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लॉकडाउन के बाद पटरी पर आयी ड्राइविंग लाइसेंस की व्यवस्था

टीपीनगर आरटीओ कार्यालय में दिख रहा सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन का बेहतर समन्वय

पंकज पांडेय

लखनऊ। ट्रांसपोर्टनगर स्थित संभागीय परिवहन कार्यालय में लॉकडाउन के बाद शुरू हुई ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया अब पटरी पर आ गई है।
आरटीओ कार्यालय में थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजेशन व सोशल डिस्टेंसिंग के बेहतर समन्वय से यह काम आसानी से हो रहा है। लॉकडाउन के बाद तीन चरणों में शुरू की गई डीएल बनवाने की व्यवस्था में सोशल डिस्टेंसिंग, आवेदकों को कोरोना से बचाव में हरसंभव मददगार साबित हो रही है। प्रत्येक शिफ्ट में 100 से अधिक डीएल आवेदकों की भीड़ के बावजूद संभागीय निरीक्षक की निगरानी में इस काम को बेहतर तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। आरटीओ कार्यालय में रोजाना अच्छी खासी तादात में डीएल आवेदक पहुंच रहे हैं। ऐसे में अफसरों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की सुचारू व्यवस्था बनाए रखना और आवेदकों को कोरोना से बचाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं था। मगर, अफसरों की निगरानी में कोरोना से बचाव के मूलमंत्र सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन व थर्मल स्क्रीनिंग के बेहतर तालमेल से सुचारू व्यवस्था कायम हो सकी। बताते चलें कि कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन के बाद बीते 6 जून से आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी। इस दौरान 10 से 12, 12:30 से 2:30 और 3 से 5 बजे तक तीन शिफ्टों में आवेदकों को बुलाने की व्यवस्था बनाई गई। मौजूदा समय में प्रत्येक शिफ्ट में लर्निंग लाइसेंस के 20-20 आवेदक, रिन्यूवल के 22 और परमानेंट डीएल के 92 आवेदक कार्यालय बुलाए जा रहे हैं। ऐसे में रोजाना 60 लर्निंग लाइसेंस, 66 रिन्यूवल लाइसेंस और 276 परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जा रहे हैं।

परमिट प्रकरण की जांच फिलहाल ठंडे बस्ते में

परमिट रिन्यूवल की लेटफीस में हुए घपले की जांच का मामला फिलहाल ठंडे बस्ते में है। परिवहन विभाग मुख्यालय में इस प्रकरण की गोपनीय शिकायत पर अपर परिवहन आयुक्त प्रशासन मुकेश चंद्र ने मामले से संबंधित पत्रावलियां तलब कीं। मगर, अपर परिवहन आयुक्त प्रशासन के इस पत्र को भी आरटीओ कार्यालय में दबाए रखा गया। हालांकि अखबारों में खबर प्रकाशित होने के बाद मामले में कार्रवाई की बात की गई। मगर, फिर भी हाल फिलहाल मामला ठंडे बस्ते में चला गया है। सूत्रों के मुताबिक, प्रकरण में आरोपित सेवानिवृत्त कर्मचारी रोजाना दफ्तर पहुंचकर पत्रावलियों में छेड़छाड़ कर रहे हैं। वहीं सूत्रों की मानें तो मामले का दूसरा आरोपी आरटीओ का स्टेनोग्राफर पूर्व की भांति अपना मूल कार्य छोड़कर चार अन्य पटलों पर कार्य कर रहा है। सूत्र बताते हैं कि आरटीओ का कृपा पात्र होने के नाते एनओसी, अस्थाई पंजीयन, परमिट समेत अन्य मूल कार्य से अलग काम स्टेनोग्राफर कर रहा है। बताते चलें कि परिवहन आयुक्त कार्यालय में परमिट रिन्यूवल की लेटफीस का नौ लाख रुपया हड़पने की गोपनीय शिकायत की गई थी।

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