- मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में संपन्न हुई फसली ऋण माफी योजना के क्रियान्वयन से संबंधित उच्च स्तरीय बैठक
- राज्य सरकार का बजट पारित होने के फौरन बाद किसानों की फसली ऋण माफी की समतुल्य धनराशि बैंकों को उपलब्ध कराते हुये, किसानों को ऋण माफी सम्बन्धी प्रमाण-पत्र प्रदान किये जायें : मुख्यमंत्री
- बोले मुख्यमंत्री, सभी बैंकों को यह निर्देश दे दिये जाएं कि राज्य सरकार का बजट पास होने तक वे किसानों को न जारी नोटिस
- जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित होगी समिति, किसानों के बैंक खातों से लिंक होगा आधार कयह सरकार किसानों के कल्याण व उनकी खुशहाली के लिए संकल्पबद्ध
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फसली ऋण योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए वित्त विभाग को प्रभावी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार का वर्ष 2017-18 का बजट पारित होने के तत्काल बाद लघु व सीमान्त किसानों के फसली ऋण माफी की धनराशि बैंकों को उपलब्ध कराते हुये, किसानों को ऋण माफी सम्बन्धी प्रमाण-पत्र प्रदान किये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि कर्ज माफी प्रमाण-पत्र 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों के बीच जाकर उपलब्ध कराए जाय।
लघु व सीमान्त किसानों की फसली ऋण माफी योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत बजट पारित कराकर योजना को लागू किया जाय। उन्होंने कहा कि सभी बैंकों को स्पष्ट निर्देश दे दिये जाएं कि राज्य सरकार का बजट पास होने तक वे इस योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों को ऋण अदाएगी के लिए कोई नोटिस न जारी करें। उन्होंने निर्देशित किया कि तत्काल राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक आहूत कर इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाय।
योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किये जाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए जनपद स्तर पर सम्बन्धित जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाय, जिसमें कृषि तथा विकास से जुड़े विभागों एवं सूचना विभाग के जिलास्तरीय अधिकारी सदस्य के रूप में नामित किये जाय। जिला कृषि अधिकारी इस समिति के सदस्य सचिव होंगे। जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि योजना का लाभ प्रत्येक लाभान्वित होने वाले किसान तक पहुंचे और सूचना वृहद् रूप से गांव-गांव तक पहुंचाई जाय। साथ ही उन्होंने यह भी तय करने के निर्देश दिये कि योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों के बैंक खातों को आधार से लिंक कराया जाय।
ऐसे किसानों से अपने बैंक खातों को आधार से जोड़े जाने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे इस सम्बन्ध में बैंकों से आवश्यक समन्वय बनाते हुए आवश्यकतानुसार किसानों की केवाईसी औपचारिकताएं भी पूरी करवाएं। योगी ने कहा कि यह सरकार किसानों के कल्याण व उनकी खुशहाली के लिए संकल्पबद्ध है। वर्तमान सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में लघु व सीमान्त किसानों के 31 मार्च 2016 तक के एक लाख रुपये तक के फसली ऋण को माफ किये जाने का निर्णय लिया था। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में मूल्य समर्थन योजना के तहत अब तक 32.16 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है, जो पिछले साल से चार गुना अधिक है। अब तक गन्ना किसानों को 22,190 करोड़ रुपये से अधिक के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जा चुका है। प्रदेश में चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है।