- उद्यमियों ने विभिन्न औद्योगिक समस्याओं से केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम राज्यमंत्री प्रताप सारंगी को कराया अवगत
- केन्द्रीय मंत्री ने उद्यमियों को दिलाया भरोसा, उद्योगहित में संजीदगी से किये जा रहे हैं प्रयास
- सूक्ष्म व लघु उद्योगों के प्रोत्साहन के लिये स्माल इंडस्ट्रीज एंड मैन्युफैक्चर्रस एसोसिएशन, सीमा ने आयोजित किया वेबीनॉर
- सीमा अध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने सौंपी केन्द्रीय मंत्री को विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों की समस्याओं और आवश्यकताओं से संबंधित बुकलेट
लखनऊ। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते देश की अर्थ व्यवस्था की मेरुदण्ड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की विभिन्न समस्याओं और इससे बाहर निकलने के लिये आवश्यक संसाधनों, सुविधाओं, नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने पर केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एंव मध्यम उद्योग राज्यमंत्री प्रताप चन्द्र सारंगी ने कहा केन्द्र सरकार उद्यमियों की विभिन्न समस्याओं को हल करने के लिये संजीदगी से सम्भव समाधान कर रही है।
स्माल इंडस्ट्रीज एंड मैन्युफ़ैक्चर्रस एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि केन्द्रीय राज्यमंत्री ने उद्यमियों को आश्वस्त करते हुये कहा, यह समय अत्यधिक विपरीत है। देश को इस विपरीत स्थिति से बाहर निकालने के लिये केन्द्र सरकार अपने पूरे सामथ्र्य के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने उद्यमियों का आवाहन करते हुये कहा, इस समस्या से बाहर आने के लिये आप भी अपने पुरुषार्थ से तत्पर रहे। इस महामारी से प्रभावित हुये सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की विभिन्न समस्याओं से सरकार अनभिज्ञ नहीं है। विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिये प्राप्त सुसंगत सुझावों पर नीतियां व कार्यक्रम लागू किये जा रहे हैं। किन्तु इस विपरीत परिस्थिति में इसके लिये सभी को समभाव से परस्पर सहयोग की भावना से कार्य करना होगा। स्माल इंडस्ट्रीज एंड मैन्युफ़ैक्चर्रस एसोसिएशन द्वारा आयोजित वेबीनॉर में देश के विभिन्न राज्यों से संगठन के सदस्य उद्यमियों ने प्रतिभाग कर केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रताप चन्द्र सारंगी को औद्योगिक क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं से अवगत कराया।
लॉकडाउन से उत्पन्न हुई सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिये महाराष्ट से सीए पंकज जायसवाल ने बताया, माइक्रो सेगमेंट की तरफ फोकस काफी कम है। एमएसएमई मंत्रालय के तहत इस क्षेत्र के उद्योगों के लिए एक अलग प्रकोष्ठ बनना चाहिए। इन्हें सिस्टम में लाने के लिए गहन पंजीकरण अभियान प्रारम्भ करना चाहिए, ताकि ग्रामीण स्तर के कुटीर उद्योग भी इसमें शामिल हो और इसका लाभ ले। औद्योगिक नगरी कानपुर से उद्यमी हरदीप सिंह राखरा ने मांग करते हुये बताया, लॉक डाउन खत्म होते ही बहुत सारे खर्चे सामने हैं, चाहे वो सैलरी हो, बैंकों का स्थगित ब्याज हो। सरकार को विभिन्न पेनाल्टी एवं बिजली के सरचार्जेज 31 दिसम्बर 2021 तक मांफ करने चाहिये। क्योंकि इन हालातों से बाहर निकलने में लगभग एक वर्ष का समय लग सकता है।
नरेन्द्र कुमार ने बताया, वेतन के बड़े खर्चे को देखते हुए वेज सब्सिडी की व्यवस्था हो, पीएफ भुगतान जो सरकार कर रही है इसे 31 दिसम्बर तक कर दिया जाय। ऋण लौटाने की शर्त पर सिर्फ छह प्रतिशत सालाना दर पर ब्रिज लोन मोनिटरिंग के आधार पर प्रदान किये जाये कि उसी के लिए यूज हो रहें हैं जिस लिए यह लिए गए थे। इस वेबिनॉर में हरजिन्दर सिंह, सीए पवन तिवारी, अशोक सक्सेना, नरेन्द्र कुमार आदि सहित विभिन्न राज्यों के उद्यमियों ने हिस्सा लिया।