डॉ दिलीप अग्निहोत्री आदरणीय लाल जी टण्डन अब हमारे बीच नहीं है। उन्होंने अपनी पुस्तक अनकहा लखनऊ में अनेक तथ्य उजागर किये थे। मिलनसार होना लखनऊ के चिर परिचित मिजाज रहा है। लाल जी टण्डन की जीवन शैली इसी के अनुरूप थी। तरुण अवस्था में वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ …
Read More »विश्वविद्यालयों में सांप्रदायिकता का जहर
राम पुनियानी राष्ट्र-विरोधी विचारों को प्रोत्साहन न दें विश्वविद्यालय वे स्थान होते हैं जहां आने वाली पीढ़ी के विचारों को आकार दिया जाता है। विश्वविद्यालयों में स्वस्थ व स्वतंत्र बहस और विभिन्न विचारों, जातियों और धर्मों के विद्यार्थियों के परस्पर मेलजोल से मानवीय और समावेशी मूल्यों का निर्माण होता है। …
Read More »बसाहट में वन्य जीवों की आहट
(शरद खरे) आबादी का दबाव किस कदर तेजी से बढ़ रहा है.. इसबात का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। कभी आप इंटरनेट की सहायता से गूगल मैप से किसी भी शहर या सिवनी को देखें तो आपको शहर के आसपास नयी बसाहट आसानी से दिखायी दे जायेंगी। यही …
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