नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते संकट को ध्यान में रखकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अपने सभी केंद्रों पर बाह्य रोगी सेवा (ओपीडी) तुरंत प्रभाव से अस्थायी तौर पर दो सप्ताह तक बंद करने का फैसला किया है।
एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी के शर्मा ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा कि आपातकालीन और अर्ध आपातकालीन मरीजों के लिए पर्याप्त बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए ओपीडी और जनरल-निजी वार्ड को बंद करने का फैसला लिया गया है।
एम्स के एक अधिकारी ने कहा, ‘सभी केंद्रों और एम्स अस्पताल के विशेष क्लीनिक समेत नियमित ओपीडी के मरीजों का पंजीकरण 23 मार्च से अगले आदेश तक अस्थायी तौर पर बंद रखने का फैसला किया गया है।’
एम्स ने शुक्रवार को एक परिपत्र जारी कर 21 मार्च से सभी टाली जाने वाली सर्जरी को रोकने की घोषणा की थी और केवल आपातकालीन जीवन-रक्षक सर्जरी करने के निर्देश दिए थे। इससे पहले, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों और चिकित्सा शिक्षा संस्थानों को पर्याप्त संख्या में वेटिलेंटर और उच्च प्रवाह वाले ऑक्सीजन मास्क की खरीदारी करने को कहा था। साथ ही उन्हें अपने प्रांगण में भीड़ एकत्र नहीं होने देने की सलाह दी थी।
यह व्यवस्था स्पेशियलिटी क्लीनिक सहित एम्स के सभी केंद्रों पर भी लागू रहेगी। एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीके शर्मा के मुताबिक कोरोना वायरस के मरीजों की बढ़ती हुई तादाद को देखते हुए इस तरह के फैसले लिए गए हैं। अस्पताल में मरीजों की तादाद कम की जा सके। इसके लिए सभी तरह के एहतिहाती प्रयोग और इंतजाम किए जा रहे हैं। यहां बता दें कि शनिवार से एम्स में गैरजरूरी सर्जरियों पर भी रोक लगा दी गई है।
इधर सफदरजंग अस्पताल ने भी अस्पताल में गैर जरूरी मरीजों की तादाद को कम करने के लिए ओपीडी समय में कटौती की है। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक ओपीडी अब सुबह 8.30 से 10:30 तक संचालित किया जाएगा। वहीं दोपहर में ओपीडी में आए मरीज 1:30 से 2:30 बजे तक दिखा सकते हैं। अस्पताल ने बुजुर्गों की सुरक्षा और जोखिम को ध्यान में रखते हुए जेरियाट्रिक विभाग की ओपीडी को फिलहाल बंद कर दिया है। यहां बता दें कि जेरियाट्रिक विभाग की ओपीडी बुजुर्ग मरीजों के लिए होती है। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना संक्रमण विशेषतौर से बुजुर्गों के लिए जोखिम भरा साबित हो सकता है।