चारबाग रेलवे स्टेशन पर ट्रेन संचालन सुधारने की तैयारी
प्रत्येक सात मिनट में एक ट्रेन के रवाना न होने पर उठाया जा रहा कदम
हर शिफ्ट में होता है 40 ट्रेनों का संचालन
स्पेशल ट्रेनों के संचालन से बढ़ रहा अतिरिक्त दबाव
लखनऊ। चारबाग रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म की कमी से ट्रेनों को स्टेशन पर ला पाना स्टेशन अधिकारियों के लिए ढेड़ी खीर साबित हो रहा है। दरअसल, इन दिनों दर्जनों स्पेशल, सुविधा और हॉलिडे स्पेशल ट्रेनों व नियमित ट्रेनों को मिलाकर स्टेशन पर दबाव इतना बढ़ चुका है कि चारबाग से हर सात मिनट में एक ट्रेन रवाना ही नहीं हो पा रही है। ऊपर से चारबाग स्टेशन पर अभी आरआरआई से काम चल रहा है, जिससे ट्रेनें एक के पीछे एक आउटर पर घंटों इंतजार में खड़ी रहती हैं। चारबाग स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही ने इन दिनों पॉवर कंट्रोल को मुश्किल में डाल रखा है। कामर्शियल कंट्रोल ट्रेनों को रिसीव करने को कहता है, जबकि चारबाग में नियमित ट्रेनों के हिसाब से हर शिफ्ट में 40 ट्रेनों का संचालन होता है। वहीं स्पेशल, सुविधा, हॉलिडे स्पेशल व मालगाडिय़ों को मिलाकर कुल 50 अतिरिक्त ट्रेनें स्टेशन से होकर गुजरती हैं। इस हिसाब से वर्तमान में प्रत्येक सात मिनट में एक ट्रेन का संचालन कर पाना पॉवर कंट्रोल के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। अभी स्टेशन पर ट्रेनों का संचालन आआरआई सिस्टम के तहत किया जा रहा है, जिसके चलते कानपुर की तरफ से ट्रेनों को गुजारने के लिए पीछे से आने वाली ट्रेनों को मानकनगर और आलमनगर स्टेशन पार करने के बाद स्टेशन पर लाया जा सकता है। इसी प्रकार दिलकुशा और मल्हौर के रास्ते गुजरने वाली ट्रेनों के सिग्नल पार करने के बाद ही मानकनगर और आलमनगर पर खड़ी ट्रेनों को चलाया जाता है। इससे एक के पीछे एक चलने वाली ट्रेनों को आउटर पर खड़े होकर प्रभावित होना पड़ रहा है। परिचालनिक सूत्रों की मानें तो जब तक स्टेशन पर आरआरआई की जगह एसएसआई सिस्टम नहीं लग जाता और आउटर पर एक समय में दो की जगह चार गाडिय़ों के आने का प्रबंध नहीं कर लिया जाता, तब तक यहां से जाने वाले यात्रियों को ट्रेनों की लेटलतीफी से निजात मिल पाना मुश्किल है।
सूत्रों की मानें तो आउटर पर खड़ी ट्रेनों को स्टेशन के प्लेटफार्म खाली होने के साथ-साथ लाइन क्लियर होने के बाद ही रिसीव किया जा सकता है। वहीं ट्रेनों को दिलकुशा की तरफ लगभग साढ़े नौ किलोमीटर की दूरी पर लगे सिग्नल को पार करने के बाद ही चारबाग से ट्रेन को रवाना कर प्लेटफार्म खाली कराया जा सकता है। स्टेशन अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में स्पेशल गाडिय़ों का एक तो भार बढ़ गया है, ऊपर से ये ट्रेनें समय से संचालित नहीं हो पा रही हैं, जिससे लेटलतीफ होकर आने वाली गाडिय़ों के साथ नियमित ट्रेनों को भी विलंब होना पड़ रहा है। दिन के समय ट्रेनों की आवाजाही में अधिक समस्या उठानी पड़ रही है।
क्या कहते हैं अधिकारी
रेलवे अधिकारियों की मानें तो जल्द ही स्टेशन पर एसएसआई सिस्टम लगाकर ट्रेनों के संचालन में सुधार होगा। रेलवे बोर्ड से आए अधिकारियों ने भी स्टेशन के निरीक्षण के दौरान दो की जगह चार ट्रेनों को एक साथ स्टेशन पर लाने का इंतजाम करने के निर्देश दिए थे। जिसको देखते हुए इस काम में तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है।