बैंक ऑफ बड़ौदा नरही शाखा के प्रबंधक आलोक टंडन पर धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। कैसरबाग पुलिस का कहना है कि जिमखाना क्लब से संबंधित मामला ४२० का है। ऐसे प्रकरणों की जांच में समय लगता है। जांच की जा रही है, कुछ लोगों से इस संबंध में पूछताछ भी की गई है। सूत्रों की मानें तो यदि धोखाधड़ी के इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच हुई, तो राजधानी के दिग्गज बिजनेसमैन सुरेश कुमार अग्रवाल सहित अन्य सफेदपोशों के चेहरे पर पड़ा नकाब उतर जायेगा।
गौरतलब है कि बीते दिनों न्यायालय के आदेश पर कैसरबाग पुलिस ने अवध जिमखाना क्लब के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल, सचिव आशोक अग्रवाल, क्लब के सदस्य सीपी कक्कड़ और बैंक ऑफ बड़ौदा नरही शाखा के प्रबंधक आलोक टण्डन के खिलाफ आईपीसी की धारा ४२०, ४६७, ४६८, ४७१ और १२०बी के तहत मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि क्लब के अध्यक्ष, महामंत्री और बैंक मैनेजर की मिलीभगत से लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये की सात एफडी क्लब कोषाध्यक्ष की जानकारी के बगैर कैश कराकर रकम हड़प ली गई। इसके अलावा भी समय-समय पर अवध जिमखाना क्लब कार्यकारिणी की मनमानी कार्यशैली पर कई गंभीर आरोप लगते रहे हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी और फम्र्स सोसायटीज ऐंड चिट्स के डिप्टी रजिस्ट्रार आदि से भी शिकायते हुई हैं। बावजूद इसके क्लब कार्यकारिणी के काले कारनामों की जांच के लिये हुये जिलाधिकारी और डिप्टी रजिस्ट्रार के आदेश दरकिनार किये जाते रहे हैं और जिम्मेदारों की इस मेहरबानी से क्लब कार्यकारिणी दिन-पर-दिन मनमाने काले कारनामों की नई पटकथा लिखती रही है।
धूल फांक रहा जिलाधिकारी का आदेश
जानकारों की मानें तो अवध जिमखाना क्लक के बॉयलाज का फर्जी तरीके से संशोधन करना, क्लब में दी गई स्थायी सदस्यता शुल्क में घपला, क्लब के कोषाध्यक्ष को फर्जी तरीके से पद से हटाकर उनके प्रवेश पर रोक लगाना और क्लब में होने वाले चुनाव रोकने आदि से संबंधित प्रकरणों पर जांचोपरांत आवश्यक कार्यवाही कराकर, उससे अवगत कराने वाले जिलाधिकारी के निर्देशों पर सफेदपोश हावी हैं और यह निर्देश धूल फांक रहे हैं।