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‘माइक्रो फाइनेंस से प्रशस्त होगा उन्नति का मार्ग’

  • देश की दिशा और दशा बदलने में माइक्रो फाइनेंस कम्पनियां निभा सकती हैं अग्रणी भूमिका : सत्यदेव पचौरी
  • जमीनी स्तर पर इन कम्पनियों की अत्यधिक आवश्यकता : नवनीत सहगल

बिजनेस लिंक ब्यूरो 

लखनऊ। स्वरोजगार के माध्यम से निकट भविष्य में उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाया जायेगा। माइक्रो फाइनेंस के माध्यम से गरीबों की उन्नति का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। देश की दिशा और दशा बदलने में माइक्रो फाइनेंस कम्पनियां अग्रणी भमिका निभा सकती हैं। आज गरीबों को महाजनों से बचाने की आवश्यकता है, जिन्होंने लोगों को वर्षों से लूटा और इनका शोषण किया है। यह कहना है उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सत्यदेव पचौरी का।

माइक्रों फाइनेंस एसोसिएशन आफ उत्तर प्रदेश एवं फिक्की के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘तृतीय वाॢषक सम्मेलन (स्टेट कॉन्फ्रेंस)’ के समापान समारोह में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा छोटे उद्योगों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनके माध्यम से लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है। माइक्रो फाइनेंस कम्पनियां छोटे-छोटे उद्यमियों को रियायती दर पर ऋण देकर उनका उद्यम शुरू कराने में अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं। लघु उद्योग मंत्री ने कहा कि एक जनपद-एक उत्पाद योजना में इन कंपनियों के सहयोग की बहुत आवश्यकता है। इनके माध्यम से छोटे-छोटे लोन बाटकर लाखों लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। माइक्रो फाइनेंस कम्पनियां एक प्रकार से मिनी बैंक की भूमिका निभा रहीं है। उन्होंने कहा किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें लघु उद्योगों से जोड़ा जायेगा। उनके उत्पादों के लिए बेहतर पैकेजिंग एवं मार्केटिंग की व्यवस्था कराई जायेगी। महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा स्वरोजगार से जोडक़र उनके उत्थान पर विशेष बल दिया जा रहा है।

प्रमुख सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग नवनीत सहगल ने कहा कि जमीनी स्तर पर माइक्रो फाइनेंस कम्पनियों की बहुत आवश्यकता है। देश और समाज के लिए यह अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि फंड की आवश्यकता निचले स्तर पर ज्यादा है। छोट-छोटे लोन की लोगों को बहुत आवश्यकता है। इन कम्पनियों द्वारा 60 लाख से अधिक लोगों को ऋण दिया जा चुका है। एक जनपद-एक उत्पाद, ओडीओपी योजना के लिए भी यह कम्पनियां सहयोग कर रही हैं। सम्मेलन में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों सहित माइक्रो फाइनेंस एसोसिएशन आफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुधीर सिन्हा एवं हरित खादी के चेयरमैन विजय पाण्डेय आदि मौजूद रहे।

पांच दिवसीय सिल्क कुम्भ का शुभारम्भ
उत्तर प्रदेश के रेशम उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए रेलिंग मशीन लगाकर धागे का उत्पादन कराया जायेगा। जब धागे का उत्पादन बढ़ेगा, तभी किसानों को ककून का सही मूल्य मिलेगा। इससे किसान सम्पंन होंगे और उनकी आय भी दोगुनी होगी। वर्तमान में 300 मैट्रिक टन ककून का उत्पादन हो रहा है, जल्द ही इसको बढ़ाकर 500 मैट्रिक टन किया जायेगा। उत्तर प्रदेश पर्यटन भवन में पांच दिवसीय सिल्क एक्सपो-सिल्क कुम्भ 2018-19 का शुभारम्भ के अवसर पर रेशम उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि प्रदेश में रेशम उद्योग के माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार सुलभ कराने, रेशम उद्योग का विकास कराने एवं जनसामान्य में रेशमी वस्त्रों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सिल्क एक्सपो का आयोजन किया गया है। रेशम उत्पादन बढ़ाने के लिए नई पद्धति से पौधों का रोपण कराया जायेगा।
रेशम मंत्री ने कहा कि रेशम उद्योग के माध्यम से उन ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है, जिनके पास अपनी जमीन नही है। इससे लोगों का शहरों की ओर पलायान रूका है और ग्रामीणों को उनके ही गांव में रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है। उन्होंने कहा कि टसर रेशम उत्पादन की खपत प्रदेश में ही सुनिश्चित कराई जायेगी, जिससे व्यापारी टसर रेशम के वस्त्रों की बुनाई प्रदेश में ही करा सकें। रेशम धागे की मांग एवं वर्तमान उत्पादन के मध्य उत्पन्न गैप को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। रेशम उत्पादन के साथ-साथ रेशम उत्पादकों की आय दो-गुनी करने के लिए विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं। इस चार दिवसीय सिल्क एक्सपो में उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, झारखण्ड एवं मध्यप्रदेश आदि राज्यों के 40 रेशम वस्त्र उत्पादकों एवं व्यापारियों द्वारा रेशम उत्पाद प्रदॢशत किये गये।

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